• Chhattisgarh
  • ‘कुछ जमीन से कुछ हवा से’ : खतरनाक होता है सपनों का मर जाना- विनोद साव

‘कुछ जमीन से कुछ हवा से’ : खतरनाक होता है सपनों का मर जाना- विनोद साव

2 months ago
182

यह कथाकार देवांशु के कथा-संग्रह का नाम है और संग्रह में इस शीर्षक से एक कहानी भी है. देवांशु जी कई वर्षों से साहित्य एवं विचार की एक त्रैमासिक पत्रिका ‘पाठ’ का संपादन कर रहे हैं. उन्होंने आठवें दशक के उत्तरार्द्ध से कहानी लेखन आरंभ कर दिया था. पत्रकारिता और रंगकर्म में उनकी रूचि रही है और इसलिए भी उनकी कथाओं के संवादों में बड़ी तरलता और प्रवाह है. वे अपनी कथा के पात्रों को पाठक के मानस पटल में बिठा लेते हैं. उनके पहले भी काव्य-संग्रह और कथा-संग्रह प्रकाशित होकर पुरस्कृत हो चुके हैं. यह उनका तीसरा संग्रह है जिसे परिकल्पना प्रकाशन, दिल्ली ने छापा है. सम्प्रति छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल से अवकाश ग्रहण कर देवांशु जी बिलासपुर में निवासरत हैं.

उनके संग्रह में कुछ अनोखी बातें हैं. उनकी कथाओं के कई पात्रों के नाम जाने माने साहित्यकारों से मिलते जुलते से नाम हैं यथा- नवारुण भट्टाचार्य, पुरुषोत्तम अग्रवाल, विनोद साव, लोकबाबू. संग्रह की एक कहानी का शीर्षक है ‘लोकबाबू की चीख’. यह भी देखने में आया कि संग्रह में बतौर भूमिका जो आलेख दिखा वह वरिष्ठ लेखिका नमिता सिंह का आलेख है जो कभी ‘वागर्थ’ में प्रकाशित हुआ था. इसका संग्रह से तो संबंध नहीं है पर कथा की विकासयात्रा से सम्बद्धता है जिसका शीर्षक है ‘रचनात्मकता के नए रास्ते तलाशने होंगे.’

संग्रह के लेखक ने अपनी इस कृति को समर्पित करते हुए लिखा है ‘वरिष्ठ साहित्यकार परितोष चक्रवर्ती, विजय, तरसेम गुजराल, परदेशीराम वर्मा एवं सतीश जायसवाल जी – जिन लोगों को पढ़कर लिखना सीखा.’

संग्रह में सपनों के मर जाने का जिक्र कुछ और कहानियों में हुआ है. एक कहानी में एक बच्चे के सपनों का मर जाना है और एक दूसरी कथा ‘आसमान चुप है’ की पत्रकारिता में संलग्न युवा महिला शांता घोष के सपनों का मर जाना उद्धृत हुआ है. कहानी के अंत में शांता घोष को गोली मार दी जाती है जिसमें उसकी मृत्यु तो नहीं होती पर उसके साथ घटी घटना का अख़बारों में ही जिक्र न कर विरोधियों द्वारा उसकी आकाँक्षाओं का गला घोंट दिया जाता है.

बहरहाल, हम यहां बस एक कहानी की चर्चा करेंगे जो इस संग्रह का नाम भी है. कहानी के मुख्य पात्र अखिलेश बाबू हैं जो छुट्टी लगने पर हावड़ा में पढ़ रही अपनी बेटी को लाने जा रहे हैं. बांग्ला या कोलकाता या हावड़ा पर आधारित कहानियों में सार्वजनिक जीवन में बांग्ला मानुस के ह्रदय में महिलाओं व बच्चों के प्रति संवेदना राह चलते कहीं भी देखने को मिल जाती हैं. कोलकाता की सिटी बसों में भी जहाँ हर चढ़ने वाली महिला के लिए हर बैठा हुआ पुरुष सवार अपनी सीट छोड़ देता है ताकि महिलाएं चलती बस ,में खड़ी न रहें, सुविधाजनक ढंग से बैठ जाएं. बस में अपनी शाला जाने बच्चों का समूह जब चढ़ता है तब वे सभी बच्चे बस में बैठे सवारों से बिना पूछे उनकी गोद में जा बैठते हैं. यह सौहार्द्र भरा नागरिक बोध बंगाल के शहरों में दिख जाता है.

‘खतरनाक होता है, सपनों का मर जाना’ इस कहानी के यात्री जिस हावड़ा जाने वाली ट्रेन में बैठे हुए हैं वहां चलती ट्रेन में बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं… और मुसाफिरों को इस बात पर आपत्ति भी नहीं है कि एक कोई बालक गेंदबाजी कर रहा है और दूसरा बालक बल्लेबाजी कर रहा है. बोगी के भीतर उस रास्तानुमा जगह जहाँ से यात्री व फेरी वाले आना-जाना करते हैं एक लड़का हम उम्र लड़के के साथ बैट-बाल खेल रहा है. वे दोनों काफी समय से खेल रहे हैं कभी कभी उनके हाथों से छूटकर आसपास की बर्थ पर बैठे लोगों के पास गेंद चली जा रही थी. कुछ लोग नाराज तो हो रहे थे, फिर भी मुस्कुरा कर उनके हाथों में गेंद लौटा रहे थे. अखिलेश बाबू भी जब ऊंघ रहे थे तब उनके चश्मे को गेंद लगी और वे हडबडा कर उठ गए थे. उन्होंने नाराज होकर देखा तब लड़के ने कहा “सॉरी अंकल”.

