- Home
- Chhattisgarh
- छत्तीसगढ़ आसपास, संयंत्र की खबरें [ हर किसी की जिंदगी से जुड़ा हुआ है सेल ]
छत्तीसगढ़ आसपास, संयंत्र की खबरें [ हर किसी की जिंदगी से जुड़ा हुआ है सेल ]
▪️
बीएसपी कर्मचारियों ने 34वीं सीआईआई राष्ट्रीय कार्य-कौशल प्रतियोगिता-2024 में जीते 9 पुरुस्कार…
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के कुल 09 कर्मचारियों ने, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा, 18 से 20 अप्रैल 2024 तक नई दिल्ली में आयोजित, 34वीं सीआईआई राष्ट्रीय कार्य-कौशल प्रतियोगिता 2024 में पुरस्कार जीते हैं। देश भर के विभिन्न निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों के 211 प्रतिभागियों के बीच, बीएसपी के कर्मचारियों ने छह ट्रेडों में जीत हासिल की है। जिसमें कारपेंट्री, इलेक्ट्रिकल, इंडस्ट्रीयल हाइड्रोलिक्स, पीएलसी, टर्नर और वेल्डर ट्रेड शामिल हैं।
इस उपलब्धि के लिए निदेशक प्रभारी (सेल-बीएसपी) श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने 25 अप्रैल 2024 को इस्पात भवन में, विजेताओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) श्री एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (रावघाट) श्री समीर स्वरुप, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री पवन कुमार, कार्यकारी कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री तापस दासगुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक (एचआरडी एवं बीई) श्रीमती निशा सोनी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
नई दिल्ली में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्य कौशल प्रतियोगिता 2024 में बीएसपी के कुल 13 कर्मचारियों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया। जिनमें से 09 ने प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त किया। एसएमएस-2 के श्री प्रमोद भोंडेकर ने कारपेंट्री ट्रेड में प्रथम पुरस्कार जीता, जबकि एमआरडी के श्री रामसजन ने कारपेंट्री ट्रेड में दूसरा पुरस्कार प्राप्त किया। पीबीएस-2 के श्री कार्तिक राम भगत ने इलेक्ट्रिकल ट्रेड में दूसरा पुरस्कार और सीओ एवं सीसीडी के श्री अखिलेश कुमार ठाकुर ने इंडस्ट्रीयल हाइड्रोलिक्स ट्रेड में दूसरा पुरस्कार जीता। ए एंड डी विभाग से श्री कुंचे साई किरण ने पीएलसी ट्रेड में प्रथम पुरस्कार तथा बीएफसी एवं एसजीपी के श्री अखिल कुमार राठौड़ ने इसी ट्रेड में दूसरा पुरस्कार हासिल किया। दल्ली मैकेनाइज्ड माइंस के श्री ईश्वर लाल डड़सेना ने टर्नर ट्रेड में प्रथम पुरस्कार जीता, जबकि बीआरएम के श्री विजय महादेवराव वारघने ने टर्नर ट्रेड में दूसरा स्थान प्राप्त किया। साथ ही वेल्डर ट्रेड में मार्स-3 के श्री परमेशर को प्रथम पुरस्कार मिला।
