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- देश के प्रख्यात लेखक गिरीश पंकज रचनावली का लोकार्पण हुआ : गिरीश पंकज ने साहित्य की हर विधा में कलम चलाई, रायपुर शहर को आज गिरीश पंकज के नाम से पहचाना जाने लगा- डॉ. संजय अलंग
देश के प्रख्यात लेखक गिरीश पंकज रचनावली का लोकार्पण हुआ : गिरीश पंकज ने साहित्य की हर विधा में कलम चलाई, रायपुर शहर को आज गिरीश पंकज के नाम से पहचाना जाने लगा- डॉ. संजय अलंग
रायपुर [छत्तीसगढ़ आसपास न्यूज़] : देश के प्रख्यात साहित्यकार रायपुर निवासी गिरीश पंकज जी की समग्र रचनावली का आज राजधानी के वृंदावन सभागृह मे आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में लोकार्पण किया गया l ज्ञान मुद्रा पब्लिकेशन भोपाल एवं वक्ता मंच रायपुर के संयुक्त तत्वावधान मे यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था lराजधानी व आसपास के प्रमुख साहित्यकारों की बड़ी संख्या में उपस्थिति के साथ संपन्न इस आयोजन के मुख्य अतिथि संभाग आयुक्त डॉ संजय अलंग थे l अध्यक्षता डॉ सुशील त्रिवेदी एवं डॉ चितरंजन कर ने संयुक्त रूप से की l मंच पर डॉ रमेंद्रनाथ मिश्र, राजेश पारेख (नागपुर), शशि वरवंडकर, राजीव अग्रवाल, नर्मदा प्रसाद मिश्र ‘नरम’, प्रियंका कौशल, डॉ महेंद्र ठाकुर, मीर अली ‘मीर’, भारती बंधु, डॉ सुधीर शर्मा, राजकुमार धर द्विवेदी, वरुण माहेश्वरी एवं आशीष राज सिंघानिया उपस्थित थे l
कार्यक्रम का संचालन उर्मिला देवी ‘उर्मि’ और ‘वक्ता मंच’ के अध्यक्ष राजेश पराते ने स्वागत भाषण दिया.
प्रियंका कौशल ने कार्यक्रम परिचय प्रस्तुत करते हुए बताया कि गिरीश जी की अब तक की साहित्यिक यात्रा को 8500 पृष्ठों व 20 खंडों में संकलित कर ज्ञान मुद्रा प्रकाशन द्वारा हमारे समक्ष रखा गया है l यह एक अत्यधिक श्रम साध्य कार्य था, जिसे कुशलता पूर्वक प्रकाशन द्वारा पूर्ण किया गया l इस रचनावली में लेख, कविता, कहानी, व्यंग्य, बाल कहानी, निबंध सहित साहित्य की प्रत्येक विधा का समावेश है.
संजय अलंग ने कहा-
गिरीश पंकज ने साहित्य की प्रत्येक विधा में कलम चलाई है l रायपुर शहर को आज गिरीश पंकज के नाम से पहचाना जाने लगा है l उनका लेखन कर्म हम सबको प्रेरणा प्रदान करता है.
समारोह में उपस्थित अतिथियों ने अपने उद्बोधन में कहा कि पंकज जी की रचनाधर्मिता मानवीय संवेदनाओं एवं समाज सापेक्ष मूल्यों की संवाहक है l उनके लेखन पर साहित्य के अनेक विधार्थियो द्वारा शोध कार्य जारी है l उनका लेखन देश व समाज के यथार्थ को पूरी शिद्दत के साथ प्रस्तुत करता है.
गिरीश पंकज ने कहा-
आज का कार्यक्रम उनके रचनाकर्म का महत्वपूर्ण पडाव है l इस विशाल रचनावली के प्रकाशन के बाद भी उनका रचनाकर्म जारी रहेगा l उनका जीवन साहित्य को समर्पित है.
इस अवसर पर ज्ञानमुद्रा पब्लिकेशन के वरुण माहेश्वरी और आकाश माहेश्वरी का विशेष रूप से अभिनंदन किया गया.
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समारोह के दूसरे सत्र में रचना पाठ हुआ-
समारोह के दौरान ज्ञानमुद्रा पब्लिकेशन के वरुण माहेश्वरी एवं आकाश माहेश्वरी का विशेष रूप से अभिनंदन किया गया.
अंत में धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते द्वारा घोषणा की गई कि समारोह में उपस्थित समस्त प्रबुद्धजनों को साहित्य मित्र सम्मान प्रदान किया जायेगा.
[ •डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘ सब्र’, विशेष प्रतिनिधि ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ ]
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