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छत्तीसगढ़ आसपास, संयंत्र की खबरें[ हर किसी की जिंदगी से जुड़ा हुआ है सेल ]
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प्लेटमिल बिरादरी ने किया वृक्षारोपण
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के प्लेट मिल विभाग में 12 जून 2024 को वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने एवं अपने जीवनकाल में अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिये प्रेरित करना है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) श्री तापस दासगुप्ता थे।
मुख्य अतिथि श्री तापस दासगुप्ता ने वृक्षारोपण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि वृक्ष हमारे जीवन के लिये बहुत अधिक उपयोगी है, क्योंकि ये हमें जीवनदायिनी आॅक्सीजन प्रदान करते हैं और पृथ्वी पर आॅक्सीजन का संतुलन बनाकर रखते हैं। आॅक्सीजन न सिर्फ मनुष्यों के लिए बल्कि सभी जीव जन्तुओं के लिए अत्यंत आवश्यक है। जीवों का अस्तित्व पर्यावरण से और पर्यावरण पेडों से है ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्य महाप्रबंधक (प्लेट मिल) श्री आर के बिसारे ने अपने उदबोधन में कहा कि पर्यावरण ही हमें सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करती है और पर्यावरण पेड़ों से समृद्ध होता है। हम सभी को अपने-अपने जन्मदिन के अवसर पर कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। पेड़ लगाना और उसकी देखरेख करना हम सभी का दायित्व है। यदि हम आज से ही वृक्षारोपण करने की मुहिम को प्रारंभ कर दें, तो अपने जीवन काल के अंत तक बहुत अधिक पेड़ लगा चुके होंगे और यही पेड़ बड़े होकर हमें फल, फूल और छाया प्रदान करेंगे।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्य महाप्रबंधक (कोक ओवन) श्री तरूण कनरार, मुख्य महाप्रबंधक (पर्यावरण प्रबंधन) श्री डी एल मोईत्रा, मुख्य महाप्रबंधक (रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल एवं आर टी एस) श्री टी दस्तीदार, मुख्य महाप्रबंधक (रावघाट) श्री अरूण कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (एस एम एस-2) श्री एस के घोषाल, मुख्य महाप्रबंधक (ब्लास्ट फर्नेस) श्री एस टोकदार, मुख्य महाप्रबंधक (सिंटरिंग प्लांट) श्री ए के दत्ता, मुख्य महाप्रबंधक (पावर फेसिलिटी) श्री राजीव पाण्डेय, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्री संदीप माथुर उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त प्लेट मिल विभाग के महाप्रबंधकगण श्री एस के वर्मा, श्री भास्कर राॅय, श्री जे सुधाकर, श्री एच बहुरूपी, श्री सी पदमनाभन तथा सहायक प्रबंधक (मानव संसाधन) श्री विजय कुमार, अतिरिक्त श्रम कल्याण अधिकारी सुखचंद तथा श्री रूहेल सिंह सहित सुश्री मीनू चैहान, सुश्री नीता सरवरे तथा बडी संख्या में उपस्थित अधिकारी एवं कर्मचारीगणों ने वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लिया।
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ऑडिट के बाद संयंत्र में आई एम एस सिस्टम नवीनीकृत
विगत 4-7 जून, 2024 तक मेसर्स टी.यू.व्ही. नॉर्ड द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र का इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम-IMS (एकीकृत प्रबंधन प्रणाली) का पहला सर्विलांस ऑडिट किया गया। सफल ऑडिट के उपरान्त बीएसपी को प्राप्त इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम ISO सर्टिफिकेट को 2023-26 तक की अवधि के लिए पुनः प्रमाणन दिया गया।
