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आँखों में खुजली वायरल :आँखों की इस बीमारी से कैसे बचा जा सकता है – डॉ. प्रदीप चौधरी, होम्योपैथिक चिकित्सक
डॉ.प्रदीप चौधरी एक होम्योपैथिक चिकित्सक जो कई वर्षों से स्मृति नगर भिलाई में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी चिकित्सा प्रकोष्ठ के भिलाई के संयोजक है । उनसे हम जानने की कोशिश करेंगे कि जो हाल ही में आंखों की बीमारी फैल रही है ,उससे कैसे बचा जा सकता है ।
कंजेक्टिवाइटिस (आई फ्लू )या हिंदी में इसे कहते हैं आंख आना ।आंखें बहुत ही नाजुक होती है इसके साथ थोड़ी सी भी परेशानी हो तो काफी तकलीफ होने लगती है जो कि बच्चों के लिए कभी-कभी असहनीय भी हो जाती है ।आंखें आना या पिंक आई आंखों से जुड़ी ऐसी ही एक समस्या है जिसे हम चिकित्सीय भाषा में कंजेक्टिवाइटिस भी कहते हैं ।हमारी आंखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली जिसे हम कंजेक्टिवा कहते हैं जो हमारी पलकों के अंदरूनी और आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करती है। अगर इसमें सूजन या संक्रमण हो जाए तो इसे हम कंजेक्टिवाइटिस या आँख आना भी कहते हैं ।कंजेक्टिवाइटिस की समस्या आंखों में बैक्टीरियल ,वायरल या किसी एलर्जी रिएक्शन के कारण भी हो सकती है ।यह एक अत्यंत संक्रामक रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकती है। इसलिए इसका तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर उपचार करना अत्यंत जरूरी है ।बरसात के मौसम में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है भिलाई दुर्ग में भी यही इंफेक्शन काफी तेजी से फैल रहा है।
आई फ्लू या कंजेक्टिवाइटिस के लक्षण
इसमें इंफेक्शन होने व्यक्ति की आंखें लाल हो जाती है ,आंखों से पानी निकलते रहता है ,सूजन हो जाती है जिसके कारण आंखों से साफ दिखाई नहीं देता,आंखों में जलन, आंखों में खुजली ,चुभन महसूस होना, सफेद या पीला द्रव निकलना रोशनी से तकलीफ होना साथ ही हल्का बुखार भी रह सकता है ।ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इस संक्रमण से बचने के लिए आंखों को नियमित रूप से साफ पानी से धोएं बार बार आंखों को छूने या रगड़ने से बचे ।जो संक्रमित व्यक्ति है उससे दूरी बनाकर रखें उसकी किसी भी चीजों का इस्तेमाल ना करें। यह बीमारी 5 से 10 दिनों के बीच में ठीक हो जाती है और इस बीमारी से बचने के लिए होम्योपैथी में कुछ प्रीवेंटिव मेडिसिन भी है जिसे लेकर इस बीमारी से बचा जा सकता है।
[ •डॉ प्रदीप चौधरी ने ‘ छत्तीसगढ़ आसपास ‘ को जैसे बताया ]
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