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- विमोचन : बांग्ला की वयोवृद्ध लेखिका स्मृति दत्ता की कृति ‘त्रिधारा’ का विमोचन : विमोचन के अवसर पर कोलकाता से आए, बांग्ला लिटिल पत्रिका ‘आजकेर जोधन’ और साप्ताहिक ‘देशप्रेमी’ के संपादक बासुदेब मंडल उपस्थित थे.
विमोचन : बांग्ला की वयोवृद्ध लेखिका स्मृति दत्ता की कृति ‘त्रिधारा’ का विमोचन : विमोचन के अवसर पर कोलकाता से आए, बांग्ला लिटिल पत्रिका ‘आजकेर जोधन’ और साप्ताहिक ‘देशप्रेमी’ के संपादक बासुदेब मंडल उपस्थित थे.
👉 [ ‘त्रिधारा’ विमोचन ] बाएँ से– प्रकाशचंद्र मण्डल, स्मृति दत्ता, बासुदेब मंडल, बानी चक्रवर्ती और दुलाल समाद्दार
छत्तीसगढ़ आसपास न्यूज़ : विगत दिनों भिलाई निवास के इंडियन कॉफी हाउस के सभागार में बांग्ला की चर्चित लेखिका व कवयित्रि स्मृति दत्ता लिखित तीन संदर्भित रचनाकृति स्टोरी, कविता और संस्मरण की पुस्तक त्रिधारा का विमोचन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ.
स्मृति दत्ता की ‘त्रिधारा’ के पहले सात संग्रह आ चुकी है. 1. नाना दिनेर नाना रंग 2. एकेर भितोर तीन 3. जा देखी जा सुनी 4. जुगोल बोंदी 5. हृदयेर दुकुल 6. लेलिन साहेबेर साथे देखा 7. केमेस्ट्री प्रेक्टिकल ओ टीवी शो.
त्रिधारा एक संग्रह में तीन संग्रह है. 1. आण्विक 2. कोवियाल और 3. स्मशेनिका.
विमोचन के पहले बीते दिनों दिवंगत हुए बिथीका भट्टाचार्य, कविता बिश्वास और माधुरी विश्वास को सभागार में विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
प्रारंभ में मुख्यअतिथि कोलकाता से पधारे कवि संपादक बासुदेब मंडल का ‘बंगीय साहित्य संस्था’ द्वारा शॉल, श्रीफल और मोमेंटो से सम्मानित किया गया. सम्मान के अवसर पर ‘बंगीय साहित्य संस्था’ की सभापति बानी चक्रवर्ती, उप सचिव कवि व नाट्यकार प्रकाश चंद्र मण्डल, ‘मध्यबलय’ के संपादक व कवि दुलाल समाद्दार और ‘त्रिधारा’ की कृतिकारा स्मृति दत्ता मंचासीन थे.
👉 बासुदेब मंडल को शॉल श्रीफल से सम्मानित करते हुए ‘बंगीय साहित्य संस्था’
👉 बासुदेब मंडल को संस्था द्वारा मोमोंटो प्रदान करते हुए…
👉 बासुदेब मंडल को संस्था द्वारा प्रशस्तिपत्र प्रदान करते हुए…
बाद में सभागार में बैठे प्रमुख लेखक गोविंद पाल, प्रदीप भट्टाचार्य, आलोक कुमार चंदा, सुबीर राय, बृजश्वर मलिक,मोऊ राय, गौतम शील, पं. वासुदेव भट्टाचार्य, रविंद्रनाथ देबनाथ, मनोरंजन दास और पल्लव चटर्जी ने भी बासुदेब मंडल का पुष्पगुच्छ देकर अभिवादन किया.
👉 [बाएँ से] सुबीर राय, प्रकाशचंद्र मण्डल, गोविंद पाल, प्रदीप भट्टाचार्य, स्मृति दत्ता, बासुदेब मंडल, रविंद्रनाथ देबनाथ, बृजश्वर मलिक, बानी चक्रवर्ती, दुलाल समाद्दार, आलोक कुमार चंदा और मनोरंजन दास
‘त्रिधारा’ का विमोचन के पश्चात बासुदेब मंडल ने अपने उद्बोधन में कहा-
👉 बासुदेब मंडल उद्बोधन देते हुए…
पुस्तक प्रकाशित तो हो रहे हैं, पर पुस्तक या साहित्य को लोग पढ़ते नहीं. साहित्य को लोगों को खरीदकर पढ़ना चाहिए. मैं घूमने के लिए नदी/पहाड़ या मंदिर नहीं जाता. मेरे लिए ऐसे साहित्यिक आयोजन ही मंदिर है याने ‘ साहित्य मेरे लिए मंदिर है’. हम सबका ये कर्तव्य होना चाहिए कि अन्य भाषाओं की पुस्तकों का बांग्ला में प्रकाशित कर साहित्य के प्रचार-प्रचार में भागीदारी बनें. कवि और लेखक को आशावादी होना चाहिए. आज साहित्य को बचाना जरूरी है. अपनी पुस्तक को उपहार स्वरूप दें.
स्मृति दत्ता ने कृति से सम्बंधित अपनी बात करते हुए पुस्तक प्रकाशन में जिनका सहयोग मिला, उनके प्रति आभार व्यक्त किया. ‘त्रिधारा’ संग्रह में तीन पुस्तकों को एक करके प्रकाशित करने का कारण बताते हुए कही कि मेरी उम्र को देखते हुए शायद मेरी 11वीं पुस्तक/संग्रह ना आए. कुछ रचनाओं का उन्होंने पाठ भी किया.
इस अवसर पर बानी चक्रवर्ती, गोविंद पाल और प्रदीप भट्टाचार्य ने भी संबोधित किया. प्रकाशचंद्र मण्डल ने बाउल गीत और दुलाल समाद्दार ने कविता का पाठ किया.
‘गीत वितान कला केंद्र’ और अपर्णा राय ने आर्कषक नृत्य, माया बनर्जी और सुजाता सेन ने कविता, गौतम शील और स्मृति दत्ता ने गायन एवं बिश्वजीत सरकार और संचयिता राय के मधुर गीत को कार्यक्रम में ऊँचाई मिली.
👉 ‘त्रिधारा’ : कृति स्मृति दत्ता
कार्यक्रम का संचालन मोऊ राय और आभार व्यक्त दुलाल समाद्दार ने किया.
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