• Chhattisgarh
  • साहित्य वाचस्पति पं. लोचनप्रसाद पांडेय, पुरखा के सुरता : 4 जनवरी जयंती – आशीष सिंह

साहित्य वाचस्पति पं. लोचनप्रसाद पांडेय, पुरखा के सुरता : 4 जनवरी जयंती – आशीष सिंह

2 years ago
141

प.लोचन प्रसाद पांडेय हर किसी को आश्चर्यचकित कर देते हैं। हम उन्हें किस तरह प्रस्तुत करें, यह कठिनाई सामने आती है। वे साहित्यकारों के जितने प्रिय हैं उतने ही इतिहास और पुरातत्व के अध्येताओं के लिए भी हैं। वे गद्यकार थे, पद्यकार भी, निबंध उन्होंने लिखा और नाटक भी। हिन्दी, छत्तीसगढ़ी, अंग्रेजी, उडिय़ा, संस्कृत के भी समान अधिकारी। लेखक थे, संपादक भी थे। दंग रह जाना पड़ता है कि कोई हाड़-मांस का पुतला स्वयं को इतने आयामों के साथ प्रस्तुत कर सकता है। अद्भुत, विलक्षण और अतुलनीय जैसे शब्द लोचन प्रसाद जी के व्यक्तित्व और कृतित्व के लिए छोटे लगते हैं। कोई ऐसा शब्द नहीं मिल पाता जिसके मात्र उच्चारण से ही लोचन प्रसाद जी का बहुविध व्यक्तित्व प्रकट हो।

परिवार के संस्कार और साहित्य सेवा

जेखर जइसन दाई-ददा, तेखर वइसन लइका छत्तीसगढ़ी में ऐसा ही कहा जाता है। पं. लोचन प्रसाद जी का जन्म 4 जनवरी 1886 को हुआ था। परिवार के संस्कारों ने उन्हें सुयोग्य बनाया। उच्च कोटि की शिक्षा-दीक्षा की व्यवस्था थी। उनके पिता पं. चिंतामणि पांडेय ने बालपुर में अपनी माताजी की स्मृति में एक पुस्तकालय की स्थापना की थी। जहां भारत जीवन जैसी साहित्यिक पत्रिका मंगवाई जाती। धर्म और साहित्य के ग्रेथों का विशाल संकलन था। उन्होंने बालपुर में ही एक पाठशाला स्थापित की थी। पार्वती पुस्तकालय और पाठशाला का पूरा लाभ लोचनप्रसाद ने उठाया। संबलपुर से मिडिल की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर उच्च शिक्षा के लिए वे काशी गए, किंतु पितामही के आग्रह के कारण उन्हें बालपुर लौटना पड़ा। विद्यानुरागी पिता के सानिध्य ने उन्हें भी विद्या व्यसनी बना दिया। उनकी रचनाओं का प्रकाशन 1904 से ही पत्र-पत्रिकाओं में होने लगा था। केवल वे ही नहीं, वरन् उनके अग्रज पं. पुरुषोत्तम प्रसाद पांडेय, अनुज विद्याधर जी, बंशीधरजी और मुकुटधरजी ये सभी धुरंधर साहित्य सेवी हुए। उनके अग्रज पुरुषोत्तम प्रसाद छत्तीसगढ़ मित्र के नियमित लेखक थे। उनकी ही प्रेरणा से लोचनप्रसाद की रुचि इस ओर हुई। पद्मश्री मुकुटधरजी स्वीकार करते हैं कि उनके अग्रज द्वय पुरुषोत्तम प्रसाद और लोचन प्रसादजी उनके प्रेरक थे। 1904 सरस्वती में लोचन प्रसादजी की एक छोटी सी कविता छपी। इसी साल हिन्दी मास्टर ने भी उनका एक गीत छापा। इसी पत्रिका में अगले साल छत्तीसगढ़ी नाटक कलिकाल के दो अंक छापे गए। इसे छत्तीसगढ़ी का प्रथम नाटक कहा जाता है। 1907 में प्रथम उपन्यास दो मित्र भी छपा। 1909 में प्रवासी, नीति कविता और बालिका विनोद नामक तीन किताबें छपीं और इसी साल उन्होंने नागपुर से प्रकाशित मारवाड़ी पत्रिका का संपादन भी किया। अगले साल कविता कुसुम माला नामक कविताओं के संकलन का संपादन किया। यह पुस्तक माध्यमिक शालाओं के पाठ्यक्रम में शामिल की गई थी। अर्थात् मात्र 24 वर्ष की आयु में ही उन्होंने गद्य-पद्य, संपादन, नाटक और उपन्यास आदि साहित्य की विद्याओं में अपना डंका बजा दिया। सिर्फ छ: वर्षों की साहित्य साधना में उन्होंने नाटक, उपन्यास और तीन कविता संग्रहों की रचना कर डाली। इसे विलक्षणता के अतिरिक्त और क्या कहा जा सकता है?

