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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 : ‘ जन संघर्ष मौर्चा ‘ द्वारा राज्य के किसानों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, अल्प संख्यक समुदाय, महिलाओं, युवाओं, विद्यार्थियों एवं लोकतंत्र के समर्थक ताकतों से अपील : •17 नवम्बर गरीब मेहनतकश जनता की दुश्मन फ़ासिस्ट भाजपा को एक आखिरी धक्का दें : • कॉर्पोरेट घरानों की दलाल, भाजपा को हराकर उसकी औकात बताएं और लोकतंत्र व संविधान को बचाने में अपना योगदान दें…
छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए दूसरे चरण का मतदान कल 17 नवंबर को 70 विधानसभा क्षेत्रों में होने जा रहा है। आप मतदान के लिए जा रहे हैं तो यह मत भूलिएगा कि दिल्ली की सीमाओं पर तीन कॉरपोरेट परस्त कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण संघर्ष कर रहे 750 किसान शहीद हुए थे ।लखीमपुर खीरी में गाड़ी से कुचल कर किसानों की हत्या करवाने वाले मंत्री व मंत्री पुत्र को भी मत भूलिएगा ,क्योंकि इन जैसे हत्यारों, राम रहीम गुरमीत जैसे बलात्कारियों,जो अक्सर जमानत / पैरोल पर रिहा होकर बीजेपी को समर्थन करने की अपील करते हैं,संघ / भाजपा के आधार स्तंभ हैं । और तो और यह भी मत भूलिएगा कि वह फासिस्ट संघ परिवार का राजनैतिक अंग भाजपा ही है,जो तथाकथित” धर्मसंसद ” के जरिए मुसलमानों का हत्याकांड करवाने का आह्वान करने वाले आतंकवादी ढोंगी सन्यासी यति नरसिंहानंद या महात्मा गांधी की गोडसे द्वारा किए गए हत्या को जायज़ ठहराने वाले धीरेंद्र शास्त्री जैसे पाखंडियों को नफरत की आग फ़ैलाने के लिए खुला छोड़ते हैं।
आप ये मत भूलिएगा कि दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने फासीवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मार्गदर्शन में भाजपा, अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद अडानी जैसे महाभ्रष्ट कॉरपोरेट घरानों का हिंदुराष्ट्र बनाने जा रही है जहां बाबासाहेब आंबेडकर के बनाए भारत के मौजूदा संविधान को खत्म कर अमानवीय मनुस्मृति को लागू करेगी,जिसके अनुसार तमाम गरीब मेहनतकश ,दलित/ उत्पीड़ित,आदिवासी ,अन्य पिछड़े वर्गों की जनता और अल्पसंख्यकों सहित महिलाओं को इंसान नहीं गुलाम का दर्जा दिया गया है।इसीलिए योगी आदित्यनाथ के राज में हाथरस में दलित युवती के निर्मम बलात्कार, हत्या और प्रशासन द्वारा रात के अंधेरे में उनकी लाश को जला देने के साथ साथ देश के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीतने वाली महिला पहलवानों को ,अत्याचारी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को बचाने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा उनके बूटों तले कुचलवाने की घटना को भी मत भूलिएगा।
छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के राज में आदिवासियों से आदिवासियों को लड़ाने के खूनी खेल ” सलवा जुड़ूम” के नाम पर सैकड़ों आदिवासियों का सशत्र बलों द्वारा जनसंहार/ झूठे मुठभेड़ों में हत्या/ लाखों आदिवासियों का पड़ोसी राज्यों में पलायन तथा लम्बे तक आदिवासियों को छत्तीसगढ़ की जेलों में सड़ाने की घटना को भी मत भूलिए।
आप यह भी मत भूलिएगा कि किस तरह बलात्कार के बाद पीड़िता के परिवार के लोगों को चुन चुन कर मारने वाले उन्नाव के बलात्कारी विधायक कुलदीप सेंगर को इस संस्कारी पार्टी ने संरक्षण दिया ।गुजरात में संघी फासिस्ट गुंडों द्वारा मुस्लिम अल्पसंख्यकों के सफाया अभियान के दरम्यान पांच माह की गर्भवती बिल्किस बानो के दुधमुंहे बच्चे सहित उनके परिवार के 7 लोगों की हत्या,गैंग रेप के बाद निर्मम यातनाये देकर बिल्किस बानो को मरने के लिए छोड़ देने वाले 11 जघन्य ” संस्कारी” अपराधियों को जेल से मुक्त करने वाली पार्टी को आप कैसे भुल सकते हैं?
क्या बस्तर समेत राज्य के कई क्षेत्रों में ( बीरनपुर,कवर्धा सहित) अल्पसंख्यक विशेषकर मसीही आदिवासी समुदाय पर भीषण हमला करने वाले फासिस्ट संघ परिवार के जुल्मों (कुख्यात रोको रोको ठोको नीति) को आप भूल सकते हैं? वैसे ही भाजपा शासित गुजरात के ऊना में दलित युवकों द्वारा मृत पशु के चमड़े निकालने पर ( जो की उनका पेशा है) उन्हें पिटाई कर अर्धनग्न अवस्था में जीप में बांध कर घसीटने या मध्य प्रदेश में भाजपा नेता द्वारा आदिवासी युवक पर पेशाब करने की घटना ,जो कि भाजपा के आदिवासी,दलित प्रेम को दर्शाता है(?) को कोई कैसे भुल सकता है?
” बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” का नारा देकर,जम्मू के कठिया में मासूम बच्ची आसिफा की धर्मस्थल में बलात्कार कर हत्या और भाजपा/ आरएसएस के द्वारा अपराधियों को छुड़ाने के लिए जुलूस निकालने और राजस्थान के राजसमंद में अफराजुल नामक मजदूर को कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर उसका वीडियो बनाने वाले अपराधियों को बचाने के लिए भाजपा/ संघ द्वारा प्रदर्शन और फंड इकठ्ठा करने को क्या आप भूल सकते हैं?
वैसे तो मोदी के अमृतकाल में,कोरोना काल में दर दर की ठोकर खाते प्रदेश के मजदूर, गंगा में बहती लाशें,ऑक्सिजन सिलिंडर के अभाव में मरते बच्चों और भाजपा शासन काल के दौरान लड़ाकू मजदूर नेता शंकर गुहा नियोगी, दरसराम साहू,रमेश परिदा की हत्या की घटनाओं को भी भूलाया नहीं जा सकता।लेकिन घोर जन विरोधी फासिस्ट बीजेपी सोचती है कि जनता की याददाश्त कमजोर है।आप इस बात को साबित करें कि आपकी याददाश्त बिल्कुल ठीक है।
आपको उसे याद दिलाने की जरूरत है कि हरियाणा के नूह से लेकर मणिपुर तक नफ़रत और विभाजन की जहरीली राजनीति और संस्कृति फैलाने वाली भाजपा द्वारा प्रदेश और देश की आम जनता को बेवकूफ बनाने का धंधा अब नहीं चलेगा।उसे इस बात का जवाब देना पड़ेगा कि क्यों नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दस साल में देश में पिछले 75 सालों में अभूतपूर्व गरीबी,भुखमरी,बेरोजगारी और मंहगाई बढ़ी है और क्यों इस ” अमृतकाल” में अडानी जैसे महाभ्रष्ट कॉरपोरेट सबसे ज्यादा चांदी काट रहे हैं?यही भाजपा सरकार पूरे देश में कॉरपोरेट घरानों के लठैतों की तरह,दलित,मुस्लिम,किसान,मज़दूर, मेहनतकश वर्ग की गर्मी उतारने के लिए मानवाधिकार संविधान को पैरों तले रौंदती है।अगर आपने इन निरंकुश जुल्मी हत्यारों फासीवादियों को छत्तीसगढ़ में नहीं रोका तो ये फिर उसी संविधान की शपथ लेंगे जिसे ये सिर्फ एक कागज का टुकड़ा मानते हैं और फिर सत्ता में आकर ये न सिर्फ छत्तीसगढ़ की जनता को तबाह कर देंगे बल्कि हिटलर की तरह उनके ये वशंज पूरे देश को मिटा डालेंगे।
अभी फिलिस्तीन में पूरे देश ने देखा कि कैसे अमरीकी साम्राज्यवाद की शह पर उसका शिकारी कुत्ता फासिस्ट हत्यारा इजरायल ने 12000 से अधिक बेगुनाह फिलिस्तीनियों जिसमें 5000 से अधिक बच्चे हैं ,को गाज़ा पट्टी,वेस्ट बैंक ,लेबनान और सीरिया में मार डाला है और लगातार मानवता के खिलाफ युद्ध अपराध कर रहा है ।ऐसे आतंकी दुष्ट देश इजरायल को ये संघी फासीवादी कितनी निर्लज्जता के साथ खुलकर समर्थन कर रहे हैं सिर्फ इसके अंध मुस्लिम विरोध के नाम पर। धुर दक्षिणपंथी जनविरोधी भारतीय जनता पार्टी, येन केन प्रकारेण छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों के चुनाव को जीतने के लिए अपनी नफरती अभियान( हेट स्पीच )को चरम रूप में ले जा चुकी है।
इसीलिए चुनाव के आखरी चरण में हम हर बार की तरह पुनः जनता से अपील करते हैं कि, कॉरपोरेट घरानों की दलाल,अपराधियों, हत्यारों, बलात्कारियों की संरक्षक, जनता की घोर शत्रु बीजेपी को कठोर सजा दें। पहले चरण की तरह, भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ ,जिस उम्मीदवार के जीतने की सबसे अच्छी संभावना है, उसे वोट देकर बीजेपी को एक आखरी धक्का दें। आइए हम बेहतर भविष्य के लिए लोकतंत्र,शांति, संविधान की रक्षा के लिए, धार्मिक कट्टरता ,नफ़रत और विभाजन के उन्माद के खिलाफ आवाज उठाएं और बीजेपी के खिलाफ बड़ी संख्या में जाकर मतदान करें और नफ़रत की बेल को उखाड़ कर फेंक दें।
” नहीं भूलेगा कुछ भी जब वोट करेगा छत्तीसगढ़।सब कुछ याद रखा जायेगा”
ये जानकारी ‘ जन संघर्ष मौर्चा ‘ के प्रसाद राव, लखन सुबोध, शाकिर कुरैशी, सौरा, नीरा, कला दास और तुहिन देब, संयोजक गण ने जारी की.
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