- Home
- Chhattisgarh
- गौसेवक स्वतंत्रता सेनानी स्व. वली मुहम्मद की पुण्यतिथि पर ‘ अगासदिया’ परिसर में आयोजन : छत्तीसगढ़ की समन्वयवादी संस्कृति के प्रतीक थे वली मुहम्मद- डॉ. परदेशीराम वर्मा : छत्तीसगढ़ के प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानियों पर केंद्रित टीवी सीरियल ‘भूमिपुत्र’ मेरे गांव ‘मोहलई’ में हुई- डॉ. सुधीर शर्मा
गौसेवक स्वतंत्रता सेनानी स्व. वली मुहम्मद की पुण्यतिथि पर ‘ अगासदिया’ परिसर में आयोजन : छत्तीसगढ़ की समन्वयवादी संस्कृति के प्रतीक थे वली मुहम्मद- डॉ. परदेशीराम वर्मा : छत्तीसगढ़ के प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानियों पर केंद्रित टीवी सीरियल ‘भूमिपुत्र’ मेरे गांव ‘मोहलई’ में हुई- डॉ. सुधीर शर्मा
👉 {बाएँ से} मो. जाकिर हुसैन, डॉ. सुधीर शर्मा, विनायक अग्रवाल और डॉ. परदेशीराम वर्मा
छत्तीसगढ़ आसपास [भिलाई 24 जुलाई] :
साहित्य व संस्कृति को समर्पित संस्था ‘अगासदिया’ के तत्वावधान में विगत दिनों गौसेवक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. वली मुहम्मद की 68वीं पुण्यतिथि पर एक वैचारिक आयोजन ‘अगासदिया’ परिसर में हुआ. इस अवसर पर स्व. वली मुहम्मद के व्यक्तित्व पर विचार गोष्ठी एवं अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन पर आधारित दूरदर्शन से प्रसारित सीरियल ‘भूमिपुत्र’ पर सार्थक विचार-विमर्श कार्यक्रम हुआ.
👉 गौसेवक स्वतंत्रता सेनानी स्व. वली मुहम्मद
प्रारंभ में अतिथियों ने ‘अगासदिया’ के प्रेरणा स्त्रोत स्व. संत पवन दीवान और गौसेवक स्वतंत्रता सेनानी स्व. वली मुहम्मद का स्मरण किया। अपनी बात रखते हुए अगासदिया के संयोजक व प्रख्यात साहित्यकार डॉ. परदेशीराम वर्मा ने बताया कि स्व. वली मुहम्मद अमीन पटवारी के प्रतिष्ठित पद पर थे और अंग्रेजी राज में सुखमय जीवन बिता सकते थे। लेकिन उन्होंने संघर्ष का रास्ता चुना, तीन बार दीर्घ अवधि के लिए जेल गए और यातनाएं सही। डॉ. वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विभिन्न समाज के बीच समन्वय स्थापित करने में स्व. वली मुहम्मद का विशेष योगदान रहा क्योंकि जब युवावस्था में वो टाटा नगर नौकरी के लिए गए तो पहली बार उन्होंने वहां ‘गौकशी’ देखी और इससे व्यथित होकर एक कविता ‘गइया रोवत-रोवत करे पुकार, मोर प्राण बचा लो हरि’ की रचना की और छत्तीसगढ़ लौट गए। यहां वह आजीवन गौ सेवा में जुटे रहे। उनकी इसी कविता को प्रख्यात पंथी नर्तक देवदास बंजारे ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंच पर गा कर अमर कर दिया।
आयोजन में वरिष्ठ रंगकर्मी व छत्तीसगढ़ी फिल्मों के अभिनेता विनायक अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 1997 में देश की स्वतंत्रता की अर्ध शताब्दी पर दूरदर्शन रायपुर के प्रस्ताव पर हम लोगों ने सीरियल ‘भूमिपुत्र’ का निर्माण किया। तब सीमित संसाधनों के बीच दुर्ग के ग्राम मोहलई में मई के तपिश भरे महीने में लगातार 8 दिन में काम पूरा किया गया। जिसमें गुंडरदेही के ग्राम गांधी गोरकापार और डौंडी लोहारा में सक्रिय रहे गौसेवक स्वतंत्रता सेनानी स्व. वली मुहम्मद सहित छत्तीसगढ़ के 12 स्वतंत्रता सेनानियों पर धारावाहिक की किस्तें तैयार हुईं। गहन शोध के बाद इस सीरियल की पटकथा डॉ. परदेशीराम वर्मा ने लिखी। इस अवसर पर साहित्यकार डॉ. सुधीर शर्मा ने कहा कि यह मेरे लिए गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ के प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानियों पर केंद्रित टीवी सीरियल ‘भूमिपुत्र’ की पूरी शूटिंग मेरे अपने गांव मोहलई में हुई थी। उन्होंने कहा कि इस कालजयी टीवी सीरियल ‘भूमिपुत्र’ का पुनः:प्रसारण किया जाना चाहिए और स्व. वली मुहम्मद के प्रेरक व्यक्तित्व से आज की पीढ़ी को रूबरू कराना चाहिए।
👉 आयोजन में संचालन करते हुए पत्रकार व लेखक मो. जाकिर हुसैन
कार्यक्रम का संचालन करते हुए पत्रकार व लेखक मुहम्मद जाकिर हुसैन ने कहा कि स्व. वली मुहम्मद के देश और अपने छत्तीसगढ़ के प्रति योगदान अतुलनीय है और इसे रेखांकित किया जाना आज की पीढ़ी के लिए बेहद जरूरी है.
आभार व्यक्त डॉ. परदेशीराम वर्मा ने किया.
▪️▪️▪️▪️▪️▪️