1910 से ही वे काशीप्रसाद जायसवाल के पाटलीपुत्र के नियमित लेखक बन गए थे, इसी साल देवनागर का भी प्रकाशन शुरू हुआ, वे उसके भी नियमित लेखक बन गए। पांडेय जी की उडिय़ा रचनाएं देवनागर में छपती थीं। दरअसल, देवनागर का प्रकाशन जिस खास उद्देश्य को लेकर जस्टिस शारदाचरण मित्र ने किया वह था देश की सभी भाषाएं देवनागरी में लिखी जाएं। इससे सभी भाषाएं एक-दूसरे के करीब आयेंगी और उनमें समझदारी तथा सद्भाव बढ़ेगा। पांडेयजी तो देवनागरी और हिन्दी के कट्टर समर्थक थे ही। हिन्दी नागरी लिपि शीर्षक से उनका एक विस्तृत लेख श्री व्यंकटेश्वर समाचार में 1905 में ही छप चुका था। हिन्दी में वैज्ञानिक शब्दों की कमी की ओर उन्होंने विद्वानों को आकर्षित किया था। वे नागरी को राष्ट्रीय लिपि के रूप में प्रतिष्ठित देखना चाहते थे। हिन्दी में उडिय़ा में हिन्दी विनय लिखकर अहिन्दी भाषियों के बीच हिन्दी का प्रचार करने का महत्वपूर्ण भी उन्होंने किया। कुछ पंक्तियां देखें-

आहे प्रियवर भारत संतान। विनय मोहर सुन देई काम॥

मातृभूमि तब अहे हिन्दुस्तान।

तहित मुहिं हिन्दी भाषा प्रधान॥

नाहिं हेंव मोर यावत प्रचार।

तावत न हेब भारत उद्धार॥

हिन्दी ऐसे साधक को पाकर कैसे धन्य न होगी!!

अनुवाद में सिद्धहस्त

अनुवाद में भी वे सिद्धहस्त थे। उडिय़ा कवि राधानाथ और रायबहादुर मधुसूदन, गुजराती संत कवि नरसिंह मेहता के अलावा विदेशी कवियों ग्रे, वर्ड्सवर्थ और पोप की रचनाओं का पद्यबद्ध अनुवाद हिन्दी में किया, महावीर प्रसाद द्विवेदी की कविता का उन्होंने उडिय़ा में अनुवाद भी किया। भर्तृहरि के नीति शतक का हिन्दी और अंग्रेजी, वेद की ऋचाओं का भी पद्यानुवाद किया। भारतीय साहित्यकारों का अंग्रेजी जगत से परिचय करवाने में भी उनका अग्रणी स्थान रहा। अंग्रेजी में उन्होंने लैटर टू माई ब्रदर्स, फोक टोक्स आफ छत्तीसगढ़, हाऊ टू बी हैपंड में, राधानाथ: द नेशनल पोयट आफ उड़ीसा जैसी किताबें लिखीं। हिन्दी और अन्य भाषाओं के बीच वे सेतु की तरह थे। राधानाथ तथा फकीर मोहन सेनापति सदृश्य उडिय़ा साहित्यकारों से उन्होंने हिन्दी जगत को परिचित कराया।