वर्तमान समय में ISO सर्टिफिकेट एक पैमाना बन चुका है। जो कंपनी की साख, स्तर और क्षमता को प्रदर्शित करता है। इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम-IMS (एकीकृत प्रबंधन प्रणाली) के अंतर्गत पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली-EMS, गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली-QMS तथा व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रणाली-OHSMS शामिल हैं। जो संयंत्र को विभिन्न प्रक्रियाओं में सहायता करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप दोषरहित उत्पाद एवं सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रभावी प्रक्रियाएँ और प्रशिक्षित कर्मचारी रखने में मदद मिलती है। इन तीनों सिस्टम्स के मापदंडों को बनाये रखने और इस सर्टिफिकेट को जारी रखने के लिए यह ऑडिट किया गया।
उल्लेखनीय है, कि टी.यू.व्ही. नॉर्ड के गुणवत्ता मानक, सुरक्षा मानक, प्रासंगिक विनियम, सर्वोत्तम प्रथा, प्रबंधन कौशल और व्यावसायिक उद्देश्यों के मापदंड बहुत ही कठिन और कड़े होते हैं। टीयूव्ही नॉर्ड, वैश्विक रूप से सक्रिय बिजनेस यूनिट सर्टिफिकेशन के ऑडिटर्स और विशेषज्ञों के साथ प्रबंधन प्रणालियों, कर्मियों और उत्पादों के प्रमाणन में उच्चतम स्तर की योग्यता को पहचान कर, ग्राहकों, कर्मचारियों, सहयोगी भागीदारों और उपभोक्ताओं के लिए, एक उद्देश्यपूर्ण और सम्मानित गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्रदान करता है। जिससे कम्पनी, लाभ के साथ ग्राहक लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त करने हेतु, उचित योजना, निष्पादन, नियंत्रण और परियोजना को पूरा करना सुनिश्चित कर सकें।
ऑडिट के पहले दिन 4 जून 2024 को कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार की अध्यक्षता में, ऑडिट किये जाने वाले संबंधित विभागों के मुख्य महाप्रबंधक और वरिष्ठ अधिकारीगण, ऑडिटर्स के साथ बैठक में सम्मिलित हुए। जिसमें ऑडिट किये जाने वाले मानदंड, परिसर, निर्धारित मानक और ऑडिट सम्बंधित सवाल-जवाब के साथ सामान्य चर्चाएँ की गई। बैठक में श्री अंजनी कुमार ने संयंत्र बिरादरी के सभी अधिकारियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा, कि आप ऑडिट के लिए इन्हें अपना सहयोग दें और अपना 100 प्रतिशत दें, जिससे हम सब संयंत्र को उँचाइयों की ओर ले जा सकें।
ऑडिट में संयंत्र, टाउनशिप और माइंस तीनों को कवर किया गया। बीएसपी के दल्ली मेकेनाइज्ड माइंस में पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली-EMS, टाउनशिप में गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली-QMS और संयंत्र परिसर में पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली-EMS, गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली-QMS और व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रणाली-OHSMS तीनों को कवर किया गया।
मेसर्स टी.यू.व्ही. नॉर्ड द्वारा, 6 ऑडिटर्स नियुक्त किये गए थे। जिनमें से 3 ऑडिटर्स ने भिलाई इस्पात संयंत्र आकर सम्बंधित विभागों की प्रत्यक्ष जाँच व अवलोकन किया तथा शेष 3 ऑडिटर्स ने ऑनलाइन माध्यम से ऑडिट किया। ऑडिटर्स के द्वारा संयंत्र के भीतर नाइट ऑडिट भी किया गया, जहाँ सभी मानदंडों को सही पाया गया। पहली बार बीएसपी के एसएमएस-3, यूआरएम और बीआरएम सहित अन्य मॉडेक्स इकाइयों में पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली को लागू किया गया। इन सभी प्रबंधन प्रणालियों को बनाये रखने के लिए प्रतिवर्ष 1 इंटर्नल ऑडिट तथा 1 एक्सटर्नल ऑडिट आवश्यक है। किंतु भिलाई इस्पात संयंत्र इसके लिए हर छः माह में 1 इंटर्नल ऑडिट करती है। इन ISO सर्टिफाइड प्रबंधन प्रणाली को बनाए रखने के लिए, ISO सर्टिफिकेट 3 साल के लिए जारी किये जाते हैं, जिसमें आउटसाइड एजेंसी द्वारा साल में एक एक्सटर्नल ऑडिट आवश्यक है।
कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार की अध्यक्षता में ऑडिट के अंतिम दिन 7 जून 2024 को आयोजित बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में ऑडिटर्स द्वारा संयंत्र, टाउनशिप और माइंस में किये गए ऑडिट का ब्यौरा और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसके पश्चात मेसर्स टीयूव्ही नॉर्ड द्वारा निर्धारित सभी कड़े स्टैंडर्ड और मानदंडों को सही पाए जाने पर, भिलाई इस्पात संयंत्र के पुनः प्रमाणीकरण की अनुशंसा की गई और इसे आगे जारी रखने की अनुमति प्रदान की गई। इस उपलब्धि पर श्री अंजनी कुमार ने सभी सम्बद्ध विभागों और समर्पित टीमों को के अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके अनुकरणीय प्रयासों, कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन के लिए बधाई दी। उन्होंने इस सफल प्रदर्शन के लिए सभी विभागों को आगे भी इसी उत्साह और समर्पण के साथ सुरक्षा मानदंडों का पालन करते हुए इस गौरव को बनाये रखने के लिए प्रेरित किया। ऑडिटर्स ने संयंत्र बिरादरी के साथ साथ बीई विभाग की भी प्रशंसा की और महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जिससे भिलाई इस्पात संयंत्र को और भी अधिक लाभ हो सके।
यह ऑडिट कार्यक्रम बीएसपी के कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) श्री पवन कुमार के सफल मार्गदर्शन और मुख्य महाप्रबंधक (एचआर – एल एण्ड डी एवं बीई) श्रीमती निशा सोनी के कुशल नेतृत्व में किया गया। इस आयोजन में सुरक्षा अभियांत्रिकी विभाग तथा पर्यावरण प्रबंधन विभाग की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। ऑडिट के पहले इसकी तैयारी के लिए, मुख्य महाप्रबंधक (एचआर – एल एण्ड डी एवं बीई) श्रीमती निशा सोनी द्वारा, मुख्य महाप्रबंधकों और मैनेजमेंट रिप्रेज़ेन्टेटिव्स की बैठक ली गई, इसके बाद ऑडिट के संदर्भ में महाप्रबंधक (बीई) श्री मनोज दुबे द्वारा, सम्बंधित विभागों के कोऑर्डिनेटर्स के साथ समन्वय किया गया। ऑडिट कार्यक्रम के सुचारु संचालन, ऑडिट टीम तथा विभागों के मध्य समन्वय एवं सफल ऑडिट में भिलाई इस्पात संयंत्र व्यावसायिक उत्कृष्टता विभाग (बी.ई.) के उप महाप्रबंधक, श्री प्रकाश कुमार साहू, प्रबंधक, श्री रवि कुमार एवं अन्य कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
यहाँ यह उल्लेख आवश्यक है कि, IMS (एकीकृत प्रबंधन प्रणाली) प्रमाणीकरण स्थानीय स्तर पर अनिवार्य नहीं है, लेकिन, यदि कंपनी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सेवाओं का विस्तार करना चाहती है, तो इसकी आवश्यकता होती है। इस तरह वे ही कंपनियाँ विदेशी बाज़ार को यह प्रदर्शित करने में सक्षम होंगी कि उनके पास उन्हें उच्चतम गुणवत्ता के उत्पाद और सेवाएँ प्रदान करने के लिए आवश्यक संसाधन एवं सेवायें उपलब्ध हैं, जो उनके मानदंडों को पूरा करती हैं। यह कंपनी की कार्य प्रणाली में उल्लेखनीय सुधार, विनियमन का उचित अनुप्रयोग तथा प्रत्येक व्यावसायिक पहलू पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करता है।
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रावघाट परियोजना की सीएसआर गतिविधियों को मिला सीएसआर एवं सस्टेनेबिलीटी एक्सलेंस अवार्ड-2023
भुवनेश्वर ओडिशा में पर्यावरण ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन पर आधारित 9 वें राष्ट्रीय सम्मेलन- 2024 कार्यक्रम में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की रावघाट परियोजना के अंतर्गत संचालित विभिन्न सी एस आर गतिविधियों को प्रतिष्ठित ‘कलिंगा सी एस आर एवं सस्टनेबिलीटी एक्सलेंस अवार्ड – 2023’ से सम्मानित किया गया| रावघाट परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक श्री अरुण कुमार ने 8 जून 2024 को आयोजित सम्मान समारोह में संयंत्र की ओर से इस पुरस्कार को ग्रहण किया|
