• Chhattisgarh
  • ▶️ व्यंग्य : नये भारत के नये राष्ट्रपिता : गांधी को जाने दो, भागवत को आने दो ❗ •राजेंद्र शर्मा

▶️ व्यंग्य : नये भारत के नये राष्ट्रपिता : गांधी को जाने दो, भागवत को आने दो ❗ •राजेंद्र शर्मा

2 years ago
146

मोदी जी को इस हैप्पी बर्थ डे पर तो गांधी जी को राष्ट्रपिता के पद से रिटायर कर ही देना चाहिए। आखिर 75 साल तो बापू को ऑफीशियली यानी स्वतंत्रता के बाद “राष्ट्रपिता” रहते हुए हो ही गए हैं। उससे पहले के भी दस-पंद्रह साल तो कहीं गए नहीं हैं। और बेचारों से कितने टैम “राष्ट्रपितागीरी” कराएंगे।

और कोई भले ही न करे, पर कम से कम मोदी जी को तो अगले की बुजुर्गी का ख्याल रखना चाहिए। सब कुछ के बावजूद हैं, तो उनके गुजरात के ही। मोदी जी ने उनकी, सरदार की जैसी, दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति नहीं बनवायी है, तो इसका मतलब यह थोड़े ही है मोदी जी को गांधी जी का ख्याल ही नहीं है। मूर्ति का मामला जरा डिफरेंट था।

मोदी जी की बनवायी मूर्ति को कम-से-कम टू इन वन तो होना ही चाहिए था — मूर्ति की मूर्ति और वर्ल्ड रिकार्ड का वर्ल्ड रिकार्ड। अब दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति तो दुनिया में न सही, कम से कम इंडिया में तो एक ही हो सकती थी। और जाहिर है कि एक गुजराती की मूर्ति तो सरदार साहब की ही हो सकती थी। पर मोदी के मूर्तियों को बनवाने का सिलसिला उसी पर खत्म हो गया, क्योंकि जिन मोदी जी के कंपटीशन में केजरीवाल साहब अब इंडिया को नंबर वन बनाने के लिए चुनाव कैंपेन पर निकल पड़े हैं, वह मोदी जी नंबर वन बनाने के बाद, नंबर टू-थ्री वगैरह मूर्तियां तो बनवाने वाले थे नहीं। बस इसीलिए, गांधी जी पहले वाली छोटी मूर्तियों में ही रह गए। वर्ना सरदार से थोड़ा कम ही सही, पर गांधी जी का भी मोदी जी को बहुत ख्याल है। और कोई कुछ भी कहे, रिटायरमेंट पॉलिसी की जरूरत तो बुजुर्गों का ख्याल रखने के लिए ही होती है। गांधी जी के बुढ़ापे की चिंता मोदी जी नहीं करेंगे, तो कौन करेगा?

राष्ट्रपिता के आसन पर चढ़े-चढ़े, मूर्तियों के पैडस्टल पर रात-दिन ज्यादातर खड़े-खड़े बेचारों की हड्डियां दर्द करने लगी होंगी। मांस-वांस तो वैसे भी कभी था ही नहीं। अब मोदी जी नहीं तो, और कौन उनकी बूढ़ी हड्डियों को आराम दिलाएगा।

फिर सिर्फ हड्डियों के दर्द की बात होती तो बुढ़ऊ बाम-वाम लगाकर अभी और गाड़ी खींच सकते थे। बाम मलिए, काम पर चलिए। अब तो स्प्रे भी आने लगे हैं, लगाने में भी आसानी, काम आने में भी आसानी। पर बुढ़ऊ के दिल-दिमाग के कष्ट भी तो कोई कम नहीं हैं। देश आजाद हो रहा था, उसी टैम पर राजधानी की जगमग छोडक़र बुढ़ऊ खुद को हिंदू और मुसलमान कहने वालों को इंसान बनाने के लिए जो कोलकाता से लेकर दूर-दूर के देहात तक भटकते रहे थे, उसके बाद उनका दिल-दिमाग तो कभी राजधानी में लौटा ही नहीं। शरीर लौटा था, सो भाई गोडसे ने उसको धरती पर लोटा दिया। बाद में बंदा खुद भी धरती के पास लौट गया। तो क्या गोडसे जी को भारत का पहला आतंकवादी मानव बम कह सकते हैं!

