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विमोचन : ‘ दीपाक्षर साहित्य समिति ‘ का आयोजन : डॉ. संत राम देशमुख की 9 कृति का एक साथ विमोचन
▪️ विमोचन करते हुए अतिथि
दुर्ग [छत्तीसगढ़ आसपास न्यूज़] :
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पहली बार हुआ एक साथ 9 साहित्य का विमोचन
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साहित्य समाज संस्कृति को नई दिशा देती है- डॉ. इंद्रबहादुर सिंह, मुंबई
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एक साथ, एक मंच पर 9 पुस्तक का विमोचन अविस्मरणीय है- डॉ. विनय कुमार पाठक, कुलपति, थावे विद्यापीठ, गोपालगंज, बिहार
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9 कृति का विमोचन भाईचारे से शुरूवात हुई – डॉ. शंकर मुनि राय, राजनांदगांव
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अब तक पुत्र ने अपने साहित्य कार पिता पर लिखा है, किंतु पहली बार डॉ. संतराम देशमुख ने अपने दिवंगत अग्रज बसंत देशमुख के साहित्य को केंद्र में रखकर किताब का लेखन किया है- रवि श्रीवास्तव,वरिष्ठ साहित्यकार
डॉ.संतराम देशमुख की रचनाएं जीवन धर्मी हैं। उक्त बातें डॉ इंद्र बहादुर सिंह ने कही। वे दीपाक्षर साहित्य समिति के विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि थे।
डॉ सिंह ने कहा की देशमुख जी का साहित्य न केवल पठनीय है, बल्कि समाज व संस्कृति को नई दिशा और दृष्टि देने वाली है। वे एक श्रेष्ठ कवि , समीक्षक के रूप में स्थापित है। वहीं अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति डॉ विनय पाठक ने कहा कि एक साथ , एक मंच पर दस पुस्तक का विमोचन इसलिए अविस्मरणीय है, क्योंकि उन्होंने साहित्य का सृजन किया है। आयोजन का दिन वर्ष का अंतिम दिन और नए वर्ष आगमन की पूर्व संध्या है। लोग आज का दिन मनोरंजन में समय व्यतीत करते है, यह पल साहित्यकारों का सारस्वत आयोजन का है। डॉ पाठक ने अपने शिष्य संत विमल के साहित्य पर गर्व किया।
मुख्य वक्ता डॉ शंकर मुनि राय ने कहा कि भाईचारे से शुरुवात हुई है। आज किताब का नहीं साहित्य का विमोचन हुआ है। साहित्य नए सबरे का आगमन होता है। लेखक होना अलग बात है। साहित्य सृजन करना अलग बात हैं। विमोचन समारोह में डॉ ए के यदु बिलासपुर, शिरोमणी माथुर राजहरा, रामेश्वर शर्मा रायपुर ने अपनी बात रखी। कार्यक्रम का संचालन दादूलाल जोशी ने किया। अतिथियों का स्वागत मनोज जैन, कृष्ण कुमार दीप, माखन साहू, प्यारे लाल देशमुख, रमेश यादव, कृष्ण कुमार काजल ने किया।
पहली बार नौ साहित्य का विमोचन :
मुख्य वक्ता रवि श्रीवास्तव ने कहा अब तक पुत्र ने अपने साहित्यकार पिता पर अवश्य लिखा है, किंतु पहली बार संतराम देशमुख ने अपने दिवंगत अग्रज बसंत देशमुख के साहित्य को केंद्र में रख समीक्षात्मक किताब का लेखन किया है। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश व देश में अनगिनत कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला। यह पहला कार्यक्रम है जहां एक साहित्यकार की कुल नौ साहित्य का विमोचन एक साथ हुआ है। यह अपने आप में बड़ी बात है। इस पल को हमेशा याद रखा जाएगा।
साहित्य जिसका विमोचन हुआ :
होटल एवलान दुर्ग में डॉ संतराम देशमुख विमल लिखित बसंत देशमुख की वागियभुति, कविता संग्रह गतिचक्र, डॉ शिव मंगल सिंह मंगल का काव्य विमर्श, कविता संग्रह बंधु ! कितनी दूर शेष , त्रिवेणी , साहित्य का सामाजिक स्वरूप और दादू लाल जोशी की रचना धर्मिता, गजल संग्रह दस्ता , लैगिंग दिव्यता की कविताएं अपनी तलाश , कविता संग्रह समर्पित सरगम का विमोचन किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि डॉ इंद्र बहादुर सिंह की किताब भाषा के विविधरूप और लघु पत्रिका को डॉ दादू लाल जोशी फरहद का प्रदेय का विमोचन किया गया। इस अवसर पर काफी तादाद में साहित्यकार उपस्थित थे।
रपट, डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘ सब्र ‘
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