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बांग्ला व हिंदी के कवि प्रकाश चंद्र मण्डल की चौथी बांग्ला कविता संग्रह ‘ आमाके उन्मुक्त करो ‘ कृति को देश की ख्यातिलब्ध लाइब्रेरी ‘ देश ‘ में डिस्प्ले
भिलाई [छत्तीसगढ़ आसपास न्यूज़] : बांग्ला – हिंदी के चर्चित कवि व नाट्यकार और ‘ छत्तीसगढ़ आसपास ‘प्रिंट राष्ट्रीय मासिक पत्रिका व वेब पत्रिका के सलाहकार संपादक प्रकाशचंद्र मण्डल की हॉल ही में बांग्ला की चौथी कृति आमाके उन्मुक्त करो मुरशिदाबाद कोलकाता के ‘ रंगोमिलंती प्रकाशनी ‘ से छप कर आई है.
प्रकाशचंद्र मण्डल के इसके पूर्व में
बांग्ला की दो कविता संग्रह ‘ तुमी ऐले ताई ‘ और ‘ एक फाली रोदुर ‘ आई थी. इनकी एक हिंदी कविता संग्रह ‘ शब्दों की खोज में ‘ है.
आमाके उन्मुक्त करो संग्रह को बांग्ला की सर्वश्रेष्ठ लाइब्रेरी देश के डिस्प्ले में रखा गया है.
इस्पातनगरी भिलाई छत्तीसगढ़ के कवि प्रकाशचंद्र मण्डल के इस उपलब्धि के लिए ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘, ‘ मुक्तकंठ साहित्य समिति ‘, ‘ बंगीय कृष्टि परिषद् ‘, ‘ अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद ‘ बांग्ला की श्रेष्ठ लिटिल पत्रिका ‘ मध्य बलय ‘ और राष्ट्रीय हिंदी पत्रिका ‘ छत्तीसगढ़ आसपास ‘ परिवार की तरफ से अनंत बधाई शुभकामना दी.
आमाके उन्मुक्त करो को प्राप्त करने के लिए कवि प्रकाश चंद्र मण्डल से संपर्क करें –
94255 75471
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