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- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नई दिल्ली रवाना हो रही झांकी टीम से की चर्चा और शुभकामनाएं देते हुए कहा- छत्तीसगढ़ का मान-सम्मान आप लोगों के हाथ…
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नई दिल्ली रवाना हो रही झांकी टीम से की चर्चा और शुभकामनाएं देते हुए कहा- छत्तीसगढ़ का मान-सम्मान आप लोगों के हाथ…
भिलाई [छत्तीसगढ़ आसपास न्यूज़] : गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय आयोजन में छत्तीसगढ़ की झांकी प्रदर्शित करने 17 लोक कलाकारों का दल प्रख्यात लोक वाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय के नेतृत्व में 13 जनवरी को दुर्ग रेलवे स्टेशन से रवाना हुआ। इस दौरान रेलवे स्टेशन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इन कलाकारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बात की और इनका उत्साह बढ़ाया।
रिखी क्षत्रिय के नेतृत्व में यह टीम गणतंत्र दिवस परेड के अवसर पर छत्तीसगढ़ की झांकी बस्तर की प्राचीन जनसंसद मुरिया दरबार को प्रदर्शित करने रवाना हुई। जय जोहार के साथ टीम से चर्चा की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ का मान और सम्मान आप लोगों के हाथ में है। लोक कलाकारों का नेतृत्व कर रहे लोकवाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय ने कहा कि आपके आशीर्वचन से सभी कलाकार गदगद हो गए हैं और हम सब अब दुगुने उत्साह के साथ प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने सभी से परिचय प्राप्त किया और सभी को शुभकामनाएं दी।
श्री साय ने लोकदल की बालिकाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की बेटियों ने हमेशा प्रदेश का नाम ऊंचा किया आज एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड पर पूरे विश्व की दृष्टि हमारे भारतवर्ष पर रहती है। यह एक ऐसा अवसर होता है जहां देशभर की कला संस्कृति से अवगत होने का मौका मिलता है और इन सब बालिकाओं को छत्तीसगढ़ की महान और प्राचीन आदिवासी भारतीय संस्कृति को निरूपित करने का मौक़ा मिला है।
इस दौरान जनसंपर्क विभाग के आयुक्त मयंक श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री साय को अवगत कराया कि देश के 28 राज्यों के बीच कड़ी प्रतियोगिता के बाद छत्तीसगढ़ की झांकी बस्तर की आदिम जनसंसद मुरिया दरबार को इस साल नई दिल्ली में होने वाली गणतंत्र-दिवस परेड के लिए चयनित किया गया है। उन्होंने बताया कि झांकी की सजावट जनजातीय समाज की शिल्प-परंपरा के ‘‘बेलमेटल और टेराकोटा शिल्पों‘‘ से की गई है। बेलमेटल शिल्प का नंदी सामाजिक आत्मविश्वास और सांस्कृतिक सौंदर्य का प्रतीक है। टेराकोटा शिल्प का हाथी लोक की सत्ता का प्रतीक है। इस दौरान रिखी क्षत्रिय व सभी लोक कलाकारों ने मुख्यमंत्री साय का आभार जताया।
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