छत्तीसगढ़ के लोक साहित्य के विपुल भंडार को खंगाल कर पंवारों और लोकगीतों का संग्रह उन्होंने किया। 1909-10 में फोक टेल्स आफ छत्तीसगढ़ नाम पुस्तक उन्होंने तैयार की थी, जिसमें इन गीतों को संग्रहित किया गया था।

किसानों की दुर्दशा से व्यथित

साहित्याराधक पांडेयजी ने स्वतंत्रता संग्राम में भी हिस्सा लिया। छात्र जीवन से ही उन्होंने स्वदेशी का व्रत ले लिया था। 1907 में वे कलकत्ता अधिवेशन में शामिल हुए थे। ब्रिटिश सरकार द्वारा जप्तशुदा प्लासीर युद्ध, आनंद मठ और देशेर कथा उनके पुस्तकालय में थीं। किसानों और गरीबों की दुर्दशा से वे व्यथित थे। उनकी प्रेरणा से उनके अनुज मुरलीधर जी ने ग्राम सहाय समिति गठित की। गांव के प्रत्येक किसानों को एक पात्र में प्रतिदिन एक मु_ी अनाज डालने को कहा गया। इस अनाज को जरूरतमंद लोगों को वितरीत किया जाता। कृषक-सखा में किसानों के लिए कविताएं उन्होंने लिखी। रोपा पद्धति पर उन्होंने कई सुझाव दिये, माहो से संबंधित लेख पर्चे के रूप में छपवा कर किसानों के मध्य वितरित करवाया। 1920 में सप्रेजी ने राजिम में किसान सभा का गठन किया पांडेयजी ने भी अपना योगदान इस कार्य में दिया था। पंजाब के अकालग्रस्त किसानों के लिए उन्होंने पंजाब अकाल निवारण सहाय्य समिति गठित की और संग्रह कर बड़ी राशि भेजी। 1920 के निर्वाचन में चन्द्रपुर, मालखरौद और पद्मपुर के ऋणी किसानों को मताधिकार से वंचित कर दिया गया था। इसके विरोध में उन्होंने गवर्नर को पत्र लिखा। इस कार्य में पं. लोचन प्रसाद पांडेय को सफलता मिली। चांपा के कुष्ठ आश्रम के संचालन के लिए भी उन्होंने धन संग्रह किया। यह उनके मानवीय पक्ष को उद्घाटित करता है।

इतिहास और पुरातत्व की ओर

1920 तक वे साहित्य के प्रत्येक पक्ष पर अपनी छाप छोड़ चुके थे। फिर उनकी रुचि इतिहास और पुरातत्व की ओर हो गई। उन्होंने इसी वर्ष छत्तीसगढ़ गौरव प्रचारक मंडली की स्थापना की जीवन ज्योति और प्यारेलाल गुप्त की बिलासपुर वैभव इसी संस्था ने प्रकाशित की थी। छत्तीसगढ़ के प्राचीन कवियों की पांडुलिपियों का उद्धार भी संस्था के माध्यम से किया गया। भक्ति चिंतामणि, रामप्रताप, खूब तमाशा, सुयश चंद्रिका, चिकित्सा मंजरी प्रमुख है। 1925 में उन्होंने संस्था का नाम परिवर्तित कर महाकोशल इतिहास परिषद रखा।

पुरातत्वविद के रूप में उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये। रत्नदेव, जाजल्लदेव, पृथ्वी देव, प्रतापमल्ल की ताम्र तथा स्वर्ण मुद्राओं के अन्वेषण का श्रेय उन्हीं को है। प्रतापमल्ल का नाम तो सर्वथा अज्ञात था। अपीलक की मुद्रा की खोज ने तो पुरातत्व के क्षेत्र में तलहका ही मचा दिया। ये नरेश रतनपुर के कलचुरि थे। किंतु कलिंग के अनंत शर्मा, चोड़ गग, प्रसन्न आदि की मुद्राओं का पहली बार पता पांडेयजी ने लगाया था। कोसगई शिलालेख का पाठोद्धार भी आपने ही किया था।

