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साहित्य : ‘ बिलासा साहित्य संगीत धारा ‘ एवं ‘ छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान ‘ द्वारा आयोजित ‘ छत्तीसगढ़ संपूर्ण दर्शन ‘ पुस्तक का विमोचन : ‘ गोल्ड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ‘ में गीता विश्वकर्मा ‘ नेह ‘ सम्मानित : मौके पर डॉ. नंद कुमार साय और महंत श्रीराजे रामसुंदर दास उपस्थित थे…
छत्तीसगढ़ : बिलासा साहित्य संगीत धारा व छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित “छत्तीसगढ़ संपूर्ण दर्शन” पुस्तक का विमोचन पूरी भव्यता व गरिमा के साथ प्रांत की राजधानी रायपुर में सम्पन्न हुआ।
ग्रंथ विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परम श्रद्धेय संस्कृत विद् पूर्व सांसद अनुसूचित जनजाति के पूर्व अध्यक्ष संस्कृत बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सरगुजा अनुसूचित जनजाति के सशक्त हस्ताक्षर डा. नंद कुमार साय जी रहे,अध्यक्षता गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष परम श्रद्धेय दुधाधारी मठ के महंत पूर्व विधायक महंत श्री राजे रामसुंदर दास जी ने की,विशिष्ट अतिथि राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री विनय कुमार पाठक जी, राजभाषा आयोग के सचिव डा.अनिल भतपहरी,गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड के संवाद प्रमुख डा. सोनल राजेश शर्मा,वरिष्ठ साहित्यकार डा. माणिक विश्वकर्मा नवरंग, डा.स्नेहलता पाठक,वरिष्ठ साहितयकार रामेश्वर शर्मा,राष्ट्रीय कवि संगम के प्रदेश सह महामंत्री साहित्यकार महेश कुमार शर्मा डा.लखन पड़रिया जी,कवियित्री श्रीमति केवरा यदु जी रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ आमंत्रित अतिथियों ने मां वीणा पाणी भगवती सरस्वती व छत्तीसगढ़ महतारी के तेल चित्रों पर पुष्प माल्यर्पण के साथ दीप प्रज्जवलित कर किया।अतिथियों को मंचासीन कर आयोजकों ने पुष्प माला प्रतिक चिन्ह व रोली चंदन लगा कर किया।पूरे छत्तीसगढ़ प्रांत व अन्य प्रांत से आए साहित्यकारों की गरिमामय उपथिती में अत्यंत गौरव के साथ छत्तीसगढ़ संपूर्ण दर्शन पुस्तक का विमोचन मंच पर आसीन अतिथि विद्व ने मंगल ध्वनि के साथ किया तालियों की गड़ – गड़ाहट से संपूर्ण वृंदावन सभागार गुंजित हो उठा।संपूर्ण दर्शन ग्रंथ जो एक विशाल छंदमयी साझा संकलन है, जिसमें 1007 पृष्ठ हैं एवं छत्तीसगढ़ के 72 विषयों के साथ साथ 117 प्रकार के छंदों में विषयों को छंदबद्ध किया गया है।इसके संपादक श्रीमती सुकमोती चौहान रुचि, श्रीमती आशा आजाद कृति और सुश्री माधुरी डड़सेना मुदिता जी हैं यह अनमोल ग्रंथ छत्तीसगढ़ के लिए एक वरदान सिद्ध होगा।शिक्षा की दृष्टि से छात्र छात्राएँ इसका अध्ययन कर लाभान्वित होंगे।
छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन छंदमयी विशाल साझा संकलन गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना स्थान बना चुका है, जिसे इस समारोह में गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड संस्था से अवार्डेड किया गया। 70 साहित्यकार गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित हुए।इस छत्तीसगढ़ संपूर्ण दर्शन में 72 साहित्यकार शामिल है।जिसमें मुख्य रूप से सुकमोती चौहान,आशा आजाद,माधुरी डड़सेना, गुलशन कुम्हारी , तेजराम नायक , तेरस कैवर्त्य, अजय पटनायक,प्रेमचंद साव,मणिलाल पटेल , गीता विश्वकर्मा नेह , धनेश्वरी देवांगन, अनिता तिवारी , माधवी गणवीर, गायत्री शर्मा और छत्तीसगढ़ के सभी मूर्धन्य साहित्यकार हैं।
इस अवसर पर श्रेष्ठ रचनाकारों की 13पुस्तकों साहित्यिक कृतियों का विमोचन भी सम्माननीय अतिथियों ने किया।
अतिथि साहित्यकारों ने कृति की उन्मुक्त कंठ से प्रशंसा की श्रद्धेय महंत राजे श्री राम सुंदर दास जी ने पुस्तक को छत्तीसगढ़ के इतिहास की अमूल्य निधि और अद्भुत संकलन बताते हुवे संपादक तृय आशा आजाद “कृति”, सुकमोती चौहान “रुचि”, माधुरी डड़सेना “मुदिता” को ऐतिहासिक कार्य के लिए ने साधुवाद शुभकामनाए दी।मुख्य अतिथि श्रद्धेय संस्कृत विद डा. नंद कुमार साय जी पूर्व सांसद अनुसूचित जनजाति के पूर्व अध्यक्ष संस्कृत बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सरगुजा अनुसूचित जनजाति के ससक्त हस्ताक्षर ने पुस्तक को अमूल्य निधि के बताते हुवे सभी सृजन कार मातृ शक्तियों को दो कुल तारिणी वंदनीय बताया।उन्होंने शाकाहार और मांसाहार में शाकाहार को श्रेष्ठ ग्रहण करने योग्य बताते हुवे छत्तीसगढ़ संपूर्ण ग्रंथ को पाथेय मानव कल्याण करने वाला बताया।
गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड की संवाददाता डा. सोनल राजेश शर्मा ने कहा कि यह पुस्तक एक अनमोल संग्रह होने के कारण ही गोल्डन बुक में स्थान बना पाई है उपस्थित सभी रचनाकारों को गोल्डन प्रमाण पत्र अतिथियों के कर कमलों से प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दितिय सत्र में उपस्थित साहित्यकारों ने अपनी रचना जा पाठ कर सब का मन मोह लिया सत्र के मुख्य वक्ता राज भाषा आयोग के सचिव डा.अनिल भतपहरी जी ने रचनाओं का रसास्वादन करते हुवे अपनी रचना धर्मिता के जागृत होने कि बात कहीं साथ ही उन्होंने राजभाषा आयोग साहित्यकारों की सेवा सहयोग के लिए हमेशा तत्पर हैं ।
इस गरिमामयसमारोह में अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर आभार व्यक्त आयोजक मंडल ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डा.रामनाथ साहू जी डा.माधुरी दड़सेना मुदिता जी डा.उदयभान सिंग चौहान जी,केवरा यदु जी, ओम कार साहू मृदुल जी,भागवत निषाद जी,तेजराम नायक जी,तेरस कैवर्त जी,गीता विश्वकर्मा नेह जी,अजय पटनायक जी, गुलशन खम्हरी जी,मनोरमा चंद्रा जी, बिलासा साहित्य संगीत धारा व स्वाभिमान मंच के कार्यकताओं ने अमूल्य सहयोग दिया।
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