इस अवसर पर श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने प्रतियोगिता के विजेताओं को संगठन का नाम रौशन करने के लिए बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा, कि जब हमारे संयंत्र के कर्मचारी विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और जीतते हैं, तो इससे न केवल संयंत्र का नाम रोशन होता है, बल्कि अन्य कर्मचारियों को भी भाग लेने के लिए प्रेरणा मिलती है। हमारे कर्मचारी ट्रेडिशनल ट्रेड्स में बहुत कुशल हैं। हालाँकि, हमें आईटी, मेक्ट्रोनिक्स, वेब डिज़ाइनिंग आदि सहित नए युग के ट्रेडों में अपनी भागीदारीता को और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है। प्रतिभागियों को इन प्रतियोगिताओं की अच्छी तैयारी हेतु सुविधा प्रदान करने के लिए प्रयोगशाला, उपकरण और अन्य सामग्री एवं सभी आवश्यक संसाधन सुनिश्चित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, विजेताओं को अपने साथियों को भी ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने कार्यपालक निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर, विजेता प्रतिभागियों के साथ बातचीत की। साथ ही आगामी प्रतियोगिताओं में भागीदारी को बढ़ाने और प्रदर्शन को और बेहतर करने के लिए प्रतिभागियों के साथ अपने मूल्यवान विचार साझा किये।
उल्लेखनीय है कि ईडी (वर्क्स) ट्रॉफी कार्य कौशल प्रतियोगिता के विजेताओं को सीआईआई क्षेत्रीय कार्य कौशल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भेजा जाता है। जो आगे वार्षिक सीआईआई राष्ट्रीय कार्य-कौशल प्रतियोगिता के लिए पात्रता प्राप्त करते हैं। ईडी (वर्क्स) कार्य कौशल ट्रॉफी प्रतियोगिता 2023-24 का आयोजन, 10 अलग-अलग ट्रेडों में किया गया था। जिसमें प्राप्त 355 नामांकनों में से, संयंत्र और माइंस के 294 कर्मचारियों ने प्रतियोगिता में भाग लिया था।
०००
▪️
मार्केटिंग और बिजनेस प्लानिंग ने सेकेंडरी सेल्स में दर्ज किया, अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड…
मार्केटिंग और बिजनेस प्लानिंग विभाग ने सेकेंडरी सेल्स में दर्ज किया अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र में मार्केटिंग और बिजनेस प्लानिंग विभाग द्वारा, 36400 टन की डिफेक्टिव स्टील कटिंग आइटम की सेकेंडरी सेल्स ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड दर्ज किया है। यह बिक्री 19 अप्रैल, 2024 को ऑक्शन के माध्यम से की गई थी। डिफेक्टिव स्टील आइटम के लिए सिंगल ऑक्शन सेल में पिछली उपलब्धि, दिसंबर 2020 में प्राप्त हुई थी।
महाप्रबंधक (मार्केटिंग एंड बीपी) श्री जगन्नाथ रथ के मार्गदर्शन में महाप्रबंधक (मार्केटिंग एंड बीपी) श्री मनोज कुमार के साथ, मार्केटिंग और बिजनेस प्लानिंग टीम ने ऑनलाइन फॉरवर्ड ऑक्शन के कई सेल्स रिकॉर्ड बनाने में सफलता हासिल की है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, कोल केमिकल सेल से प्राप्त आय, लगातार दूसरी बार वित्त वर्ष 2023-24 में 600 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। ग्रेनुलेटेड स्लैग का डिस्पैच 25.31 लाख टन है, जो कि एक वित्तीय वर्ष के दौरान अब तक का सर्वश्रेष्ठ डिस्पैच है। जो 2022-23 के दौरान हासिल किए गए, 22.59 लाख टन के पिछले सर्वश्रेष्ठ डिस्पैच से अधिक है।
