- Home
- Chhattisgarh
- दीपावली विशेष : सत्यम ज्योतिष और वास्तु – आचार्य उदय जोशी
दीपावली विशेष : सत्यम ज्योतिष और वास्तु – आचार्य उदय जोशी
वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक इस साल दिवाली बहुत ही खास रहेगी । क्योंकि कई दशकों के बाद दिवाली पर एक साथ कई शुभ योग और राजयोग का निर्माण हुआ है ।
इस साल 12 नवंबर को दिवाली है, हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर पूरे देश भर में दिवाली का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है । दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है । दिवाली की तैयारी कई दिनों पहले से होने लगती हैं । दिवाली पर पूरे घर को दियों से सजाया जाता है । हर वर्ष दीपोत्सव का पर्व 5 दिनों तक मनाया जाता है, धनतेरस से दिवाली का त्योहार शुरू हो जाता है, और फिर इसके बाद नरक चतुर्दशी जिसे छोटी दीपावली भी कहते हैं, मनाया जाता है। इसके बाद दिवाली, फिर अगले दिन गोवर्धन पूजन और आखिरी दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है । वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक इस साल दिवाली बहुत ही खास रहेगी, क्योंकि कई दशकों के बाद दिवाली पर एक साथ कई शुभ योग और राजयोग का निर्माण हुआ है ।
🪔 दिवाली 2023 और शुभ योग –
दिवाली का त्योहार कार्तिक माह के अमावस्या तिथि पर मनाने का विधान है । दिवाली पर मां लक्ष्मी – श्री गणेश पूजन का काफी महत्व होता है । दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के लिए प्रदोष काल का समय सबसे अच्छा माना जाता है, दिवाली पर अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर करीब 2:30 पर शुरू हो जाएगी, वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक दिवाली को शाम के समय जब लक्ष्मी पूजा होगी, इस दौरान पांच राजयोग का निर्माण भी होगा । इसके अलावा आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेगा । इस तरह से दिवाली 8 शुभ योग में मनाई जाएगी । दिवाली पर इस तरह का शुभ योग कई दशकों के बाद बना है, ऐसे में इस शुभ योग में दिवाली सभी के लिए सुख – समृद्धि और मंगलकामना साबित होगी ।
🪔 दिवाली पर 5 राजयोग –
इस साल दिवाली पर एक साथ पांच राजयोग देखने को मिलेगा । यह पांच राजयोग गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा नाम के होंगे । इन राजयोग का निर्माण शुक्र, बुध, चंद्रमा और गुरु ग्रह स्थितियों के कारण बनेंगे । वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गजकेसरी योग को बहुत ही शुभ माना जाता है, यह योग मान सम्मान और लाभ देने वाला साबित होता है । वही हर्ष योग धन में वृद्धि और यश दिलाता है । जबकि बाकी काहल, उभयचरि और दुर्धरा योग शुभता और शांति दिलाता है । वहीं कई सालों बाद दिवाली पर दुर्लभ संयोग भी देखने को मिलेगा । जब शनि देव अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश महापुरुष राजयोग का निर्माण करेंगे । इसके अलावा दिवाली पर आयुष्मान और सौभाग्य योग का निर्माण भी होगा ।
🪔 12 नवंबर को सुबह चतुर्दशी और दोपहर बाद अमावस्या तिथि –
इस वर्ष छोटी और बड़ी दिवाली दोनों ही एक दिन यानी 12 नवंबर को ही मनाई जाएगी । पंचांग के अनुसार 12 नवंबर को सुबह तक रूप चौदस रहेगी, फिर दोपहर 2:30 बजे के बाद कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी । शास्त्रों के अनुसार दिवाली पर लक्ष्मी पूजन हमेशा अमावस्या की रात को ही होती है । इस वजह से दिवाली पर मां लक्ष्मी – श्री गणेश की पूजा 12 नवंबर को रात को होगी । अमावस्या तिथि 13 नवंबर को दोपहर 3:00 बजे तक रहेगी ।
कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है, इस बार कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि 12 और 13 नवंबर दोनों ही दिन रहेगी । लेकिन दिवाली का त्योहार 12 नवंबर को ही मनाया जाएगा । 12 नवंबर को दोपहर अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी, ऐसे में रविवार की रात को ही लक्ष्मी पूजन के साथ दिवाली का त्यौहार मनाया जाएगा । दरअसल हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है की दिवाली पर लक्ष्मी पूजा हमेशा ही अमावस्या तिथि और प्रदोष काल के संयोग में ही करना चाहिए । इस कारण से 12 नवंबर को ही शुभ दीपावली मनाया जाएगी ।
🪔 दिवाली पर मां लक्ष्मी श्री गणेश पूजा मुहूर्त – 12 नवंबर 2023 –
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 5:29 से शाम 8:07 तक
अवधि: 01 घंटा 54 मिनट
प्रदोष काल- 5:29 से 8:07 तक
वृषभ काल- 5:40 से 7:36 तक
🪔 दिवाली महानिशीथ काल पूजा मुहूर्त –
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 11:39 से 12:31 तक
अवधि: 52 मिनट
महानिशीथ काल- 11:39 से 12:31 तक
सिंह काल- 12:12 से 2:30 तक
🪔 दिवाली शुभ चौघड़िया पूजा मुहूर्त –
अपराह्न मुहूर्त (शुभ)- 1:26 से 2:47 तक
सायंकाल मुहूर्त (शुभ, अमृत, चल)- 5:29 से 10:26 तक
रात्रि मुहूर्त (लाभ)- 1:44 से 3:23 तक
उषाकाल मुहूर्त (शुभ)- 5:02 से 6:41 तक
ज्योतिष और वास्तु संबंधित किसी भी प्रकार की सहायता व जानकारी हेतु संपर्क करें । 🌹🙏
आचार्य उदय जोशी
9350133330
9560970369
🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