पं. लोचन प्रसाद जी ने पूर्व बौद्ध काल की ब्राह्मी लिपि, मध्य बौद्ध कालीन सम्पुट शिखा लिपि, उत्तर बुद्ध काल की कुटिल लिपि तथा कलचुरि कालीन नागरी लिपि के प्रारंभिक स्वरूप की खोज कर पुरातत्व के क्षेत्र में अपनी धाक जमा ली। उनके अनुसंधान यहीं खत्म नहीं हुए। उन्होंने विक्रम खोल के शैल लेख, रामगिरि की नाट्यशाला और उत्कीर्ण लेख, किरारी यज्ञ स्तूप, ऋषभ तीर्थ, तुरतुरियाशिला लेख, सेमर सेल का ब्राह्मी लेख, महेन्द्र के सिक्के, तीवर देव का लेख, सुखदेवराज का लेख, महाशिवगुप्त बालार्जुन का लेख, भवगुप्त जन्मेजय के लेख, भीमसेन का ताम्रपत्र आदि की खोज ने अनेक नई स्थापनाओं को जन्म दिया। महाकोसल विषय पर उनका शोध पत्र ऐतिहासिक है। ऐसे अद्भुत व्यक्ति का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ यह हम छत्तीसगढिय़ों के लिए असीम गौरव का विषय है।

विद्वानों की मित्र मंडली
लोचन प्रसाद जी की मित्र मंडली में उस युग के दिग्गजों का समावेश था। उनके साहित्य मित्रों में महामहोपाध्याय जगन्नाथ प्रसाद भानु, सैयद मीर अली मीर, अयोध्या प्रसाद हरिऔध, पं. माधवराव सप्रे, पं. महावीर प्रसाद द्विवेदी, भाषाविद् जार्ज ग्रियर्सन, पं. कामता प्रसाद गुरु, पं. रामदयाल तिवारी, मैथिलीशरण गुप्त, पद्म सिंह शर्मा, पं. माखन लाल चतुर्वेदी, पं. झाबरमल शर्मा, प्रयागदत्त शुक्ल, आचार्य विनय मोहन शर्मा, सेठ गोविंददास, नई पीढ़ी के डा. रामकुमार वर्मा, व्योहार राजेंद्र सिंह, भवानी प्रसाद तिवारी, इतिहास और पुरातत्व के विद्वतगणों में रायबहादुर हीरालाल, काशीप्रसाद जायसवाल, महामहोपाध्याय मिराशी, डा. वारमेट ( लंदन), डी.सी. सरकार जैसे धुरंधर थे, वहीं श्रीमती एनी बिसेंट, ठा. प्यारेलाल सिंह, रविशंकर शुक्ल आदि अनेक घनिष्ठ राजनैतिक मित्रों में थे। व्यक्ति की पहचान उसकी संगति से भी होती है। उपरोक्त विद्वान अपने विषय-क्षेत्र के महारथियों में गिने जाते थे। पांडेय जी से उनकी मित्रता यह सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है कि वे साहित्य, इतिहास, पुरातत्व, राजनीति, स्वतंत्रता संग्राम, समाजसेवा के क्षेत्र में पांडित्यपूर्ण दखल रखते थे।

उनके आचरण और व्यवहार में ग्राम्य सुलभ सरलता और सहजता थी। वे आडंबरहीन और मृदु स्वभाव के थे। उन्होंने जीवन भर अर्जित ज्ञान को बांटने का ही कार्य किया। उनके अवदानों से साहित्य की झोली भरी, इतिहास का भंडार बढ़ा साथ ही पुरातत्व की कोठी भरती रही। ऐसे महापंडित के जीवन यज्ञ की पूर्णाहुति 18 नवंबर 1959 को 75 वर्ष की आयु में रायगढ़ में हुई।