खैर, मुद्दे की बात यह है कि राष्ट्रपिता के आसन पर टंगे-टंगे गांधी जी को अपार मानसिक क्लेश हो रहा है, उसका क्या? कभी अखलाक के लिए हाय-हाय, तो कभी फूल माला चढ़ाने वाले दंगाइयों को देखकर दुर-दुर। कभी सीएए के जुलूस में शामिल होने का मन करे, तो कभी दिल्ली के बार्डरों पर बैठे किसानों के बीच जाने का। कभी भीमा-कोरेगांव मामले के कैदियों को गले लगाने का मन करे, तो कभी जेएनयू वालों के संग आजादी-आजादी चिल्लाने का। बिलकीस बानो केस के दोषियों की माफी का मामला आया तब तो हाथ से दिल पकडक़र ही बैठ गए, जैसे दिल का दौरा ही पड़ जाएगा। ऐसे कमजोर दिल के साथ उन्हें राष्ट्रपिता कैसे बनाए रखा जा सकता है। अब इतने बड़े देश में ऐसे हादसे तो रुकने से रहे, बुढ़ऊ को किसी दिन कुछ हो-हवा गया, तो मोदी जी किसे-किसे जवाब देते फिरेंगे?

हमें पता है कि रिटायर होना तो किसी का भी अच्छा नहीं लगता है। फिर राष्ट्रपिता का रिटायर होना तो कैसे अच्छा लगेगा। सच पूछिए, तो राष्ट्रपिता के रिटायर होने की तो दुनिया भर में कोई दूसरी नजीर भी नहीं है। राष्ट्रपिता धीरे-धीरे भुला दिए जाएं, यह तो काफी हुआ है। लेकिन, याद रहते-रहते रिटायर कर दिए जाएं, यह अभी तक नहीं हुआ। यानी इस मामले में भारत के विश्व रिकार्ड बनाने की गुंजाइश है। विश्व रिकार्ड ही क्यों भारत इस मामले में तो पक्का विश्व गुरु बन सकता है। आखिरकार, हमारी तरह और भी तो बहुत से राष्ट्र होंगे, जो भीतर से एकदम बदल गए होंगे, फिर भी पुराने वाला राष्ट्रपिता ही ढो रहे होंगे। वे हमसे गुरुदीक्षा ले सकते हैं और गुजरे जमाने वाले राष्ट्रपिता के बोझ से मुक्ति पा सकते हैं।

और भारत को इस मामले में विश्व गुरु का आसन अगर कोई दिला सकता है, तो मोदी जी ही दिला सकते हैं। बेशक, विरोधी राष्ट्रपिता के पद से गांधी जी को रिटायर करने पर काफी शोर मचाएंगे। पर मोदी जी की 56 इंच की छाती और कब काम आएगी? आखिर, 56 इंच की छाती का देश के लिए कुछ तो उपयोग हो! 56 इंच सिर्फ दिखाने के लिए थोड़े ही रखे हैंगे।