भिलाई इस्पात संयंत्र सदैव ग्राहक संतुष्टि को प्राथमिकता देता है और उनकी आवश्यकताओं के अनुसार मांगों को पूरा करता है। चाहे वह विशेष उत्पादों की उपलब्धता की जांच करना हो, ग्राहकों की आवश्यकताओं को जानना और केंद्रीय विपणन संगठन को उत्तर भेजना हो, प्राइम आइटम के साथ-साथ सेकेंडरी आइटम की बिक्री निष्पादित करनी हो भिलाई इस्पात संयंत्र उन्हें करने हेतु हमेशा तैयार रहता है। साथ ही ग्राहक द्वारा ऑनलाइन भुगतान सुनिश्चित करना हो, वस्तुओं/उत्पादों के प्रेषण के लिए डिलीवरी ऑर्डर जारी करना हो या ग्राहकों की प्रतिक्रिया पर काम करना हो, मार्केटिंग एवं बिजनेस प्लानिंग विभाग भिलाई इस्पात संयंत्र के सेल्स लूप को आसानी से पूरा कर रहा है।
विभाग की जिम्मेदारी, उत्पादन, योजना और नियंत्रण – पीपीसी विभाग के साथ समन्वय करके विशेष उत्पाद तैयार करना है। इसके साथ ही स्टॉकयार्ड में उपलब्धता सुनिश्चित करना और इसे सीएमओ के माध्यम से ग्राहक तक भेजना की जिम्मेदारी भी विभाग की होती है।
सेकेंडरी सेल्स के लिए संरक्षक विभाग, डिस्पोज़ल यार्ड, मटेरियल रिकवरी डिपार्टमेंट और माइंस में सामग्री की उपलब्धता की जांच की जाती है। फिर सामग्री के विवरण के साथ कैटलॉग बनाया जाता है। बीएसपी द्वारा ऑक्शन ऑनलाइन आयोजित की जाती है। सेल ऑफर के लिए भुगतान प्राप्त होने के बाद, विपणन विभाग द्वारा डिलीवरी ऑर्डर जारी किया जाता है।
यह गर्व की बात है कि हाल ही में पहली बार 10,000 टन बीएफ ईएसपी डस्ट बेचा गया है। साथ ही भिलाई इस्पात संयंत्र में स्वदेशी रूप से उत्पादित पेवर ब्लॉक को भी, पहली बार ऑनलाइन फॉरवर्ड ऑक्शन (ओएलएफए) के माध्यम से बिक्री के लिए पेश किया जा रहा है।
०००
▪️
भिलाई इस्पात संयंत्र अब पूरे वर्ष प्रदान करेगा वोकेशनल ट्रेनिंग…
भिलाई इस्पात संयंत्र इस्पात उत्पादन में अग्रणी बने रहने के साथ साथ अपने सामाजिक निगमित उत्तरदायित्व पहलों के लिए भी सदैव प्रयासरत रहा है। जिसके तहत संयंत्र अपने परिधि क्षेत्र के लोगों के लिए तो कार्य कर ही रहा है और सीएसआर पहल के अंतर्गत वोकेशनल ट्रेनिंग भी निःशुल्क प्रदान की जा रही है, ताकि विद्यार्थी इसका भरपूर लाभ ले पायें। इस वोकेशनल/प्रोजेक्ट ट्रेनिंग में प्रवेश के लिए, देश के सभी राज्यों के विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं। बीएसपी में पहले यह वोकेशनल ट्रेनिंग सिर्फ गर्मियों में दी जाती थी। सिर्फ गर्मियों में इसके आयोजन की वजह से इसका लाभ कम लोग ही ले पाते थे। इसलिए संयंत्र प्रबंधन ने विगत 2 वर्षों से वोकेशनल ट्रेनिंग साल भर प्रदान करने का निर्णय लिया है।
वोकेशनल ट्रेनिंग: यह हमारे कौशल को निखारने का एक सशक्त माध्यम है। वोकेशनल ट्रेनिंग हमें व्यापारी, तकनीशियन या किसी भी क्षेत्र में एक कुशल पेशेवर के साथ साथ अनुभवी व्यक्ति के रूप में काम करने के लिए तैयार करती है। वोकेशनल ट्रेनिंग किसी व्यक्ति को उसके अपेक्षित कौशल के साथ लाभकारी रोजगार या स्व-रोजगार के लिए तैयार करता है। इस पर एचआरडी की मुख्य महाप्रबंधक श्रीमती निशा सोनी का कहना है, कि कई बच्चों को स्टील इंडस्ट्री या ऐसे कई व्यावसायिक क्षेत्रों के बारे में जमीनी स्तर की जानकारी नहीं होती है या कम होती है। जिसकी वजह से वह कई अवसरों का लाभ नहीं उठा पाते और अपने अंदर के कौशल को वर्तमान परिपेक्ष्य के हिसाब से ढाल नहीं पाते। वोकेशनल ट्रेनिंग ऐसे ही बच्चों को इंडस्ट्री एक्सप्लोर करने का अवसर प्रदान करता है। यह युवाओं के कौशल को निखार कर उन्हें नवाचारों की गतिशीलता में, हर संभावना की खोज करने के लिए प्रेरित करता है।