•संपर्क –
•93400 23363

🟥🟥🟥

विज्ञापन (Advertisement)

ब्रेकिंग न्यूज़

breaking Chhattisgarh

खेत में गए व्यक्ति पर शेर ने किया जानलेवा हमला, गांव में दहशत का माहौल

breaking Chhattisgarh

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, दूसरी पत्नी को मिला पेंशन

breaking Chhattisgarh

सुकमा के धनिकोर्ता में रहस्यमयी बीमारी… सीने में दर्द और खांसी के बाद 13 लोगों की मौत

breaking Chhattisgarh

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा- ‘गति’ के जरिए ही साय सरकार हासिल करेगी ‘ज्ञान’ का लक्ष्य

breaking Chhattisgarh

डोंगरगढ़ को बजट में बड़ी सौगात: Y शेप ओवरब्रिज, परिक्रमा पथ और भव्य मोटल का होगा निर्माण…

breaking Chhattisgarh

पूर्व राज्यसभा सांसद के नाती की बेरहमी से हत्या, सड़क पर मिला खून से लथपथ शव

breaking Chhattisgarh

क्या है सेक्स सीडी कांड? बढ़ सकती हैं कांग्रेस के दिग्गजों की मुश्किलें, कोर्ट के सामने पेश हुए भूपेश बघेल

breaking Chhattisgarh

वित्त मंत्री का बजट भाषण- 2000 करोड़ की नई सड़कें बनेंगी छत्तीसगढ़ में, इंद्रावती और महानदी को जोड़ेंगे

breaking Chhattisgarh

बजट से पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने विदेशी शराब के शौकीनों को दी बड़ी राहत, ये टैक्स किया खत्म खत्म

breaking Chhattisgarh

100 से ज्यादा हत्याओं के आरोपी 8 लाख के इनामी नक्सली दिनेश मोडियम ने किया सरेंडर

breaking Chhattisgarh

महतारी वंदन योजना के लिए क्या है खास? फिर से शुरू हो सकते हैं रजिस्ट्रेशन, महिलाओं के लिए क्या है बजट में खास

breaking Chhattisgarh

एक संदेही छात्रा परिवार सहित फरार, नहीं ढूंढ पा रही पुलिस

breaking City

घर में घुस गया बछड़ा तो बेरहमी से कर दी हत्या, सिर पर पत्‍थर मारकर ब्‍लेड से गला रेता

breaking international

व्हाइट हाउस में ट्रंप और जेलेंस्की के बीच दिखी तल्खी, एक दूसरे पर जड़े बड़े आरोप, जानें क्या है विवाद ?

breaking Chhattisgarh

जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की आ गई तारीख, इस दिन होंगे चुनाव, जोड़-तोड़ की राजनीति भी शुरू

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में 1 मार्च से 12वीं और 3 मार्च से 10वीं की परीक्षा, 2500 केंद्रों पर 5.68 लाख स्टूडेंट्स देंगे एग्जाम

breaking Chhattisgarh

राहुल गांधी के महाकुंभ नहीं जाने की ये है वजह, आखिर क्यों नहीं अपनाया सॉफ्ट हिंदुत्व का रूख, फिर निशाने पर नेता प्रतिपक्ष

breaking international

तिहाड़ जेल में बंद ठग सुकेश चंद्रशेखर ने एलन मस्क को दिया बड़ा ऑफर, कहा- X में 2 बिलियन डॉलर निवेश को मैं तैयार

breaking Chhattisgarh

शादी के 20 साल बाद दिल ऊबा तो पत्नी को मुंह जुबानी तलाक देकर साली से किया निकाह, थाने पहुंचा मामला…

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ सरकार ने एक साल में तीसरी बार पेश किया 19,762 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट, कांग्रेस ने घेरा

