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हाय रे महंगाई! आसमान छू रहे सब्जियों के दाम, लोकल उत्पादन में आई कमी, ट्रांसपोर्टिंग का खर्चा भी बढ़ा
छत्तीसगढ़ में सब्जी के भाव आसमान छू रहे हैं. टमाटर 100 से 120 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं आलू और प्याज के भी भाव बढ़ते जा रहे हैं. इससे गृहिणियों की रसोई का बजट भी बिगड़ गया है. ऐसे में प्याज, मटर-टमाटर, अदरक और लहसुन भी आम लोगों की पहुंच से बाहर हो गए हैं.
लोग किलो की जगह पाव भर सब्जी लेकर ही काम चला रहे हैं. एकाएक बढ़े सब्जियों के दामों ने खाने का जायका बिगाड़ दिया है.
कोरिया के बाजार में सब्जी के भाव
छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में बारिश से जिले की लोकल बाड़ियों से सब्जी की आवक बंद हो गई है. किसान धान की खेती की तैयारियों में जुटे हुए हैं. बाजार में सरगुजा के सिलफिली और दूसरे शहरों से सब्जी आ रही है. ट्रांसपोर्टिंग का खर्चा ज्यादा होने और बारिश में सड़क खराब होने की वजह से सब्जी महंगी बिक रही है. सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि मार्केट में स्थानीय बाड़ियों के अलावा आसपास के गांवों से सब्जियों की आवक होती है तो सब्जियों के दाम कम रहते हैं. आवक कम हो जाती है, तो सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं.
आसमान छू रहे सब्जियों के भाव
ग्रामीण अंचलों से सब्जी की आवक कम होने की वजह सेअब सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी देखी जा रही है. माना जा रहा है कि दुर्गा पूजा दशहरा तक बाजार में सब्जी की कीमतों में कमी नहीं आएगी. बाजार में सब्जियों के दाम बढ़ने से लोगों को जेब पर असर पड़ने लगा है. करेला, भिंडी, फुल गोभी, बैगन सहित अन्य हरी सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी हुई है. स्थिति यह है कि 500 रुपये में भी झोला नहीं भर रहा है. पहले ही टमाटर के बढ़े दाम से गृहिणी परेशान थीं और अब सब्जियों की आवक कम होने से सब्जी विक्रेता भी परेशान दिख रहे हैं. कुछ दिनों के अंदर सब्जियों के दाम दोगुना से ज्यादा बढ़ गए, जिससे घरेलू बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है.
टमाटर 100 रुपये प्रति किलो का आंकड़ा किया पार
सब्जियों के दाम की बात करें तो फूल गोभी 80 रुपये किलो, टमाटर 100 रुपये किलो, भिंडी 50 रुपये किलो, लौकी 40 रुपये किलो, बरबट्टी 40 रुपये किलो, आलू 40 रुपये किलो, गाजर 40 रुपये किलो, प्याज 40 रुपये किलो, शिमला मिर्च 60 रुपये किलो, हरी मिर्च 150 रुपये किलो, लहसुन 200 रुपये किलो बिक रहे हैं.
सब्जियों के दाम बढ़ने का असर मध्यम वर्ग और गरीब तबके पर सबसे ज्यादा पड़ रहा है. हरी और मौसमी सब्जियों के भाव पिछले दिनों की अपेक्षा 20 से 30 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए हैं.आलम यह है कि बाजार में बाहर से सब्जी पहुंच नहीं पा रही है, जो लोकल है उसके दाम भी अधिक है. कई व्यवसायी आलू-प्याज पुराने रखे स्टॉक से ही काम चला रहे हैं. इसमें भी मनमानी रेट लिया जा रहा है.
अपनी सब्जी में कमी कर रहे खरीदार
सब्जी मंडी सब्जी खरीदने वाले ज्यादातर खरीदार अपनी सब्जी में कमी कर रहे हैं, जो सब्जी 1 किलो लिया करते थे या जो सब्जी 2 किलो लिया करते थे उसे घटकर आधा किलो कर दिया गया है. खासकर टमाटर आधा किलो खरीददार ले जाते नजर आ रहे हैं.