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♀ वाक्य गीतांजलि : 100 – अमरीक सिंह खनूजा.
धनबाद 【झारखंड】 के
अमरीक सिंह खनूजा की पुस्तक ‘वाक्य गीतांजलि-100 स्वरचित’ आज़ मुझे प्राप्त हुई.
‘वाक्य गीतांजलि : 100 स्वरचित’ पुस्तक में अमरीक सिंह खनूजा ने अपनी 100 वाक्य हल सहित [ वाक्य शब्द/गीत/गायक-गायिका/फ़िल्म ] प्रकाशित की है. पुस्तक में एक बात की खासियत और है, वाक्य के साथ,प्रत्येक वाक्य के अर्थ को भी समझाने का प्रयास किया है.
‘वाक्य गीतांजलि’ रेडियो सिलोन का सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम था,जिसकी नींव उदघोषक स्व.शिव कुमार सरोज ने लगभग 60 वर्ष पूर्व रखी थी. शिव कुमार सरोज के बाद इस कार्यक्रम को मनोहर महाजन, स्व.दलबीर सिंह परमार और विजय लक्ष्मी डिसेरम ने इस प्रोग्राम को ऊंचाई प्रदान की, जो आज़ भी श्रोताओं के बीच लोकप्रिय है.
‘वाक्य गीतांजलि’ रेडियो सिलोन से तो अब प्रसारण नहीं होता है,किंतु इस 8 शब्दों को लेकर मनोहर महाजन भी 15 दिनों में फेसबुक लाइव पर ‘वाक्य संगीत पहेली’ का प्रसारण करते हैं, जो बेहद ही लोकप्रिय है. इसी तरह ‘चंदा वाक्य पहेली’ का प्रसारण ‘चंदा रेडियो स्टेशन’ ‘मधुबनी’ से किया जा रहा है, जिसके निर्देशक शोभिकांत झा ‘सज्जन’ हैं.
अमरीक सिंह खनूजा रेडियो सिलोन के वरिष्ठ एवं लोकप्रिय श्रोता हैं. ‘वाक्य गीतांजलि’ प्रोग्राम अमरीक सिंह जी की सबसे अधिक पसंदीदा कार्यक्रम है. इस प्रोग्राम से प्रभावित होकर अमरीक सिंह खनूजा ने शादी की 50वीं वर्षगांठ [30 नवंबर 1972] के उपलक्ष्य पर 30 नवंबर 2022 को 50 वर्ष होने पर अपनी अर्धांगिनी राजिंदर कौर खनूजा और हम तमाम श्रोताओं के लिए ये नायाब तोहफा दिया है.
उम्र थका नहीं सकती,
ठोकरें गिरा नहीं सकती.
अगर जीतने की जिद हो तो,
परिस्थितियां हरा नहीं सकती.
‘वाक्य गीतांजलि-100’ वाक्य संग्रह पुस्तक में अमरीक सिंह खनूजा कहते हैं-
हर जलते दीये तले अंधेरा होता है.
हर रात के पीछे एक सबेरा होता है.
लोग डर जाते हैं, मुश्किलों को देखकर,
पर हर मुश्किल के पीछे,
सफलता का सबेरा होता है.
अमरीक सिंह खनूजा प्रस्तावक के रूप में रेडियो सिलोन से 6 वाक्य ही प्रसारण करवा सके,मगर हम तो कहेंगे ये सभी वाक्यों के आप प्रस्तावक हैं. हमारी नज़रों में आप 100 वाक्यों के प्रस्तावक हैं और रहेंगे.
वाक्य गीतांजलि-100 प्रकाशन के पूर्व अमरीक सिंह खनूजा ने श्रोताओं को पूर्ववत सूचना दी थी. भारत के जिन श्रोताओं ने उन्हें बधाई/शुभकामनाएं दी है, उनके नाम और संदेश को भी प्रकाशित किया है-
बधाई संदेश जिनके प्रकाशित हैं-
-मनोहर महाजन,मुंबई
-सुनील सिन्हा, जमशेदपुर
-अश्विनी शर्मा,दिल्ली
-ज्योति एस के गनवीर,दुर्ग
-अज़ीज खत्री,महासमुंद
-मा.एस के पाटिल ‘शिवा’,हलनी
-मो.यासीन अंजान, गिरिडीह
-अमरीक सिंह प्रीत,जमशेदपुर
-गिरधारी लाल अग्रवाल,धनबाद
-किरण शिंदे,यवतमाल
-वासुदेव सिंह चौहान, लखनऊ
-रविंद्र सिंह छाबड़ा,नई दिल्ली
-मो.रफी रज़ा, कटिहार
-गोपाल प्रसाद गुप्त, कटिहार
-गोपाल चंद्र गुप्त, ओड़िसा
-अभिजीत गवाहणकर,उमरखेड़
-किरण सिंह,रायपुर
-अजय पाल सिंह,अलीगढ़
-भोजराज गुर्जर, नागदा
-प्रदीप भट्टाचार्य, भिलाई
-प्रभात रंजन प्रसाद, धनबाद
-गोरख प्रसाद गुप्ता, चाईबासा
-रामजी दुबे,आसनसोल
-जोगेंद्र सिंह बत्रा,नई दिल्ली
-सत्यनारायण भारद्वाज, हरियाणा
-शमीम अहमद अश्क,महाराष्ट्र
-प्रकाश दुधानी,उदयपुर
-अनिल तिवारी,रायपुर
-प्रबोध कापड़िया,भावनगर
-मनोज जेठवा
-मुकुंद देशपांडे
-संजीव लोचन नागर
-उमेन्द्र दास मानिकपुरी.
[इन संदेशों के अलावा उन श्रोताओं के नाम दिए गए हैं, जिन्होंने बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित किये थे,पुस्तक प्रकाशित होने के पहले]●
‘वाक्य गीतांजलि-100’ में
100 स्वरचित वाक्यों के अलावा कुछ भूली बिसरी यादों को भी हम श्रोताओं के साथ साझा किया है, अमरीक सिंह खनूजा ने.
श्रीलंका की सैर का सपना क्यों अधूरा रह गया है, उस बात को भी पुस्तक में शेयर किया है●
भाई अमरीक सिंह खनूजा पुस्तक में कहते हैं-
संगीत ईश्वर का वरदान है, जिसके कारण सुख,सुकून और शांति मिलती है.
बजाते रहिए,
गाते रहिए,
गुनगुनाते रहिए,
यही साथी यही मीत है,
दर्द काटे गीत संगीत.
♀ संपर्क-
अमरीक सिंह खनूजा
खनूजा निवास,
शास्त्री नगर [पूर्व],
पंजाबी कॉलोनी,
धनबाद-826001
[ झारखंड ]
♀ 095765 26643
●वाक्य गीतांजलि-100 के लेखक अमरीक सिंह खनूजा और राजिन्द्र कौर खनूजा को शादी की 50वीं वर्षगांठ पर ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ परिवार और ‘भिलाई रेडियो लिसनर्स क्लब’ एवं छत्तीसगढ़ के तमाम श्रोताओं की तरफ से अनंत शुभकामनाएं बधाई💐
-प्रदीप भट्टाचार्य
-शेफाली भट्टाचार्य