कविता

poetry

व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार एवं ‘लोकलहर’ के संपादक के 3 व्यंग्य

poetry

इस माह की कवयित्री : दिलशाद सैफी [रायपुर, छत्तीसगढ़]

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : तारक नाथ चौधुरी

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

poetry

कविता आसपास : दुलाल समाद्दार

poetry

ग़ज़ल : विनय सागर जायसवाल [बरेली उत्तरप्रदेश]

poetry

कविता आसपास : महेश राठौर ‘मलय’

poetry

कविता आसपास : प्रदीप ताम्रकार

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : रियाज खान गौहर

poetry

कविता आसपास : रंजना द्विवेदी

poetry

रचना आसपास : पूनम पाठक ‘बदायूं’

poetry

ग़ज़ल आसपास : सुशील यादव

poetry

गाँधी जयंती पर विशेष : जन कवि कोदूराम ‘दलित’ के काव्य मा गाँधी बबा : आलेख, अरुण कुमार निगम

poetry

रचना आसपास : ओमवीर करन

poetry

कवि और कविता : डॉ. सतीश ‘बब्बा’

poetry

ग़ज़ल आसपास : नूरुस्सबाह खान ‘सबा’

poetry

स्मृति शेष : स्व. ओमप्रकाश शर्मा : काव्यात्मक दो विशेष कविता – गोविंद पाल और पल्लव चटर्जी

poetry

हरेली विशेष कविता : डॉ. दीक्षा चौबे

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

कहानी

story

मास्टर स्ट्रोक [व्यंग्य] : राजशेखर चौबे

story

लघु कथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

सत्य घटना पर आधारित कहानी : ‘सब्जी वाली मंजू’ : ब्रजेश मल्लिक

story

लघुकथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

कहिनी : मया के बंधना – डॉ. दीक्षा चौबे

story

🤣 होली विशेष :प्रो.अश्विनी केशरवानी

story

चर्चित उपन्यासत्रयी उर्मिला शुक्ल ने रचा इतिहास…

story

रचना आसपास : उर्मिला शुक्ल

story

रचना आसपास : दीप्ति श्रीवास्तव

story

कहानी : संतोष झांझी

story

कहानी : ‘ पानी के लिए ‘ – उर्मिला शुक्ल

story

व्यंग्य : ‘ घूमता ब्रम्हांड ‘ – श्रीमती दीप्ति श्रीवास्तव [भिलाई छत्तीसगढ़]

story

दुर्गाप्रसाद पारकर की कविता संग्रह ‘ सिधवा झन समझव ‘ : समीक्षा – डॉ. सत्यभामा आडिल

story

लघुकथा : रौनक जमाल [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

लघुकथा : डॉ. दीक्षा चौबे [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

🌸 14 नवम्बर बाल दिवस पर विशेष : प्रभा के बालदिवस : प्रिया देवांगन ‘ प्रियू ‘

story

💞 कहानी : अंशुमन रॉय

story

■लघुकथा : ए सी श्रीवास्तव.

story

■लघुकथा : तारक नाथ चौधुरी.

story

■बाल कहानी : टीकेश्वर सिन्हा ‘गब्दीवाला’.

लेख

Article

तीन लघुकथा : रश्मि अमितेष पुरोहित

Article

व्यंग्य : देश की बदनामी चालू आहे ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

लघुकथा : डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय [केंद्रीय विद्यालय वेंकटगिरि, आंध्रप्रदेश]

Article

जोशीमठ की त्रासदी : राजेंद्र शर्मा

Article

18 दिसंबर को जयंती के अवसर पर गुरू घासीदास और सतनाम परम्परा

Article

जयंती : सतनाम पंथ के संस्थापक संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास जी

Article

व्यंग्य : नो हार, ओन्ली जीत ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

🟥 अब तेरा क्या होगा रे बुलडोजर ❗ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा.

Article

🟥 प्ररंपरा या कुटेव ❓ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा

Article

▪️ न्यायपालिका के अपशकुनी के साथी : वैसे ही चलना दूभर था अंधियारे में…इनने और घुमाव ला दिया गलियारे में – आलेख बादल सरोज.

