• Chhattisgarh
  • दीपावली पर्व पर तुलसी में दियना जलाए हो माय, प्रो. अश्विनी केशरवानी

दीपावली पर्व पर तुलसी में दियना जलाए हो माय, प्रो. अश्विनी केशरवानी

2 years ago
158

दीपावली आज केवल हिन्दुओं का ही त्योहार ही नहीं है बल्कि सभी वर्गो और सम्प्रदायों के द्वारा मनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय त्योहार है। राष्ट्रीय एकता के प्रतीक यह त्योहार लोगों में आपसी सौहार्द्र बनाये रखने में सहयोग करता है। पांच दिनों तक मनाए जाने वाले इस त्योहार के पीछे अनेक किंवदंतियां प्रचलित हैं। दीपों का यह पर्व खुशियों का प्रतीक है। भगवान श्रीरामचंद्र जी 14 वर्ष बनवास के दौरान अनेक राक्षसों और रावण जैसे शूरवीरों को मारकर जब अयोध्या लौटे तो न केवल अयोध्या में बल्कि पूरे ब्रह्मांड में दीप जलाकर खुशियां मनायी गयी थी और उनका स्वागत किया गया था। तब से दीप जलाकर इस पर्व को मनाने की परंपरा प्रचलित हुई। बुंदेलखंडी लोकगीतों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि रामायण काल में दीवाली जेठ मास में मनायी जाती थी जिसे द्वापर युग में श्रीकृष्ण जी के जन्म के बाद कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष में मनायी जाने लगी:-

जेठ दिवारी होत तो, जेठ पूजत तो गाय

उपजे कन्हैया नंद के, सो ले गये कार्तिक मास।

दीपावली की तैयारी एक महिने पूर्व से शुरू हो जाती है। ऐसा लगता है जैसे इसका ही हमें इंतजार था। दीपों के इस पर्व के साथ घरों औं दुकानों की साफ सफाई और रंग रोगन भी हो जाता है। साफ सफाई से जहां साल भर से जमते आ रहे कचरा और गंदगी की सफाई हो जाती है और ख्याल से उतरे कुछ जरूरी सामान और कागजात की छंटाई सफाई हो जाती है। व्यापारी वर्ग के लिए तो यह नये वर्ष की शुरूवात होती है। पुराने हिसाब किताब बराबर करना और नये खाता बही की शुरूवात जैसे लक्ष्मी आगमन का प्रतीक है। रंग रोगन से जहां मकानों और दुकानों की शोभा बढ़ जाती है, वहीं टूटे फूटे मकानों, दीवारों और सामानों की मरम्मत आदि हो जाती है। मान्यता भी यही है कि साफ सुथरे जगहों में लक्ष्मी जी का वास होता है और संभवतः लोगों का यह प्रयास लक्ष्मी जी को बहलाने फुसलाने का माध्यम भी होता है। इससे एक ओर तो धन्ना सेठों के घर चमकने लगते हैं वहीं दाने दाने को मोहताज लोग एक दीप भी नहीं जला पाते….तभी तो कवि श्री सरयूप्रसाद त्रिपाठी ‘मधुकर‘ कहते हैं:-

धनिकों के गृह सज स्वच्छ हुये,

दीनों ने आंसू से पोंछा।

माता का आंचल पकड़ बाल

मिष्ठान हेतु रह रह रोता।

लक्ष्मी पूजा की बारी है

पर पास न पान सुपारी है।

कार्तिक अमावस्या को मनाये जाने वाले इस त्योहार के प्रति पुराने जमाने में जो खुशी और उत्साह होता था उसका आज पूर्णतः अभाव देखा जा सकता है। आज दीवाली के प्रति लोगों की खुशियां कृत्रिम और क्षणिक होती है। जबकि पुराने समय में दीवाली के आगमन की तैयारी एक माह पहले से शुरू हो जाती थी। इस दिन सबके चेहरे पर रौनक होती थी। सभी आपसी भेद भाव को भूलकर एकता के सूत्र में बंध जाया करते थे। ऊँच-नीच, अमीर-गरीब, छूत-अछूत जैसा भेद नहीं होता था बल्कि आपसी समझ-बूझ से लोग यह त्योहार मनाया करते थे। पर्व और त्योहारों का संबंध आजकल मन से कम और धन से ज्यादा होता है। सम्पन्नता विशेष आयोजनों और त्योहारों को विभाजित कर देती है, विपन्नता तो महज जीवन को जिंदा रखती है और मरने भी नहीं देती। देखिये कवि मधुकर जी की एक बानगी:-