और बात सिर्फ मोदी की छाती के नाप की भी कहां है? मोदी जी को कौन सा राष्ट्रपिता के पद से बापू को अपने मन से रिटायर करना है। यह तो पापूलर डिमांड है। जब से आल इंडिया इमाम काउंसिल के अध्यक्ष, मौलाना उमर इलियासी ने भागवत साहब को नया राष्ट्रपिता बनाने की पेशकश की है, तब से पब्लिक इस आइडिया को हाथों-हाथ ले रही है। गोडसे का मंदिर बनाने के लिए एक जमाने से परेशान असली हिंदुओं से लेकर, राम से कम किसी को राष्ट्रपिता मानकर नहीं देने वाले उग्र हिंदुओं तक, नये राष्ट्रपिता के स्वागत के लिए बेचैन हैं। सोशल मीडिया पर जनमत संग्रह करा के देख लो, भागवत जी के सामने गांधी की जमानत जब्त नहीं हो जाए तो कह देना।

यह सौ टका पापुलर डिमांड है और डैमोक्रेसी तो पापुलर डिमांड से ही चलती है। भागवत जी की उम्मीदवारी नहीं होती, तब भी पापुलर डिमांड पर मोदी जी को बापू को रिटायर तो करना ही पड़ता, फिर भले ही ऐसी डिमांड करने वालों को वह मन से माफ नहीं कर पाते। आखिर, यह भावनाओं का नहीं डैमोक्रेसी के सिद्धांत का सवाल है। डैमोक्रेसी का सिद्धांत है कि एक ही व्यक्ति किसी पद पर हमेशा नहीं रह सकता है। एक वक्त के बाद किसी दूसरे के लिए पद खाली करना ही होता है। और डैमोक्रेसी के सिद्धांत के साथ मोदी जी समझौता हर्गिज नहीं करेंगे। राष्ट्रपिता गांधी भी डैमोक्रेसी के इस सिद्धांत का अपवाद नहीं हो सकते हैं। इसमें पर्सनल कुछ भी नहीं है।

सरदार के भक्त होने के बावजूद, डैमोक्रेसी के सिद्धांत की खातिर मोदी जी अगर अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम का नाम सरदार की जगह नरेंद्र मोदी के नाम कर सकते हैं, तो राष्ट्रपिता का पद पापुलर डिमांड पर गांधी से लेकर, भागवत के नाम क्यों नहीं कर सकते हैं।

और जो पापूलर डिमांड है, वही इतिहास की पुकार भी तो है। आखिरकार, नये इंडिया को अपना नया राष्ट्रपिता भी तो मिलना चाहिए। कब तक नेहरू-गांधी के टाइम के पुराने भारत के आउटडेटेड राष्ट्रपिता से ही काम चलाते रहेंगे। हां! अगर नये इंडिया के असली पिता के लिए राष्ट्रपिता का पद सुरक्षित रखना हो, तो इलियासी साहब ने तो हाथ के हाथ उसका भी सोल्यूशन दिया ही है। उन्होंने भागवत साहब को राष्ट्र ऋषि बनाने का विकल्प भी तो सुझाया है। संघ तो खुद भी हमेशा से राष्ट्र ऋषि बनने के चक्कर में रहा है। सो बर्थ डे गिफ्ट में गांधी जी को राष्ट्रपिता पद से छुट्टी नहीं भी दें तो भी, भागवत को राष्ट्र ऋषि बनाकर कंपनी के लिए फौरन उनकी बगल में तो बैठाया ही जा सकता है। खूब झगड़ेंगे जो मिलकर बैठेंगे दीवाने दो! बढ़िया एंटरटेनमेंट मुफ्त में।


[ •व्यंग्य के लेखक राजेंद्र शर्मा ‘ लोकलहर ‘ के संपादक हैं ]

🟥🟥🟥🟥🟥

विज्ञापन (Advertisement)