Article

▪️ मशहूर शायर गीतकार साहिर लुधियानवी : ‘ जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है, जंग क्या मसअलों का हल देगी ‘ : वो सुबह कभी तो आएगी – गणेश कछवाहा.

Article

▪️ व्यंग्य : दीवाली के कूंचे से यूँ लक्ष्मी जी निकलीं ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

25 सितंबर पितृ मोक्ष अमावस्या के उपलक्ष्य में… पितृ श्राद्ध – श्राद्ध का प्रतीक

Article

🟢 आजादी के अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. अशोक आकाश.

Article

🟣 अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. बलदाऊ राम साहू [दुर्ग]

Article

🟣 समसामयिक चिंतन : डॉ. अरविंद प्रेमचंद जैन [भोपाल].

Article

⏩ 12 अगस्त- भोजली पर्व पर विशेष

Article

■पर्यावरण दिवस पर चिंतन : संजय मिश्रा [ शिवनाथ बचाओ आंदोलन के संयोजक एवं जनसुनवाई फाउंडेशन के छत्तीसगढ़ प्रमुख ]

Article

■पर्यावरण दिवस पर विशेष लघुकथा : महेश राजा.

Article

■व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा.

राजनीति न्यूज़

breaking Politics

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उदयपुर हत्याकांड को लेकर दिया बड़ा बयान

Politics

■छत्तीसगढ़ :

Politics

भारतीय जनता पार्टी,भिलाई-दुर्ग के वरिष्ठ कार्यकर्ता संजय जे.दानी,लल्लन मिश्रा, सुरेखा खटी,अमरजीत सिंह ‘चहल’,विजय शुक्ला, कुमुद द्विवेदी महेंद्र यादव,सूरज शर्मा,प्रभा साहू,संजय खर्चे,किशोर बहाड़े, प्रदीप बोबडे,पुरषोत्तम चौकसे,राहुल भोसले,रितेश सिंह,रश्मि अगतकर, सोनाली,भारती उइके,प्रीति अग्रवाल,सीमा कन्नौजे,तृप्ति कन्नौजे,महेश सिंह, राकेश शुक्ला, अशोक स्वाईन ओर नागेश्वर राव ‘बाबू’ ने सयुंक्त बयान में भिलाई के विधायक देवेन्द्र यादव से जवाब-तलब किया.

breaking Politics

भिलाई कांड, न्यायाधीश अवकाश पर, जाने कब होगी सुनवाई

Politics

धमतरी आसपास

Politics

स्मृति शेष- बाबू जी, मोतीलाल वोरा

Politics

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हलचल

breaking Politics

राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा- मर्यादित भाषा में रखें अपनी बात

Politics

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने डाॅ. नरेन्द्र देव वर्मा पर केन्द्रित ‘ग्रामोदय’ पत्रिका और ‘बहुमत’ पत्रिका के 101वें अंक का किया विमोचन

Politics

मरवाही उपचुनाव

Politics

प्रमोद सिंह राजपूत कुम्हारी ब्लॉक के अध्यक्ष बने

Politics

ओवैसी की पार्टी ने बदला सीमांचल का समीकरण! 11 सीटों पर NDA आगे

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, ग्वालियर में प्रेस वार्ता

breaking Politics

अमित और ऋचा जोगी का नामांकन खारिज होने पर बोले मंतूराम पवार- ‘जैसी करनी वैसी भरनी’

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल बिहार चुनाव के स्टार प्रचारक बिहार में कांग्रेस 70 सीटों में चुनाव लड़ रही है

breaking National Politics

सियासत- हाथरस सामूहिक दुष्कर्म

breaking Politics

हाथरस गैंगरेप के घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा, पढ़िए पूरी खबर

breaking Politics

पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना के बाद, पीसीसी चीफ ने जांच समिति का किया गठन