महाप्रबंधक (एचआरडी) श्री अमूल्य प्रियदर्शी ने बताया कि वोकेशनल/प्रोजेक्ट ट्रेनिंग से विद्यार्थियों को उनके व्यावसायिक जीवन में भी काफी लाभ हुआ है। ये विद्यार्थियों पर निर्भर करता है, कि वे इस वोकेशनल/प्रोजेक्ट ट्रेनिंग को कितनी गंभीरता से लेते हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है कि वोकेशनल/प्रोजेक्ट ट्रेनिंग से लाभ प्राप्त कुछ विद्यार्थी आज बीएसपी में ही कार्यरत हैं। उप प्रबंधक (एचआरडी) सुश्री सुष्मिता पाटला ने कहा कि वोकेशनल ट्रेनिंग का अनुभव हमारे करियर में अहम रोल प्ले करता है। यदि विद्यार्थी इसे अवसर के रूप में लें तो तकनीकी या व्यावसायिक क्षेत्र में मूल्यांकन करना, निर्णय लेना, सुरक्षित कार्य करना, संसाधनों का उचित उपयोग करने जैसी छोटी छोटी बारीकियां सीखते हुए, भविष्य के लिए अपने कौशल का विकास कर सकते हैं।
क्यों है महत्वपूर्ण: कभी ना कभी आपके मन में भी ये सवाल जरुर आया होगा, कि वोकेशनल ट्रेनिंग इतना महत्वपूर्ण क्यों है ? और इससे हमे क्या लाभ होता है ? यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे हमें किसी भी स्ट्रीम की आतंरिक और वास्तविक जानकारी तो होती ही है, इसके साथ ही विषय सम्बन्धित वोकेशनल ट्रेनर और विशेषज्ञों के साथ चर्चा करने का अवसर भी प्राप्त होता है। जहाँ वे अपने अनुभव से प्राप्त ज्ञान साझा कर, जमीनी स्तर की आधारभूत और विषय सम्बन्धित आवश्यक जानकारी प्रदान करते हैं। वोकेशनल ट्रेनिंग ना केवल तकनीकी कौशल निखारता है, बल्कि एक मजबूत कार्य नीति और आत्मविश्वास को भी बढाता है। वोकेशनल ट्रेनिंग को आप एक गेम चेंजर की तरह देख सकते हैं, क्योंकि इससे जो कौशल आप सीखेंगे और जो अवसर आपको प्राप्त होंगे, वो निश्चित तौर पर सार्थक साबित होंगे। एचआरडी के अधिकारियों का कहना है की कभी कभी कुछ संस्थानों से हमें वोकेशनल ट्रेनिंग की पुष्टि के लिए भी सम्पर्क किया जाता है।
कौन होगा पात्र: भिलाई इस्पात संयंत्र में वोकेशनल/प्रोजेक्ट ट्रेनिंग इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, प्रबंधन, फॉर्मेसी, फिजियोथेरेपी, अग्नि और सुरक्षा, सामाजिक विज्ञान, कानून, मीडिया एवं जनसम्पर्क, कंप्यूटर अनुप्रयोग और ट्रेनिंग के समय लागू अन्य कोई भी स्ट्रीम या पाठ्यक्रम के विद्यार्थी प्राप्त कर सकते हैं। इसमें देश भर के सभी संस्थानों से विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं। इसमें बीएसपी कर्मचारियों के बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है। वोकेशनल/प्रोजेक्ट ट्रेनिंग संयंत्र के अंदर और बाहर के सभी विभागों में आवश्यकतानुसार प्रदान किया जाता है।