ब्रेकिंग न्यूज़

breaking Chhattisgarh

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे रायपुर सेंट्रल जेल, कवासी लखमा और देवेंद्र यादव से की मुलाकात…

breaking National

कर्तव्य पथ पर दिखेगी छत्तीगढ़ की जनजातीय परंपराओं और रामनामी समुदाय की झलक

breaking National

40 लाख किसान परिवारों को तोहफा, PM मोदी ने कहा- जूट की MSP बढ़ने से होगा लाभ

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को एक और झटका, सुकमा की प्राचीन गुफा में छिपा रखा था हथियारों का जखीरा, जवानों ने किया जब्त

breaking Chhattisgarh

पॉक्सो एक्ट: यौन उत्पीड़न को साबित करने शारीरिक चोट दिखाना जरूरी नहीं

breaking National

भव्य नहीं, साधारण और पारंपरिक होगी गौतम अदाणी के बेटे जीत की शादी, Adani Group के चेयरमैन ने ये कहा

breaking Chhattisgarh

रायपुर पहुंचे 14 नक्सलियों के शव… पोस्टमार्टम से पहले पोर्टेबल मशीन से होगा एक्स-रे, कहीं अंदर विस्फोटक तो नहीं

breaking Chhattisgarh

पंचायत-निकाय चुनावों के लिए BJP-कांग्रेस ने प्रत्याशियों के तय किए नाम! इस तारीख तक पार्टियां कर देंगी ऐलान

breaking Chhattisgarh

नक्सली मुठभेड़ में जवानों को बड़ी कामयाबी, मुख्यमंत्री साय ने की सराहना, कहा- छत्तीसगढ़ मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त होकर रहेगा

breaking National

लव जिहाद को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा का बड़ा बयानः बोले- हिंदू बेटियों को जागरूक होने की जरूरत, फ्रिजों में मिलते हैं लड़कियों के टुकड़े

breaking Chhattisgarh

चाइनीज मांझे से कटा बच्चे का गला, इलाज के दौरान मौत

breaking Chhattisgarh

महाकुंभ के लिए छत्तीसगढ़ से 8 स्पेशल ट्रेन : भक्तों की यात्रा आसान करने रेलवे ने लिया बड़ा फैसला, जानें स्पेशल ट्रेनों का शेड्यूल…

breaking international

TRUMP MEME Coin ने लॉन्च होते ही लगाई 300-500 फीसदी की छलांग, कुछ ही घंटों में निवेशकों को बनाया मालामाल, ट्रेडिंग वॉल्यूम लगभग $1 बिलियन तक पहुंचा

breaking Chhattisgarh

फरवरी में 27 लाख किसानों को धान का बोनस, रेडी टू ईट फिर महिलाओं के हाथ

breaking Chhattisgarh

3000 शिक्षकों की पुलिस से झड़प, प्रदर्शन के दौरान किया तितर-बितर, सस्पेंड होने को लेकर आक्रोश

breaking Chhattisgarh

विष्णु का सुशासन – पुलिस के साथ अन्य सरकारी भर्तियों में आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट से बढ़े युवाओं के अवसर

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में रोजगार के लिए अनुबंध, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा- हजारों छात्रों को दिया जाएगा प्रशिक्षण, रोजगार के अवसर होंगे उत्पन्न

breaking Chhattisgarh

विष्णु सरकार का कड़ा एक्शन… एक ही दिन में 9 अफसरों को किया सस्पेंड, ठेकेदार पर भी होगा एक्शन

breaking Chhattisgarh

कैटरिंग दुकान में 6 सिलेंडरों में धमाका, इलाके में मची भगदड़, 10 लाख का सामान जलकर खाक

breaking Chhattisgarh

मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्डिंग ऑन कर छिपा देता था लेडिज टायलेट में… पुलिस ने सफाई वाले को पकड़ा