चिंता विस्मृत हो गयी दुखद

उत्साह अमित उर में छाया।

धन दल विहीन नव नील गगन

विस्मृत अतिशय मन को भाया।

विहंसी निशि में तारावलियां

जब जुगनूं की जमात चमकी।

कुछ सहमे अचानक आ गयी

यह अलस अमा रजनी काली।

छत्तीसगढ़ में कार्तिक मास को धरम महिना कहा जाता है और इस मास में तुलसी चैरा में दीया जलाना बड़ा शुभ माना जाता है। कवि भी यही कहते हैं:-

कातिक महिना धरम के रे माय।

तुलसी में दियना जलाए हो माय।।

छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कवि स्व. श्री हरि ठाकुर दीवाली को विशुद्ध कृषि संस्कृति पर आधारित त्योहार मनाते हैं। इस समय खेतों में धान की बाली लहलहाने लगती है और बाली के धान पकने लगते हैं। किसान इसे देखकर झूम झूमकर गाने लगता है:-

दिया बाती के तिहार,

होगे घर उजियार

गोइ अचरा के जोत ल

जगाए रहिबे

दूध भरे धान,

होगे अब तो जवान

परौं लक्ष्मीं के पांव,

निक बादर के छांव,

सुवा रंग खेत खार, बन दूबी मेढ़ पार,

गोई फरिका पलक के लगाए रहिबे।

दीपों का यह त्योहार खुशी, आनंद और भाईचारा का प्रतीक माना जाता है पर बदलते परिवेश में इसकी परिभाषा फिजूलखर्ची और दिखावे ने ले लिया है। इससे मध्यम वर्गीय परिवारों का आर्थिक ढांचा बहुत हद तक चरमरा जाता है। हमारे समाज में उच्च-मध्यम और निम्न वर्गीय लोग रहते हैं। उच्च वर्ग का फिजुलखर्ची और भोंडा प्रदर्शन मध्यम और निम्न वर्गीय लोगों को बरगलाने के लिये काफी होता है। कुछ लोग तो इन्हें हेय समझने लगे हैं। निम्न वर्ग तो हमेशा यही समझता है कि अमीरों के लिये ही सभी त्योहार होते हैं। सबसे ज्यादा आर्थिक और सामाजिक बोझ मध्यम वर्गीय परिवारों के उपर ही पड़ता है। उनकी स्थिति सांप और छुछंदर जैसी होती है। वे त्योहारों को न तो छोड़ सकती है न ही उनसे जुड़ सकती है। मेरा अपना अनुभव है कि कुछ लोग इस कोशिश में रहते हैं कि अपनी दीवाली सबसे ज्यादा रंगीन और आकर्षक हो। इसके लिये वे अधिक खर्च करना अपनी शान समझते हैं। अपनी शान और अभियान को बनाये रखने तथा पड़ोसियों के उपर अपना रोब जमाने का यह प्रयास मात्र होता है। इससे न उसके शान और मान में बढ़ोतरी होती है, न ही लोग उनसे जुड़ पाते हैं। सामाजिक जुड़ाव के लिये आर्थिक सम्पन्नता का भोंडा प्रदर्शन के बजाय व्यावहारिक होकर सादगी से इस पर्व को मनाना उचित होगा।

छत्तीसगढ़ की दीवाली:-

छत्तीसगढ़ में पांच दिन तक चलने वाले इस त्योहार का आरंभ धनतेरस याने धनवंतरि त्रयोदश से होता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान धनवंतरि अपने हाथ में अमृत कलश लिए प्रगट हुए थे। समुद्र मंथन में जो 14 रत्न निकले थे, भगवान धनवंतरि उनमें से एक हैं। वे आरोग्य और समृद्धि के देव हैं। स्वास्थ्य और सफाई से इनका गहरा संबंध होता है। इसीलिए इस दिन सभी अपने घरों की सफाई करते हैं और लक्ष्मी जी के आगमन की तैयारी करते हैं। इस दिन लोग यथाशक्ति धन के रूप में सोना-चांदी और बर्तन आदि खरीदते हैं। कवि मधुकर जी भी यही कहते हैं:-

लिप पुतकर स्वच्छ विशाल भवन

है खड़े गर्व से हास लिए।

सज्जित हो कर मन ही मन में

सुंदर भविष्य की आस लिए।।

दूसरे दिन कृष्ण चतुर्दशी होता है। इस दिन को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण नरकासुर का वध करके उनकी कैद से हजारों राजकुमारियों को मुक्ति दिलाकर उनके जीवन में उजाला किये थे। राजकुमारियों ने इस दिन दीपों की श्रृंखला जलाकर अपने जीवन में खुशियों को समाहित किया था:-

उमा की काली निशा में, लास करता है उजाला।

कलित कातिक में जल रही है, आज फिर से दीप माला।।

तीसरे दिन आता है दीपावली। दीपों का त्योहार..लक्ष्मी पूजन का त्योहार। असत्य पर सत्य की, अंधकार पर प्रकाश की, और अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक त्योहार है दीपावली। इस त्योहार को मनाने के पीछे अनेक लोक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। श्रीरामचंद्र जी के 14 वर्ष बनवास काल की समाप्ति और अयोध्या आगमन पर उनके स्वागत में दीप जलाना, अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। स्वामी रामकृष्ण परमहंस का इस दिन जन्म हुआ था और इसी दिन उन्होंने जल समाधि ली थी। अहिंसा की प्रतिमूर्ति और जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर महावीर स्वामी ने इसी दिन निर्वाण किया था। सिख धर्म के प्रवर्तक श्री गुरूनानक देव का जन्म इसी दिन हुआ था। इन सत्पुरूषों के उच्च आदर्शो और अमृतवाणी से हमें सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।…और इसी अमावस्या को भगवान विष्णु जी ने धन की देवी लक्ष्मी जी का वरण किया था। इसीलिए इस दिन सारा घर दीपों के प्रकाश से जगमगा उठता है। पटाखे और आतिशबाजी की गूंज उनके स्वागत में होती हैं। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को पूजा अर्चना करके प्रसन्न किया जाता है और घर को श्री सम्पन्न करने की उनसे प्रार्थना की जाती है:-

जय जय लक्ष्मी ! हे रमे ! रम्य

हे देवि ! सदय हो, शुभ वर दो

प्रमुदित हो, सदा निवास करो

सुख सम्पत्ति से पूरित कर दो,

हे जननी ! पधारो भारत में

कटु कष्ट हरो, कल्याण करो

भर जावे कोषागार शीघ्र

दुर्भाग्य विवश जो है खाली

घर घर में जगमग दीप जले

आई है देखो दीवाली…।

चैथे दिन आती है गोवर्धन पूजा। यह दिन छत्तीसगढ़ में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसे छोटी दीवाली भी कहा जाता है। मुंगेली क्षेत्र में इस दिन को पान बीड़ा कहते हैं और अपने अपने घरों में मिलने आये लोगों का स्वागत पान बीड़ा देकर करते हैं। इस दिन गोवर्धन पहाड़ बनाकर उसमें श्रीकृष्ण और गोप गोपियां बनाकर उनकी पूजा की जाती है। रावत लोग गाय की पूजा करते हैं और नाचते गाते हैं:-

चार महिना चराएव खाएव दही के मोरा

आगे मोर दिन देवारी, छोड़ेबर तोर निहोरा।

इस दिन छत्तीसगढ़ में शौर्य के प्रतीक रावत नाच का शुभारंभ होता है। नाचते हुए वे गाते हैं:-

लगगे कातिक महिना संगी,

घर कोठार बनाबो।

आही देवारी लाही अंजोरी,

जम्मो अंधिायार मिटाबो।।

पांचवें दिन आता है भाईदूज का पवित्र त्योहार। यमराज के वरदान से इस दिन बहन अपने भाई का आत्मीय स्वागत करके मोक्ष का अधिकारी बनती हैं। पांच दिन तक चलने वाले इस त्योहार को लोग बड़े धूमधाम और आत्मीय ढंग से मनाते हैं।

यह सच है कि दीपावली के आगमन से खर्च में बढ़ोतरी हो जाती है और पांच दिन तक मनाये जाने वाले इस त्योहार के कारण आपका पांच माह का बजट फेल हो जाता है। उचित तो यही होगा कि आप इसे अपने बजट के अनुसार ही मनायें। हर वर्ष आने वाला दीपावली अपने चक्र के अनुसार इस वर्ष भी आया है और भविष्य में भी आयेगा पर इससे घबराये नहीं और सादगी पूर्ण सौहार्द्र वातावरण में मनायें। दूर दर्शिता से काम लें, इतनी फिजुलखर्ची न करें कि आपका दीवाला ही निकल जाये और न ही इतनी कंजूसी करें कि दीवाली का आनंद ही न मिल पाये..। कवि का भाव भी यही है:-

हे दीप मालिके ! फैला दो

आलोक तिमिर सब हट जावे।

जल जरवे भ्रष्ट्राचार-शलभ

दुख की बदली भी छंट जावे

रोगों से कोई ग्रसित न हो

जठरानल से भी त्रसित न हो

अनुभव करने सब लोग लगे

हमने स्वतंत्रता है पा ली

नवज्योति जगाने जीवन में

आयी यह जगमग दीवाली

•प्रो.अश्वनी केशरवानी

•संपर्क –
•94252 23212

▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️

विज्ञापन (Advertisement)

ब्रेकिंग न्यूज़

breaking Chhattisgarh

पॉक्सो एक्ट: यौन उत्पीड़न को साबित करने शारीरिक चोट दिखाना जरूरी नहीं

breaking National

भव्य नहीं, साधारण और पारंपरिक होगी गौतम अदाणी के बेटे जीत की शादी, Adani Group के चेयरमैन ने ये कहा

breaking Chhattisgarh

रायपुर पहुंचे 14 नक्सलियों के शव… पोस्टमार्टम से पहले पोर्टेबल मशीन से होगा एक्स-रे, कहीं अंदर विस्फोटक तो नहीं

breaking Chhattisgarh

पंचायत-निकाय चुनावों के लिए BJP-कांग्रेस ने प्रत्याशियों के तय किए नाम! इस तारीख तक पार्टियां कर देंगी ऐलान

breaking Chhattisgarh

नक्सली मुठभेड़ में जवानों को बड़ी कामयाबी, मुख्यमंत्री साय ने की सराहना, कहा- छत्तीसगढ़ मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त होकर रहेगा

breaking National

लव जिहाद को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा का बड़ा बयानः बोले- हिंदू बेटियों को जागरूक होने की जरूरत, फ्रिजों में मिलते हैं लड़कियों के टुकड़े

breaking Chhattisgarh

चाइनीज मांझे से कटा बच्चे का गला, इलाज के दौरान मौत

breaking Chhattisgarh

महाकुंभ के लिए छत्तीसगढ़ से 8 स्पेशल ट्रेन : भक्तों की यात्रा आसान करने रेलवे ने लिया बड़ा फैसला, जानें स्पेशल ट्रेनों का शेड्यूल…

breaking international

TRUMP MEME Coin ने लॉन्च होते ही लगाई 300-500 फीसदी की छलांग, कुछ ही घंटों में निवेशकों को बनाया मालामाल, ट्रेडिंग वॉल्यूम लगभग $1 बिलियन तक पहुंचा

breaking Chhattisgarh

फरवरी में 27 लाख किसानों को धान का बोनस, रेडी टू ईट फिर महिलाओं के हाथ

breaking Chhattisgarh

3000 शिक्षकों की पुलिस से झड़प, प्रदर्शन के दौरान किया तितर-बितर, सस्पेंड होने को लेकर आक्रोश

breaking Chhattisgarh

विष्णु का सुशासन – पुलिस के साथ अन्य सरकारी भर्तियों में आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट से बढ़े युवाओं के अवसर

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में रोजगार के लिए अनुबंध, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा- हजारों छात्रों को दिया जाएगा प्रशिक्षण, रोजगार के अवसर होंगे उत्पन्न

breaking Chhattisgarh

विष्णु सरकार का कड़ा एक्शन… एक ही दिन में 9 अफसरों को किया सस्पेंड, ठेकेदार पर भी होगा एक्शन

breaking Chhattisgarh

कैटरिंग दुकान में 6 सिलेंडरों में धमाका, इलाके में मची भगदड़, 10 लाख का सामान जलकर खाक

breaking Chhattisgarh

मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्डिंग ऑन कर छिपा देता था लेडिज टायलेट में… पुलिस ने सफाई वाले को पकड़ा

breaking Chhattisgarh

भाजपा ओबीसी वर्ग को दबाने की कर रही साजिश, कांग्रेस से लगाया आरोप, सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप की लड़ाई जारी

breaking Chhattisgarh

पेशे से वकील, पार्टी के कर्मठ सिपाही… किरण सिंह देव का दोबारा छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनना तय

breaking Chhattisgarh

एक साल में करें बीएड, 10 साल बाद फिर से फिर से शुरू हो रहा यह कोर्स, लागू होंगी नई शर्ते, सिर्फ इन छात्रों को ही मिलेगा मौका

breaking Chhattisgarh

कौन हैं कवासी लखमा ? ईडी ने क्यों किया गिरफ्तार ? विपक्ष के हंगामे के बीच सीएम और डिप्टी सीएम की पहली प्रतिक्रिया

कविता

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

poetry

कविता आसपास : दुलाल समाद्दार

poetry

ग़ज़ल : विनय सागर जायसवाल [बरेली उत्तरप्रदेश]

poetry

कविता आसपास : महेश राठौर ‘मलय’

poetry

कविता आसपास : प्रदीप ताम्रकार

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : रियाज खान गौहर

poetry

कविता आसपास : रंजना द्विवेदी

poetry

रचना आसपास : पूनम पाठक ‘बदायूं’

poetry

ग़ज़ल आसपास : सुशील यादव

poetry

गाँधी जयंती पर विशेष : जन कवि कोदूराम ‘दलित’ के काव्य मा गाँधी बबा : आलेख, अरुण कुमार निगम

poetry

रचना आसपास : ओमवीर करन

poetry

कवि और कविता : डॉ. सतीश ‘बब्बा’

poetry

ग़ज़ल आसपास : नूरुस्सबाह खान ‘सबा’

poetry

स्मृति शेष : स्व. ओमप्रकाश शर्मा : काव्यात्मक दो विशेष कविता – गोविंद पाल और पल्लव चटर्जी

poetry

हरेली विशेष कविता : डॉ. दीक्षा चौबे

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

poetry

कविता आसपास : अनीता करडेकर

poetry

‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक व कवि प्रदीप भट्टाचार्य के हिंदी प्रगतिशील कविता ‘दम्भ’ का बांग्ला रूपांतर देश की लोकप्रिय बांग्ला पत्रिका ‘मध्यबलय’ के अंक-56 में प्रकाशित : हिंदी से बांग्ला अनुवाद कवि गोविंद पाल ने किया : ‘मध्यबलय’ के संपादक हैं बांग्ला-हिंदी के साहित्यकार दुलाल समाद्दार

poetry

कविता आसपास : पल्लव चटर्जी

कहानी

story

लघु कथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

सत्य घटना पर आधारित कहानी : ‘सब्जी वाली मंजू’ : ब्रजेश मल्लिक

story

लघुकथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

कहिनी : मया के बंधना – डॉ. दीक्षा चौबे

story

🤣 होली विशेष :प्रो.अश्विनी केशरवानी

story

चर्चित उपन्यासत्रयी उर्मिला शुक्ल ने रचा इतिहास…

story

रचना आसपास : उर्मिला शुक्ल

story

रचना आसपास : दीप्ति श्रीवास्तव

story

कहानी : संतोष झांझी

story

कहानी : ‘ पानी के लिए ‘ – उर्मिला शुक्ल

story

व्यंग्य : ‘ घूमता ब्रम्हांड ‘ – श्रीमती दीप्ति श्रीवास्तव [भिलाई छत्तीसगढ़]

story

दुर्गाप्रसाद पारकर की कविता संग्रह ‘ सिधवा झन समझव ‘ : समीक्षा – डॉ. सत्यभामा आडिल

story

लघुकथा : रौनक जमाल [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

लघुकथा : डॉ. दीक्षा चौबे [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

🌸 14 नवम्बर बाल दिवस पर विशेष : प्रभा के बालदिवस : प्रिया देवांगन ‘ प्रियू ‘

story

💞 कहानी : अंशुमन रॉय

story

■लघुकथा : ए सी श्रीवास्तव.

story

■लघुकथा : तारक नाथ चौधुरी.

story

■बाल कहानी : टीकेश्वर सिन्हा ‘गब्दीवाला’.

story

■होली आगमन पर दो लघु कथाएं : महेश राजा.

लेख

Article

तीन लघुकथा : रश्मि अमितेष पुरोहित

Article

व्यंग्य : देश की बदनामी चालू आहे ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

लघुकथा : डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय [केंद्रीय विद्यालय वेंकटगिरि, आंध्रप्रदेश]

Article

जोशीमठ की त्रासदी : राजेंद्र शर्मा

Article

18 दिसंबर को जयंती के अवसर पर गुरू घासीदास और सतनाम परम्परा

Article

जयंती : सतनाम पंथ के संस्थापक संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास जी

Article

व्यंग्य : नो हार, ओन्ली जीत ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

🟥 अब तेरा क्या होगा रे बुलडोजर ❗ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा.

