- Home
- Chhattisgarh
- भिलाई : ‘ साहित्य सृजन परिषद ‘ के तत्वावधान में ‘ सृजन अलंकरण सम्मान ‘ : 2023 का ‘ सृजन अलंकरण ‘ सम्मान वयोवृद्ध लेखिका पद्मा जोशी को दिया गया…
भिलाई : ‘ साहित्य सृजन परिषद ‘ के तत्वावधान में ‘ सृजन अलंकरण सम्मान ‘ : 2023 का ‘ सृजन अलंकरण ‘ सम्मान वयोवृद्ध लेखिका पद्मा जोशी को दिया गया…
भिलाई [छत्तीसगढ़ आसपास] : साहित्य सृजन समिति के तत्वावधान में विगत दिनों सृजन अलंकरण सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस वर्ष का ‘ सृजन अलंकरण सम्मान ‘ वयोवृद्ध साहित्यकार पद्मा जोशी को ससम्मान प्रदान किया गया. मंचस्थ अतिथियों द्वारा पद्मा जोशी को शॉल श्रीफल और प्रशस्थि पत्र देकर सम्मानित किया गया.
सम्मान के बाद अतिथियों ने अपने उद्दगार में कहा –
साहित्य सृजन परिषद के अध्यक्ष एन एल मौर्य ‘ प्रीतम ‘ ने कहा- कलम की धार तलवार की धार से लाख गुना तेज होती है और आप सब कलमकार हैं, फिर किस बात की कमी है. कलम निरंतर चलती रहनी चाहिए, तभी हम नये भारत का निर्माण कर सकते हैं और यह कार्य कवि एवं साहित्यकार ही कर सकता है. संस्था अध्यक्ष मौर्य जी ने उपस्थित सभी रचनाकारों एवं बुद्धिजनों का आत्मीय स्वागत शब्दरूपी पुष्प से करते हुए कार्यक्रम में शामिल होने पर आभार प्रगट किया.
पद्मा जोशी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए श्रीमती अनिता करडेकर ने कहा – सरल सहज और उदार व्यक्तित्व की पद्मा जोशी ने निष्ठा से गृहस्थी और नौकरी की जिम्मेदारी निभाते हुए मराठी एवं हिंदी साहित्य को समृद्ध किया. उनका पूरा लेखन कठिन संघर्ष पर विजय का जीवंत दस्तावेज़ है.
रौनक जमाल रौनक ने कहा – आपने मुझे इस शानदार सम्मान समारोह में याद किया, मैं गौरव महसूस कर रहा हूँ. आपका मन की अथाह गहराइयों से शुक्रिया अदा करता हूँ. पद्मा जोशीजी को इस सम्मान के लिए बधाई देता हूँ.
मुख्यअतिथि श्रीमती संतोष झांझी ने कहा –
पद्मा जोशीजी बहुत स्नेहमयी हैं. सभी से प्रेम और मुस्कुराते हुए मिलती हैं. उनकी कविताओं में वही आत्मीय भाव रहता है. जीवन में मिले दर्द को अपने कविताओं में उकेरना भी एक रचनाकार की विशेषता होती है.
अध्यक्षता करते हुए डॉ. महेशचंद्र शर्मा ने कहा – प्रबुद्धजन साहित्य में समय का सदुपयोग करते हैं. काव्य और शास्त्र के पठन – पाठन, लेखन और सुनने में समझदार व्यक्ति का समय व्यतीत होता है. प्रबुधजन का यह उचीत मार्ग है.परंतु दूसरे लोग व्यसनों, अधिक नींद, परनिंदा, लड़ाई झगड़े में अपना समय खराब करते हैं. शब्द के उपासक कवि में प्रतिभा जन्मजात होती है, जिसे वह बड़ों के मार्गदर्शन से और बढ़। लेता है. अच्छी कविताओं से मान – सम्मान, व्यवहार,ज्ञान, कल्याण, अच्छे उपदेश और धन प्राप्ति भी होती है. शर्मा जी ने आगे बोले पद्मा जोशी भी अच्छी कवयित्री हैं. आज उनका सम्मान कर हम सबको बहुत खुशी हुई.
‘ छत्तीसगढ़ आसपास ‘ के संपादक प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा – ‘ सृजन अलंकरण ‘ से वयोवृद्ध लेखिका पद्मा जोशीजी का सम्मान कर संस्था को और ऊँचाई मिली है. ‘ साहित्य सृजन परिषद ‘ एक ऐसी संस्था ,जो प्रतिवर्ष किसी एक रचनाकारों को सम्मानित करती है. ऐसी समिति विरले ही नजर आती है. पद्मा जोशीजी को अंतर्मन से बधाई.
सम्मान के बाद दूसरे सत्र में भव्य काव्यगोष्ठी का आयोजन हुआ, इन कवि – कवयित्रियों ने अपनी – अपनी रचनाओं का पाठ किया –
•पद्मा जोशी •डॉ.बानी सिंह ‘ रागी ‘ •रौनक जमाल रौनक •नवेद रजा दुर्गवी •संतोष झांझी •एनएल मौर्य ‘ प्रीतम ‘ •संध्या श्रीवास्तव •रामबरन कोरी ‘ कशिश ‘ •ओमवीर करन •नीलम जायसवाल •सीमा साहू •आशा झा •माला सिंह •डॉ.नरेंद्र देवांगन ‘ देव ‘ •टी एन कुशवाहा ‘ अंजन ‘ •डॉ.नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘ सब्र ‘ •हाजी रियाज खान गौहर •सोनिया सोनी •ओमप्रकाश जायसवाल •इस्माइल आज़ाद •प्रकाश चंद्र मण्डल •डॉ.नीलकंठ देवांगन और नीता कम्बोज ‘ शीरी ‘ .
•कविता पाठ करती हुई पद्मा जोशी
कार्यक्रम का कुशल संचालन नीता कम्बोज ‘ शीरी ‘ ने किया.
आभार प्रदर्शन के पूर्व श्रीमती माला सिंह को ‘ साहित्य सृजन परिषद ‘ का कोषाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया.
मौर्य कुशवाहा समाज की बेटी तान्या कम्बोज को विशेष रूप से सम्मान किया गया. अतिथियों ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए बोले कि तान्या कम्बोज छालीवुड से बालीवुड और बालीवुड से हालीवुड के शिखर पर पहुंचे.
•तान्या कम्बोज को सम्मानित करते हुए अतिथि
अंत में आभार व्यक्त ‘ साहित्य सृजन परिषद ‘ के उपाध्यक्ष रामबरन कोरी ‘ कशिश ‘ ने किया.
[ •रिपोर्ट, डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘ सब्र ‘ ]
🟥🟥🟥