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भिलाई : पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी सृजन पीठ : डॉ. खूबचंद बघेल की जयंती पर ‘ स्मृति डॉ. खूबचंद बघेल का आयोजन : राजनीति में शुचिता के पक्षधर थे डॉ. बघेल – इंदुशंकर मनु, वरिष्ठ साहित्यकार
भिलाई [ 19 जुलाई : सृजन पीठ परिसर, सेक्टर – 9 से प्रदीप भट्टाचार्य] : पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी सृजन पीठ परिसर में स्मृति डॉ. खूबचंद बघेल जयंती के अवसर पर मुख्यअतिथि प्रगतिशील विचारक इंदुशकर मनु ने कहा –
डॉ. खूबचंद बघेल अपने अध्ययन काल में ही राष्ट्रीय नेताओं के संपर्क में आ गए थे. वे राजनीति में शुचिता के पक्षधर थे. पं. नेहरू से असहमत होने के कारण उन्होंने एक बार कांग्रेस से इस्तीफा भी दे दिया था. कालांतर में पं. नेहरू ने ही उन्हें ‘ छत्तीसगढ़ का जवाहर ‘ कहकर सम्मानित किया था. सर्वोत्तम गुणों के समूह डॉ. खूबचंद बघेल ने अछूतोद्धार एवं अन्य सामाजिक विषयों पर नाटक भी लिखे और उनका मंचन भी करवाया, जिसका उन दिनों समाज पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ा.
•[बाएँ से] डॉ. निर्मला परगनिहा, इंदुशंकर मनु, ललित कुमार, प्रदीप वर्मा
वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार प्रदीप वर्मा ने कहा –
डॉ. खूबचंद बघेल राजनीतिज्ञ और समाजसेवी होने के साथ एक सफल चिकित्सक एवं कृषक भी थे. वे एक चिंतनशील लेखक भी थे. उन्होंने अपनी निष्ठा के चलते बड़े बड़े राजनीतिज्ञों से भी असहमति जाहिर कर स्वयं को अलग किया.
वक्ता डॉ. निर्मला परगनिहा ने कहा –
डॉ. खूबचंद बघेल ही थे, जिन्होंने कृषि को औधोगिक दर्जा प्रदान किए जाने की पहल की थी. वह एक सच्चे समाजसेवी व सम्पन्न कृषक होने के साथ ही स्वीकृत जननेता थे. छत्तीसगढ़ राज्य शासन की ओर से डॉ. खूबचंद बघेल के नाम पर राज्य अलंकरण दिए जाने को उदेश्यपरक निरुपित किया.
आरंभ में ‘ सृजन पीठ ‘ के अध्यक्ष ललित कुमार ने आयोजकीय वक्तव्य एवं स्वागत भाषण देते हुए कहा –
डॉ. खूबचंद बघेल को याद करना अपनी जमीन को याद करने की तरह है. उन्होंने डॉ. बघेल द्वारा गठित छत्तीसगढ़ भ्रातृ संघ एवं छत्तीसगढ़ महासभा की चर्चा की और बताया कि संगठित समाज से समस्याओं का समाधान कैसे किया जा सकता है. ललित कुमार ने उपस्थित सभी सुधिजनों का मुखर शब्दों से स्वागत किया.
संचालन एवं आभार कथाकार विजय वर्तमान ने किया.
उपस्थित थे –
डॉ. नलिनी श्रीवास्तव, विनोद साव, शायर मुमताज, शुचि ‘ भवि ‘ ऋषि गजपाल, सहदेव देशमुख, ओमप्रकाश जायसवाल, नीलम जायसवाल, कल्याण सिंह साहू ‘ लोक ‘, सीएल परगनिहा, सुरेश बंछोर, कमलेश बघेल, डॉ. संजय दानी, हितेश कुमार साहू, कल्बे हसन, व्हीएन प्रसाद राव और ‘ छत्तीसगढ़ आसपास ‘ के संपादक प्रदीप भट्टाचार्य साथ में साहित्य एवं समाज से जुड़े नागरिकगण.
•कार्यक्रम में उपस्थित सुधिजन
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