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- विमोचन : ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘ भिलाई द्वारा बंगाली नूतन वर्ष 1430 [2023] के अवसर पर ‘ मध्यबलय [MADHYABALAY] ‘ के अंक – 55 का लोकार्पण आज भिलाई निवास के इंडियन कॉफी हाउस में किया गया.
विमोचन : ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘ भिलाई द्वारा बंगाली नूतन वर्ष 1430 [2023] के अवसर पर ‘ मध्यबलय [MADHYABALAY] ‘ के अंक – 55 का लोकार्पण आज भिलाई निवास के इंडियन कॉफी हाउस में किया गया.
भिलाई [छत्तीसगढ़ आसपास से प्रदीप भट्टाचार्य] : बंगीय साहित्य संस्था द्वारा नियमित प्रकाशित बांग्ला पत्रिका मध्यबलय के अंक – 55 का लोकार्पण आज भिलाई निवास के इंडियन कॉफी हाउस में किया गया. विमोचन ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘ की अध्यक्षा बानी चक्रवर्ती, महासचिव शुभेंदु बागची और ‘ मध्यबलय ‘ के संपादक दुलाल समाद्दार के करकमलों से किया गया. मौके पर उपस्थित थे : श्रीमती स्मृति दत्ता, प्रकाश चंद्र मण्डल, पल्लव चटर्जी, रवींद्रनाथ देबनाथ और ‘ छत्तीसगढ़ आसपास ‘ के संपादक प्रदीप भट्टाचार्य.
•[Left से] – स्मृति दत्ता, पल्लव चटर्जी, रविंद्रनाथ देबनाथ, दुलाल समाद्दार, प्रदीप भट्टाचार्य, बानी चक्रवर्ती, शुबेन्दु बागची, प्रकाश चन्द्र मण्डल
इस अवसर उपस्थित ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘ के सदस्यों ने बांग्ला और हिंदी में काव्यपाठ किया –
बानी चक्रवर्ती ने ‘ देया – नेया ‘, शुभेंदु बागची ‘ मनमौजी मन ‘,
स्मृति दत्ता ‘ छबि ‘
प्रकाश चंद्र मण्डल ‘ माटी खुटे शब्देर खोज कोरी..’,
पल्लव चटर्जी ‘ शुभ सकाल ‘
दुलाल समाद्दार ‘ खून कोरो ना ए मोन पूर्णिमा के… और
प्रदीप भट्टाचार्य ने ‘ लोकतंत्र बनाम नेतातंत्र ‘ शीर्षक से अपनी – अपनी प्रतिनिधि रचना का पाठ पढ़ा.
विमोचन और काव्यगोष्ठी की अध्यक्षता बानी चक्रवर्ती ने किया. संचालन प्रकाश चंद्र मण्डल और आभार व्यक्त दुलाल समाद्दार ने किया.
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