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बड़ी खबर- शराबबंदी पर कांग्रेस का नया बयान, समिति अध्यक्ष ने कहा कि पूरे देश में एक साथ बंद हो शराब, ऐसा नहीं हुआ तो तस्करी होगी, पढ़े पूरी खबर
कांग्रेस विधायक और शराबबंदी का सुझाव देने के लिए बनी राजनीतिक समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने कहा, छत्तीसगढ़ के किसी पड़ोसी राज्य में शराबबंदी नहीं है। यहां एकाएक शराबबंदी कर भी दी जाए तो उन राज्यों से अवैध शराब का आना शुरू हो जाएगा। ऐसे में शराब में मिलावट और जहरीली शराब जैसी गंभीर समस्याएं भी खड़ी हो जाएंगी।
सत्यनारायण शर्मा ने शराबबंदी के कुछ उदाहरण भी गिनाए। उन्होंने कहा, हरियाणा में एक बार 21 महीने के लिए शराबबंदी हुई थी। इस दौरान शराब से संबंधित एक लाख से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हुए। अवैध शराब की 13 लाख से अधिक बोतलें जब्त हुईं वहीं जहरीली शराब की घटना में 60 लोगों की मौत हुई। बिहार ने 2016 में शराबबंदी की। परिणाम यह हुआ कि उसी साल वहां के गोपालगंज जिले में अवैध शराब पीने की वजह से 15 लोगों की मौत हो गई।
बिहार में इस साल 50 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। पिछले साल 39 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने की वजह से हुई थी। अवैध शराब बेचने, लाने-ले जाने और पीने के मामले में बिहार में छह लाख 32 हजार लोगों पर केस हुआ है। वहां पूरे प्रदेश में ऊंची दर पर शराब बिक रही है। इसकी वजह से पुलिस में भ्रष्टाचार बढ़ा है। वहां की अदालतों में अवैध शराब के ही ढाई लाख से अधिक केस लंबित हैं जो न्यायपालिका की क्षमता को प्रभावित कर रहे हैं।
विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा, गुजरात जैसे पूर्ण शराबबंदी वाले राज्य में भी करीब 150 लोग जहरीली शराब की वजह से मर गए। उन्होंने कहा, शराबबंदी के मुद्दे पर राजनीति ठीक नहीं है। अगर सफल शराबबंदी करनी है तो पूरे देश में एक साथ बंद करना होगा। तभी तस्करी पर भी लगाम लगेगी।
विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा, पिछली बार उन्होंने कहा था कि शराबबंदी जनता का मुद्दा नहीं है। इसको लोग खासकर भाजपा समझ नहीं पाई। जनता की भागीदारी के बिना शराबबंदी नहीं हो पाएगी। अगर जनता शराबबंदी चाहती है तो कोई सरकार उसे लागू करने से रोक नहीं पाएगी।
विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा, छत्तीसगढ़ में सरकार शराब को हतोत्साहित कर रही है। अब तक शराब की 50 दुकानें बंद कराई जा चुकी हैं। 49 बीयर बार-रेस्टोरेंट बार बंद हुआ है। राज्य सरकार शराबबंदी को लेकर गंभीर प्रयास कर रही है। विभिन्न राज्याें की शराबनीति का भी अध्ययन जारी है। उनकी अच्छाई-बुराई को परखा जा रहा है। शराबबंदी वाले विभिन्न राज्यों को लिखा गया है, उनकी अनुमति मिलते ही राजनीतिक समिति के लोग वहां जाकर जमीनी स्थिति भी देखेंगे।
[ ‘ छत्तीसगढ़ आसपास ‘ न्यूज़ रूम से संवाददाता ]