कविता

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

poetry

कविता आसपास : दुलाल समाद्दार

poetry

ग़ज़ल : विनय सागर जायसवाल [बरेली उत्तरप्रदेश]

poetry

कविता आसपास : महेश राठौर ‘मलय’

poetry

कविता आसपास : प्रदीप ताम्रकार

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : रियाज खान गौहर

poetry

कविता आसपास : रंजना द्विवेदी

poetry

रचना आसपास : पूनम पाठक ‘बदायूं’

poetry

ग़ज़ल आसपास : सुशील यादव

poetry

गाँधी जयंती पर विशेष : जन कवि कोदूराम ‘दलित’ के काव्य मा गाँधी बबा : आलेख, अरुण कुमार निगम

poetry

रचना आसपास : ओमवीर करन

poetry

कवि और कविता : डॉ. सतीश ‘बब्बा’

poetry

ग़ज़ल आसपास : नूरुस्सबाह खान ‘सबा’

poetry

स्मृति शेष : स्व. ओमप्रकाश शर्मा : काव्यात्मक दो विशेष कविता – गोविंद पाल और पल्लव चटर्जी

poetry

हरेली विशेष कविता : डॉ. दीक्षा चौबे

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

poetry

कविता आसपास : अनीता करडेकर

poetry

‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक व कवि प्रदीप भट्टाचार्य के हिंदी प्रगतिशील कविता ‘दम्भ’ का बांग्ला रूपांतर देश की लोकप्रिय बांग्ला पत्रिका ‘मध्यबलय’ के अंक-56 में प्रकाशित : हिंदी से बांग्ला अनुवाद कवि गोविंद पाल ने किया : ‘मध्यबलय’ के संपादक हैं बांग्ला-हिंदी के साहित्यकार दुलाल समाद्दार

poetry

कविता आसपास : पल्लव चटर्जी

कहानी

story

लघु कथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

सत्य घटना पर आधारित कहानी : ‘सब्जी वाली मंजू’ : ब्रजेश मल्लिक

story

लघुकथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

कहिनी : मया के बंधना – डॉ. दीक्षा चौबे

story

🤣 होली विशेष :प्रो.अश्विनी केशरवानी

story

चर्चित उपन्यासत्रयी उर्मिला शुक्ल ने रचा इतिहास…

story

रचना आसपास : उर्मिला शुक्ल

story

रचना आसपास : दीप्ति श्रीवास्तव

story

कहानी : संतोष झांझी

story

कहानी : ‘ पानी के लिए ‘ – उर्मिला शुक्ल

story

व्यंग्य : ‘ घूमता ब्रम्हांड ‘ – श्रीमती दीप्ति श्रीवास्तव [भिलाई छत्तीसगढ़]

story

दुर्गाप्रसाद पारकर की कविता संग्रह ‘ सिधवा झन समझव ‘ : समीक्षा – डॉ. सत्यभामा आडिल

story

लघुकथा : रौनक जमाल [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

लघुकथा : डॉ. दीक्षा चौबे [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

🌸 14 नवम्बर बाल दिवस पर विशेष : प्रभा के बालदिवस : प्रिया देवांगन ‘ प्रियू ‘

story

💞 कहानी : अंशुमन रॉय

story

■लघुकथा : ए सी श्रीवास्तव.

story

■लघुकथा : तारक नाथ चौधुरी.

story

■बाल कहानी : टीकेश्वर सिन्हा ‘गब्दीवाला’.

story

■होली आगमन पर दो लघु कथाएं : महेश राजा.

लेख

Article

तीन लघुकथा : रश्मि अमितेष पुरोहित

Article

व्यंग्य : देश की बदनामी चालू आहे ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

लघुकथा : डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय [केंद्रीय विद्यालय वेंकटगिरि, आंध्रप्रदेश]

Article

जोशीमठ की त्रासदी : राजेंद्र शर्मा

Article

18 दिसंबर को जयंती के अवसर पर गुरू घासीदास और सतनाम परम्परा

Article

जयंती : सतनाम पंथ के संस्थापक संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास जी

Article

व्यंग्य : नो हार, ओन्ली जीत ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

🟥 अब तेरा क्या होगा रे बुलडोजर ❗ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा.

Article

🟥 प्ररंपरा या कुटेव ❓ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा

Article

▪️ न्यायपालिका के अपशकुनी के साथी : वैसे ही चलना दूभर था अंधियारे में…इनने और घुमाव ला दिया गलियारे में – आलेख बादल सरोज.