प्रक्रिया: इसके लिए संबंधित संस्थान के प्रमुख/डीन/एचओडी द्वारा सीधे या संबंधित छात्र/छात्राओं के माध्यम से, वोकेशनल/प्रोजेक्ट ट्रेनिंग में प्रवेश सम्बन्धी सभी आवश्यक दस्तावेज प्रशिक्षण शुरू होने की तारीख से एक महीने पहले बीएसपी के मानव संसाधन विकास विभाग के महाप्रबंधक को भेजी जाती है या मेल की जाती है। एचआरडीसी प्राप्त आवेदन की जांच करेगा और उपलब्ध सीटों की संख्या पर विचार करते हुए, ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर छात्रों की अंतिम सूची देता है। इसके बाद एचआरडीसी, संबंधित संस्थान के प्रमुख या छात्र/छात्राओं को वोकेशनल/प्रोजेक्ट ट्रेनिंग के विवरण के साथ स्वीकृति पत्र भेजता है। फिर प्रशिक्षुओं को एचआरडी से प्राप्त पुष्टि पत्र/मेल, दो तस्वीरें और संस्थान के पहचान पत्र के साथ निर्धारित दिन पर प्रशिक्षण के लिए रिपोर्ट करना होता है।
संयंत्र कब और कितनो को प्रदान करता है वोकेशनल ट्रेनिंग: नए वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले, मानव संसाधन विकास विभाग, वोकेशनल ट्रेनिंग और प्रोजेक्ट ट्रेनिंग के लिए प्रशिक्षुओं की संख्या का निर्धारण करती है। संबंधित क्षेत्र में परियोजनाओं की पहचान, व्यावसायिक क्षेत्र में उनकी वर्तमान और भविष्य की मांगों को ध्यान में रखते हुए, पाठ्यक्रम की आवश्यकता अनुसार ये निर्धारण किया जाता है। जो व्यावसायिक तौर पर विद्यार्थियों के कौशल, अध्ययन, सर्वेक्षण तथा संगठनात्मक विकास आदि विषयों में सहायक होंगे। बीएसपी ने वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 1861 प्रशिक्षुओं को वोकेशनल ट्रेनिंग दिया तथा 980 प्रोजेक्ट्स पूरे कराये। प्रशिक्षुओं की सुरक्षा को सर्वोपरी रखते हुए, हाल ही में संयंत्र ने प्रशिक्षुओं की सुरक्षा मानदंडों के आधार पर, उनकी संख्या को सीमित करने का निर्णय लिया है।
प्रशिक्षण की अवधि: बीएसपी में पहले यह वोकेशनल ट्रेनिंग सिर्फ गर्मियों में दी जाती थी। इसके लिए भारी संख्या में विद्यार्थियों के रुझान प्राप्त होते थे, किन्तु सिर्फ गर्मियों में इसके आयोजन की वजह से इसका लाभ कम लोग ही ले पाते थे। इसलिए संयंत्र प्रबंधन ने विगत 2 वर्षों से वोकेशनल ट्रेनिंग साल भर प्रदान करने का निर्णय लिया है। वोकेशनल ट्रेनिंग, पाठ्यक्रम के अनुसार तथा प्रोजेक्ट ट्रेनिंग एक से छह महीने तक प्रदान की जाती है। परियोजना प्रशिक्षण के अंत में, प्रशिक्षुओं द्वारा परियोजना रिपोर्ट की एक प्रति भी जमा की जाएगी और अगले दिन प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।
उपलब्ध करायी जाने वाली सुविधाएं: एचआरडीसी दस्तावेजों की जांच करके सीआईएसएफ के माध्यम से गेट पास की व्यवस्था करेगा। गेट पास जारी होने के बाद प्रशिक्षण शुरू होगा। प्रशिक्षण शुरू होने के पहले सभी प्रशिक्षुओं को सुरक्षा ट्रेनिंग दी जाती है। रिटर्नेबल बेसिस पर, प्रशिक्षुओं को मानव संसाधन विकास विभाग के माध्यम से सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराये जाते हैं। जिसमें सुरक्षा हेलमेट विभाग द्वारा प्रदान किए जाते हैं एवं सेफ्टी शूज़ प्रशिक्षुओं को स्वयं लाना होता है। यहाँ प्रशिक्षुओं के लिए कैंटीन भी है, जहाँ सब्सिडाइज़ रेट में भोजन उपलब्ध है।
०००