रावघाट परियोजना की टीम द्वारा यह सी एस आर एवं सस्टनेबिलीटी एक्सलेंस अवार्ड – 2023 को संयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता को दिनांक 13 जून 2024 को सौपा गया| श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने इस उपलब्धि पर रावघाट परियोजना के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी तथा भविष्य में भी सी एस आर अंतर्गत लोक-कल्याणकारी कार्यों को निरंतर आगे बढ़ाने हेतु प्रेरित किया|
इस अवसर पर संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (संकार्य) श्री अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएँ) श्री एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) श्री ए के चक्रवर्ती, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) डॉ ए के पंडा, कार्यपालक निदेशक (रावघाट) श्री समीर स्वरुप, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) श्री पवन कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ रविन्द्रनाथ एम तथा मुख्य महाप्रबंधक (रावघाट) श्री अरुण कुमार सहित महाप्रबंधक (रावघाट) श्री जय प्रकाश, सहायक महाप्रबंधक (रावघाट) श्री सचिन रंगारी, सहायक महाप्रबंधक (रावघाट) श्री योगेश वर्मा तथा वरिष्ठ प्रबंधक (रावघाट) श्री के के गुप्ता उपस्थित थे|
ज्ञात हो कि सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र, भारत सरकार द्वारा घोषित महत्वाकांक्षी जिलों नारायणपुर एवं कांकेर के अंतर्गत रावघाट खदान के समीपस्थ गाँवों में अपने निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत विभिन्न सामाजिक कल्याण के कार्य कर रहा है, जिसमें प्रमुख रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, आधारभूत संरचना, महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास, पेयजल, सोलर लाइट आदि कार्य शामिल हैं|
शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु रावघाट खदान के सी एस आर गाँवों से कुल 523 बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान की जा रही है| डी ए वी शिक्षण संस्थान के साथ अनुबंध कर सी बी एस सी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय का संचालन किया जा रहा है| इसी प्रकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी मोबाईल मेडिकल यूनिट, खोड़गाँव स्वास्थ्य केंद्र, दंडकवन स्वास्थ्य केंद्र तथा अंतागढ़ स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से सुदूर तथा अति पिछड़े क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं| भिलाई इस्पात संयंत्र के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व गतिविधियों के तहत वर्ष 2023 में कुल 22845 मरीजों का इलाज किया गया तथा 45 से भी अधिक गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों का उपचार भिलाई स्थित जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसन्धान केंद्र से सफलतापूर्वक कराया गया है|
सी एस आर के अंतर्गत प्रति वर्ष कुल 24 बालिकाओं को भिलाई स्थित नर्सिंग कालेज से नर्सिंग का चार वर्षीय स्नातक का कोर्स कराया जाता है| अब तक इस योजना से 248 बालिकाएं नर्सिंग का कोर्स नि:शुल्क प्राप्त कर लाभान्वित हुई हैं| सुदूर गाँवों को पक्की सड़क के माध्यम से मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है| साथ ही गाँव के बच्चों को उच्च-स्तरीय खेल सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं| पेयजल एवं सोलर लाईट के माध्यम से लोगों को मूलभूत सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं व कृषकों को समन्वित कृषि प्रणाली से खेती करने हेतु उच्च-स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है| कौशल विकास के क्षेत्र में भी संयंत्र द्वारा कई सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं|
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