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इस माह के कवि : नासिर अहमद सिकंदर
{ •15 जून 1961 को जन्में नासिर अहमद सिकंदर देश के ख्यातिलब्ध कवि हैं. इस माह ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ में नासिर अहमद सिकंदर की 2015 में प्रकाशित कविता संग्रह ‘अच्छा आदमी होता है अच्छा’ से कुछ चुनिंदा कविताएं प्रकाशित कर रहे हैं. •संग्रह की भूमिका में ओम भारती ने जनवादी कवि नासिर अहमद सिकंदर के बारे में लिखा- कोई चार दशक पूर्व जब वे साहित्य- सर्जकों की संसद को जाती सड़क पर उतरे, तब कविता की वापसी का शोर था. अपनी ही किस्म का कवि होना उनकी चाहत में रहा होगा. •नासिर अहमद सिकंदर के कवि होने के कारण, उनकी चिंताएं और सरोकार साफ है. हिंदी कविता की प्रगतिशील परंपरा से समकालीन कविता को जोड़ती हुई सार्थक रचनाशीलता नासिर अहमद सिकंदर की पहचान है.}
▪️ कवि का कुल
कठिन काल/कैसा/कवि का कुल/आकुल/न व्याकुल/शांत/बिल्कुल.
▪️ मेरा ख्वाब
मेरा ख्वाब/पहाड़ जैसा था/या यूं कहें/पहाड़ था मेरा ख्वाब.
▪️ तकियों का संसार
तकियों का संसार/स्वप्न से ताल्लुक रखता/सर के नीचे पहाड़/पहाड़ के ऊपर सर लगता.
▪️ जाल
हम तुम/प्रेम कर रहे थे/धर्म/जाल बुन रहा था.
▪️ बड़ी बच्ची का पिता
यह नहीं कहूंगा/पहले कवि/अब बड़ा कवि/यह जरूर कहूंगा/ज़माने के मद्दे नजर/पहले बच्ची का पिता/अब/बड़ी बच्ची का.
▪️ बच्ची
पापा का मफलर है बच्ची/पापा की मलाई कुल्फी/पापा की छतरी/पापा की आस है बच्ची/हर मौसम में/पापा के पास है बच्ची/पापा की/दुनिया में/बहुत खास है बच्ची.
▪️ स्त्री
वह चाय बनाती/मैं अखबार पढ़ता/वह मुझसे/मैं देश-समाज की/घटना से जुड़ता.
▪️ बादल का जीवन
कभी रुके हुए/कभी चलते हुए/कभी बरसते/कभी तपते हुए/कभी नीले/कभी कपसीले/कभी कभी/चमकीले/तरह तरह के रूप/तरह तरह के रंग/बादल का जीवन.
▪️ सुख-दुख : दो
ठंड के बाद गर्मी/गर्मी के बाद बरसात/जैसे रात के बाद दिन/दिन के बाद रात/जैसे कविता में लय और तुक/जीवन में/सुख-दुख.
▪️ जीवन जीकर
जीवन जीकर/मैंने पाया/जिसने भी है/पेड़ लगाया/उसने उसका फल न खाया.
[ सभी रचनाएँ ‘अच्छा आदमी होता है अच्छा’ से साभार ]
• संपर्क-
• 98274 89585
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