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- छत्तीसगढ़ : दुर्ग जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन द्वारा 15 करोड़ के घपले का आरोप : धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार : बैंक में प्रीतपाल बेलचंदन का अंतिम कार्यकाल 2014 से 2020 तक रहा : पंजीयक सहकारी संस्थाएं छत्तीसगढ़ से बिना अनुमति के 234 प्रकरणों में लगभग 15 करोड़ राशि में अनियमितता के आरोप : तत्कालीन सीईओ पंकज सोढ़ि ने प्रीतपाल के विरुद्ध FIR दर्ज कराई थी…
छत्तीसगढ़ : दुर्ग जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन द्वारा 15 करोड़ के घपले का आरोप : धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार : बैंक में प्रीतपाल बेलचंदन का अंतिम कार्यकाल 2014 से 2020 तक रहा : पंजीयक सहकारी संस्थाएं छत्तीसगढ़ से बिना अनुमति के 234 प्रकरणों में लगभग 15 करोड़ राशि में अनियमितता के आरोप : तत्कालीन सीईओ पंकज सोढ़ि ने प्रीतपाल के विरुद्ध FIR दर्ज कराई थी…
छत्तीसगढ़ आसपास न्यूज़ : जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में 63 वर्षीय प्रीतपाल बेलचंदन तीन बार अध्यक्ष रहे. अपने कार्यकाल में पद का दुरुपयोग करते हुए शासन एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को आर्थिक नुकसान पहुँचाकर 14.89 करोड़ रु. की धोख़ाधड़ी की. उनके खिलाफ मार्च 2021 में दुर्ग कोतवाली में 420,409,467,468,471 और 34 के तहत अपराध दर्ज कराई गई थी. तब से प्रीतपाल बेलचंदन फरार थे. गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट से स्टे लेकर एफआईआर को खत्म करवाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अदालत ने पुलिस को एक्शन नहीं लेने के निर्देश दिए थे. हाईकोर्ट ने दायर रिट की सुनवाई के बाद जांच के आदेश दे दिए. इसके बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और उनकी गिरफ्तारी हुई.
बैंक के संचालक मंडल के साथ मिलकर रचा था षड्यंत्र प्रीतपाल बेलचंदन ने –
तत्कालीन अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन ने राज्य शासन के बिना अनुमति के गोदाम निर्माण और एक मुश्त सेटलमेंट की योजना अपने स्तर से ही लांच कर दी. संचालक मंडल द्वारा लाए गए इन दोनों प्रस्ताव में बैंक की राशि में 14.89 करोड़ राशि का घोटाला कर दिया.
संयुक्त टीम की जांच में हुआ खुलासा –
तत्कालीन सीईओ की शिकायत पर दर्ज किया गया. प्रीतपाल बेलचंदन और निर्वाचित संचालक मंडल पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से शिकायत की गई. इसके बाद कलेक्टर ने तत्कालीन अपर कलेक्टर बीबी पंचभाई, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं विनोद कुमार बुनकर, आडिटर अजय कुमार, को – आपरेटिव इंस्पेक्टर एके सिंह की एक संयुक्त टीम बनाकर रिपोर्ट देने को कहा गया. संयुक्त टीम ने जांच कर 248 पन्नों की रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी और आर्थिक नुकसान की बात को कहा.
इस धोखाधड़ी मामले में पूर्व अध्यक्ष के अलावा बैंक के अन्य संचालक सदस्य भी संलिप्त होने की आशंका है. उन्हें भी पकड़े जाने की आवश्यकता है.
इस तरह के मामले आने से आमजनमानस को सहकारी बैंक/सोसाइटियों से भी विश्वास उठने लगा है. छत्तीसगढ़ में ऐसे कई सहकारी बैंक हैं, जो अध्यक्ष/संचालकों के कारण बंद हो गए. रायगढ़ का नागरिक सहकारी बैंक और रायपुर का इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक…
दुर्ग – भिलाई में स्थापित भिलाई नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित में 1999 से सदस्यों को उनके अंशपूंजी का कोई लाभांश नहीं दिया जा रहा है ❓
प्रगति महिला सहकारी बैंक मर्यादित में विगत 5 वर्षों से लाभांश बंद है ❓
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