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भिलाई में मजार की गेट पर चला बुलडोजर, कई दुकानों पर भी कार्रवाई; जानें क्या है मामला
भिलाई: छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर में सुबह-सुबह प्रशासन की बड़ी कार्रवाई देखने को मिली। यहां भिलाई जोन-3 ऑफिस के बगल में स्थित करबला मैदान और मजार की गेट पर बुलडोजर चलाया गया। आरोप है कि मजार की गेट और बाजार में दुकानें कब्जा करके बनाई गई थीं, जिसके बाद इनपर कार्रवाई की गई है। वहीं सुबह से ही निगम का अमला कार्रवाई में जुटा हुआ है। कई दुकानों पर भी बुलडोजर चलाया गया है। इस कार्रवाई को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। माना जा रहा है कि दोपहर या शाम तक यह कार्रवाई चलेगी। बताया जा रहा है कि अतिक्रमण मामले में कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई है।
कार्रवाई से पहले जारी की गई नोटिस
भिलाई नगर निगम के उपायुक्त अशोक द्विवेदी ने बताया कि जमीन का अवैध रूप से अतिक्रमण करके इस पर गैर-धार्मिक काम किया जा रहा है। इस जमीन का उपयोग व्यावसायिक तौर पर किया जा रहा था। इस जमीन को खाली करने के संबंध में पहले भी नोटिस जारी किया गया था। इसी क्रम में आज अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि लगातार शिकायत मिल रही थी कि धार्मिक काम की आड़ में अतिक्रमण कर इसका व्यावसायिक काम में उपयोग लिया जा रहा था, जिस वजह से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई में किसी को टारगेट नहीं किया गया है। पहले भी जहां कहीं भी अतिक्रमण रहा है, वहां पर नोटिस देकर इस तरह की कार्रवाई की गई हैं। इसी तरह आज भी फार्मेल्टी पूरी करने के बाद कार्रवाई की गई है।
दुकानों पर भी चला बुलडोजर
उपायुक्त अशोक द्विवेदी ने बताया कि इसमें चार-पांच दुकानें थीं, जिन्हें हटाया गया है, इसके अलावा बाउंड्री वॉल थी और पीछे भी कई कॉलम डाले गए थे, जिन्हें तोड़ा गया है। वहीं रोड पर जो गाड़ियां रखी गई थीं, उनको भी जब्त किया गया है। बताया जा रहा है कि नगर निगम की करीब 400 करोड रुपए की जमीन पर इन अवैध कब्जाधारियों ने कब्जा किया हुआ था। इस कार्रवाई के दौरान किसी भी तरह की घटना से बचने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया था। बता दें कि कई वर्षों से भिलाई नगर निगम की जमीन पर कर्बला मैदान में मजार के नाम पर अवैध कब्जा किया गया था। साथ ही कई दुकानें भी नगर निगम की जमीन पर बनी हुई थीं, जिसे लेकर कई बार नोटिस जारी किया गया था, लेकिन कब्जाधारियों की तरफ से कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए।