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छत्तीसगढ़ : सुदीर्घ साहित्य साधना के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया डॉ. पीसी लाल यादव का सम्मान…
गंडई पंडरिया [छत्तीसगढ़ आसपास न्यूज़] : छत्तीसगढ़ के सुपरिचित साहित्यकार व संस्कृति कर्मी गंडई निवासी डॉ.पीसी लाल यादव को उनकी सुदीर्घ साहित्य साधना के लिए छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा दिनांक 28 नवम्बर 2022 को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री निवास में आयोजित एक गरिमामय समारोह में मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी ने डॉ.पीसी लाल यादव को राजकीय गमछा, स्मृति चिन्ह व सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया और बधाइयाँ दी।इस अवसर पर संस्कृति सचिव पी.अनबलगन,संचालक संस्कृति एवं पुरातत्व विवेक आचार्य,सचिव छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग डॉ.अनिल भतपहरी के साथ ही छत्तीसगढ़ के अनेक नामी साहित्यकार उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि डॉ. पीसी लाल यादव विगत पाँच दशकों से साहित्य लेखन में क्षेत्र में सतत सक्रिय हैं।अब तक इनकी तीन दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकीं हैं। छत्तीसगढ़ी लोक साहित्य,लोक कला व लोक संस्कृति के क्षेत्र में इनकी पुस्तकें संदर्भ ग्रन्थ के रूप में शोधार्थियों द्वारा प्रयुक्त होती हैं।प्राथमिक व माध्यमिक स्कूली पाठ्यक्रम में भी इनके द्वारा रचित कविता, कहानी व लेख शामिल हैं।
डॉ.पीसी लाल यादव ने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से “छत्तीसगढ़ी पंडवानी कथा गायन : एक अध्ययन ” विषय पर शोध कार्य कर पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की है।और उल्लेखनीय बात यह है कि अब इनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर”छत्तीसगढ़ी लोक साहित्य के संदर्भ में डॉ.पीसी लाल यादव का रचनात्मक अवदान” विषय पर शोध कार्य कर डॉ.सियाराम साहू ने रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर से पी-एच.डी. की उपाधि हासिल की है।
छत्तीसगढ़ की अग्रणी सांस्कृतिक लोक कला मंच “दूधमोंगरा गंडई ” के ये संस्थापक हैं जिसकी स्थापना पंद्रह अगस्त 1976 में हुई थी, जो आज भी लोक कला व लोक संस्कृति के क्षेत्र में सक्रिय है।डॉ.यादव साहित्यकार व संस्कृति कर्मी के साथ-साथ कुशल शिक्षक भी रहे हैं।शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारी शिक्षक के रूप में इनकी पहचान रही है और राज्यपाल पुरस्कार से पुरस्कृत हैं।कला-संस्कृति के क्षेत्र में भी इन्हें अनेकों सम्मान मिले हैं।
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