Article

▪️ मशहूर शायर गीतकार साहिर लुधियानवी : ‘ जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है, जंग क्या मसअलों का हल देगी ‘ : वो सुबह कभी तो आएगी – गणेश कछवाहा.

Article

▪️ व्यंग्य : दीवाली के कूंचे से यूँ लक्ष्मी जी निकलीं ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

25 सितंबर पितृ मोक्ष अमावस्या के उपलक्ष्य में… पितृ श्राद्ध – श्राद्ध का प्रतीक

Article

🟢 आजादी के अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. अशोक आकाश.

Article

🟣 अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. बलदाऊ राम साहू [दुर्ग]

Article

🟣 समसामयिक चिंतन : डॉ. अरविंद प्रेमचंद जैन [भोपाल].

Article

⏩ 12 अगस्त- भोजली पर्व पर विशेष

Article

■पर्यावरण दिवस पर चिंतन : संजय मिश्रा [ शिवनाथ बचाओ आंदोलन के संयोजक एवं जनसुनवाई फाउंडेशन के छत्तीसगढ़ प्रमुख ]

Article

■पर्यावरण दिवस पर विशेष लघुकथा : महेश राजा.

Article

■व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा.

राजनीति न्यूज़

breaking Politics

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उदयपुर हत्याकांड को लेकर दिया बड़ा बयान

Politics

■छत्तीसगढ़ :

Politics

भारतीय जनता पार्टी,भिलाई-दुर्ग के वरिष्ठ कार्यकर्ता संजय जे.दानी,लल्लन मिश्रा, सुरेखा खटी,अमरजीत सिंह ‘चहल’,विजय शुक्ला, कुमुद द्विवेदी महेंद्र यादव,सूरज शर्मा,प्रभा साहू,संजय खर्चे,किशोर बहाड़े, प्रदीप बोबडे,पुरषोत्तम चौकसे,राहुल भोसले,रितेश सिंह,रश्मि अगतकर, सोनाली,भारती उइके,प्रीति अग्रवाल,सीमा कन्नौजे,तृप्ति कन्नौजे,महेश सिंह, राकेश शुक्ला, अशोक स्वाईन ओर नागेश्वर राव ‘बाबू’ ने सयुंक्त बयान में भिलाई के विधायक देवेन्द्र यादव से जवाब-तलब किया.

breaking Politics

भिलाई कांड, न्यायाधीश अवकाश पर, जाने कब होगी सुनवाई

Politics

धमतरी आसपास

Politics

स्मृति शेष- बाबू जी, मोतीलाल वोरा

Politics

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हलचल

breaking Politics

राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा- मर्यादित भाषा में रखें अपनी बात

Politics

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने डाॅ. नरेन्द्र देव वर्मा पर केन्द्रित ‘ग्रामोदय’ पत्रिका और ‘बहुमत’ पत्रिका के 101वें अंक का किया विमोचन

Politics

मरवाही उपचुनाव

Politics

प्रमोद सिंह राजपूत कुम्हारी ब्लॉक के अध्यक्ष बने

Politics

ओवैसी की पार्टी ने बदला सीमांचल का समीकरण! 11 सीटों पर NDA आगे

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, ग्वालियर में प्रेस वार्ता

breaking Politics

अमित और ऋचा जोगी का नामांकन खारिज होने पर बोले मंतूराम पवार- ‘जैसी करनी वैसी भरनी’

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल बिहार चुनाव के स्टार प्रचारक बिहार में कांग्रेस 70 सीटों में चुनाव लड़ रही है

breaking National Politics

सियासत- हाथरस सामूहिक दुष्कर्म

breaking Politics

हाथरस गैंगरेप के घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा, पढ़िए पूरी खबर

breaking Politics

पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना के बाद, पीसीसी चीफ ने जांच समिति का किया गठन