Article

🟥 प्ररंपरा या कुटेव ❓ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा

Article

▪️ न्यायपालिका के अपशकुनी के साथी : वैसे ही चलना दूभर था अंधियारे में…इनने और घुमाव ला दिया गलियारे में – आलेख बादल सरोज.

Article

▪️ मशहूर शायर गीतकार साहिर लुधियानवी : ‘ जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है, जंग क्या मसअलों का हल देगी ‘ : वो सुबह कभी तो आएगी – गणेश कछवाहा.

Article

▪️ व्यंग्य : दीवाली के कूंचे से यूँ लक्ष्मी जी निकलीं ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

25 सितंबर पितृ मोक्ष अमावस्या के उपलक्ष्य में… पितृ श्राद्ध – श्राद्ध का प्रतीक

Article

🟢 आजादी के अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. अशोक आकाश.

Article

🟣 अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. बलदाऊ राम साहू [दुर्ग]

Article

🟣 समसामयिक चिंतन : डॉ. अरविंद प्रेमचंद जैन [भोपाल].

Article

⏩ 12 अगस्त- भोजली पर्व पर विशेष

Article

■पर्यावरण दिवस पर चिंतन : संजय मिश्रा [ शिवनाथ बचाओ आंदोलन के संयोजक एवं जनसुनवाई फाउंडेशन के छत्तीसगढ़ प्रमुख ]

Article

■पर्यावरण दिवस पर विशेष लघुकथा : महेश राजा.

Article

■व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा.

राजनीति न्यूज़

breaking Politics

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उदयपुर हत्याकांड को लेकर दिया बड़ा बयान

Politics

■छत्तीसगढ़ :

Politics

भारतीय जनता पार्टी,भिलाई-दुर्ग के वरिष्ठ कार्यकर्ता संजय जे.दानी,लल्लन मिश्रा, सुरेखा खटी,अमरजीत सिंह ‘चहल’,विजय शुक्ला, कुमुद द्विवेदी महेंद्र यादव,सूरज शर्मा,प्रभा साहू,संजय खर्चे,किशोर बहाड़े, प्रदीप बोबडे,पुरषोत्तम चौकसे,राहुल भोसले,रितेश सिंह,रश्मि अगतकर, सोनाली,भारती उइके,प्रीति अग्रवाल,सीमा कन्नौजे,तृप्ति कन्नौजे,महेश सिंह, राकेश शुक्ला, अशोक स्वाईन ओर नागेश्वर राव ‘बाबू’ ने सयुंक्त बयान में भिलाई के विधायक देवेन्द्र यादव से जवाब-तलब किया.

breaking Politics

भिलाई कांड, न्यायाधीश अवकाश पर, जाने कब होगी सुनवाई

Politics

धमतरी आसपास

Politics

स्मृति शेष- बाबू जी, मोतीलाल वोरा

Politics

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हलचल

breaking Politics

राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा- मर्यादित भाषा में रखें अपनी बात

Politics

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने डाॅ. नरेन्द्र देव वर्मा पर केन्द्रित ‘ग्रामोदय’ पत्रिका और ‘बहुमत’ पत्रिका के 101वें अंक का किया विमोचन

Politics

मरवाही उपचुनाव

Politics

प्रमोद सिंह राजपूत कुम्हारी ब्लॉक के अध्यक्ष बने

Politics

ओवैसी की पार्टी ने बदला सीमांचल का समीकरण! 11 सीटों पर NDA आगे

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, ग्वालियर में प्रेस वार्ता

breaking Politics

अमित और ऋचा जोगी का नामांकन खारिज होने पर बोले मंतूराम पवार- ‘जैसी करनी वैसी भरनी’

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल बिहार चुनाव के स्टार प्रचारक बिहार में कांग्रेस 70 सीटों में चुनाव लड़ रही है

breaking National Politics

सियासत- हाथरस सामूहिक दुष्कर्म

breaking Politics

हाथरस गैंगरेप के घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा, पढ़िए पूरी खबर

breaking Politics

पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना के बाद, पीसीसी चीफ ने जांच समिति का किया गठन