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बिलासपुर खबर : वॉर्ड 16 विष्णु नगर में कांग्रेसी पार्षद उम्मीदवार अनीता कश्यप की हार के मायने ❓ कांग्रेसी गुटबाजी…❓
छत्तीसगढ़ की राजनीति में न्यायधानी बिलासपुर की राजनीतिक उठा-पठक का खेल-चर्चा का विषय बन जाता हैं। हाल में बिलासपुर के वाॅर्ड क्रमांक 16 के कुदुदण्ड के विष्णु नगर का पार्षद चुनाव चर्चा का विषय बना हुआ हैं, कारण कांग्रेसी सरकार, कांग्रेसी महापौर और कांग्रेसी विधायक, कांग्रेसी जिलाध्यक्ष, शहर अध्यक्ष की कसरत किसी काम की नहीं रही और सहानुभूति लहर में भाजपा की श्रद्धा जैन अपनी स्वर्गीय माता निधि जैन की पार्षदी कायम रखने कामयाब रही और 200 से अधिक मतों से विजय प्राप्त किया।
चर्चा का विषय इसलिए भी है कि तमाम कांग्रेसी लीडरों के रहते आखिर कांग्रेस चुनाव क्यों? हारी स्पष्ट हैं, श्रेय लेने की होड़। बिलासपुर के चर्चित कांग्रेसी पदाधिकारी जानते थे कि कांग्रेस की अनीता कश्यप अगर चुनाव जीतेगी तो स्थानीय विधायक शैलेष पाण्डे को इसका पहला श्रेय जायेगा और कोई ऐसा क्यों चाहेगा इसलिए भी निर्दलीय उम्मीदवार शैल यादव को 945 वोट मिले आखिर क्यों? किसी कांग्रेसी पदाधिकारी ने कांग्रेस सरकार के रहते एक निर्दलीय प्रत्याशी शैल यादव का समर्थन क्यों? नहीं लिया या फिर उन्हें मनाकर अपने पक्ष में नहीं रखा कयों? क्योंकि बिलासपुर के बड़े कांग्रेसी पदाधिकारी चाहते ही नहीं थे कि कांग्रेसी प्रत्याशी जीते इसलिए खामोशी की चादर ओढ़कर अन्दर खाने से अमर अग्रवाल समर्थित भाजपा उम्मीदवार श्रद्धा जैन के जीत को सुगम बनाने लगनशील रहे। बिलासपुर के इतिहास में पहली बार हैं कि सत्ता में रहते हुए एक कांग्रेसी पार्षद चुनाव हार गयी और किसी कांग्रेसी लीडर के कानों में जूं नहीं रेंगी। और खुशी खुशी इस हार को स्वीकार करके बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डे के लिए आगामी 2023 के चुनाव में गहरी खाई खोदने का इन्तजाम करने कोई कसर नहीं छोड़ी। जिसकी चर्चा शहर के मतदाताओं के जेंहन पर गुंज रही हैं।
2023 के चुनाव में स्थानीय विधायक शैलेष पाण्डे से 2018 से खुन्नस खाये बड़े स्थानीय कांग्रेसी नहीं चाहते कि विधायक की जीत आसान हो इसलिए पहला ठीकरा फोड़ने सफल रहे। क्यांेकि सभी जानते है, कि 2023 के चुनाव में स्थानीय विधायक शैलेष पाण्डे ही शहर के उम्मीदवार होंगे।
बिलासपुर के इस चर्चित पार्षद चुनाव में भाजपाई कुनबा के संरक्षक पूर्व विधायक अमर अग्रवाल को ऐसा लग रहा कि एक पार्षद के विजय होने से वे प्रदेश की सरकार बदल देंगे जबकि हकीकत यह है, कि सहानुभूति लहर का फायदा श्रद्धा जैन को मिला हैं। 2023 का चुनाव समीप हैं और इन दो सालों के लिए मुहल्लेवासीयों ने पूर्व पार्षद निधि जैन को एक तरह से श्रद्धाजलि दी है, और भाजपाई कुनबा फूलकर गुब्बारा हो गया कि अब वारा-न्यारा हो जायेगा। जबकि हकीकत यह है कि कांग्रेसी विधायक शैलेष पाण्डे की सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा और विरोधियों के मंसूबै पर पुनः पानी फिर सकता है। ऐसी चर्चा राजनीतिक हल्को में दबी जुबान से चल रही हैं। देखना है कि आम जनता शैलेष पाण्डे विधायक बिलासपुर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है, या फिर स्वार्थ मंे डूबे कांग्रेसियों का साथ देगी।
[ राजन कुमार सोनी, छत्तीसगढ़ हेड न्यूज़ प्रभारी ]
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