अखिलेश बाबू की नजर लड़के के दांयें पांव पर पडी जो कि अपंग है, संभवतः पोलियो के कारण ऐसा हो. तब अखिलेश बाबू द्रवित हुए. वे स्वयं भी कभी कोलकाता में पढ़े थे और अपने स्कूल के फुटबाल खिलाडी थे. उन्हें थोडा यह मलाल भी है कि विश्व में सर्वाधिक लोकप्रिय खेल फुटबाल होने के बाद भी हमारा देश क्रिकेट की दीवानगी से भर गया है… और यह दशा वे बंगाल में भी देख रहे हैं जहाँ फुटबाल का कोई अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी तो नहीं हुआ पर भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी बंगाली दादा सौरभ गांगुली कर गए और अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी हो गए. यह विचार बांग्ला मानुस के मुखरन में तो नहीं पर उनके भीतरी द्वंद में है. अखिलेश बाबू फुटबाल के खिलाडी थे इसलिए उनकी खेल भावना ने बच्चे के खिलाडी पन के प्रति सदाशयता बरती. बातचीत में वे बालक से पूछ बैठते हैं “तुम्हारे बैट पर यह किसका ऑटोग्राफ है?”

“विराट कोहली का” बालक यह बताता है वह विराट कोहली का बड़ा प्रशंसक है और यह बैट उनके मामा जी ने लाकर दिया है. जब वे किसी मैच में कोहली से मिलकर उनका आटोग्राफ ले पाए थे. इस बैट को उसने अपने भांजे को दे दिया था क्रिकेट के प्रति उसकी दीवानगी को देखकर.

“मैं इस बैट को हमेशा संभालकर रखता हूँ किसी भी दोस्त को नहीं देता. इस बैट को मैं हमेशा अपने पास रखता हूँ.” बालक यह बताता है. अखिलेश बाबू जीवन की कठिन चुनौतियों का सामना करने का उसके अदम्य साहस को देखकर बहुत चकित हैं. उन्हें जीवन में ज्ञात हुए उन खिलाडियों का स्मरण आया जो अपने हाथ पांव खोने के बावजूद भी अनेक मैडल व ट्राफी जीत जाते हैं. इसका एक ही राज है उन बच्चों की लगन, मेहनत व एकाग्रता. उन्हें बालक प्रांजल में भी यह विश्वास दिखाई देता है. वह निश्चय ही अपनी अपंगता को हराकर खेल जगत में एक नया इतिहास रचेगा.

आधी रात एकाएक किसी की चीख से अखिलेश बाबू की नींद खुल गई. बोगी की सभी बत्तियां जल उठीं. पता चला कि किसी शरारती तत्व ने प्रांजल के बैट बाल को फेंक दिया है, जिसे उसने अपने सिरहाने रखा था. बच्चा जोर जोर से रो रहा था जिसे मम्मी पापा समझा रहे थे. इस बैट को चुराकर किसी को क्या मिल सकता था पर किसी संवेदन हीन पाषाण ह्रदय ने यह हरकत तो की है. वह बैट तो एक सामान्य-सी चीज है पर अब उस बच्चे के लिए उसका गुम हो जाना तो उसके अरमानों पर वज्रपात हो जाने से क्या कम है? उसके लिए दूसरी बैट ले देंगे पर वह बैट उसके आदर्श और प्रेरक शक्ति विराट कोहली का हस्ताक्षर युक्त होगा क्या? अरमानों और सपनों के पीछे कोई आदर्श होते हैं, अदम्य प्रेरणा होती है, कोई प्रकाश पुंज होता जिसकी आभा हमें अपने रचनात्मक प्रभाव से घेरे रहती है तब किसी लक्ष्य की प्राप्ति हो पाती है. तब किसी भी प्रतिभा और विशेषकर एक प्रतिभावान बालक या बालिका के साथ यह घट जाना उसके सपनों का विनाश है. उसके लक्ष्य का ध्वस्त होना है. जैसे सौ ग्राम वजन कम न हो पाने के कारण किसी पहलवान का ओलंपिक मैडल से वंचित हो जाना है.

इस कहानी में हम किसी प्रवंचना या वंचना के शिकार हो जाने वाली अपनी प्रतिभाओं के प्रति कितने जवाबदेह होते हैं यह विमर्श तो दिखता ही है. प्रांजल के लिए वह बैट बाल महज एक लकड़ी व रबर का समान नहीं था. वह उसके लिए अपना एक संसार था उसकी खुशियों का उम्मीदों का, जिसे किसी ने चुरा लिया. पाश की कविता की उन पंक्तियों की तरह “खतरनाक होता है किसी के सपनों का मर जाना…”

इसका ब्लर्ब लेखन करते हुए सुजश कुमार शर्मा लिखते हैं कि “संघर्षों का यह आयाम देवांशु की कहानियों में बखूबी उभरकर आते हैं. उनकी वैचारिकी, संघर्ष का स्वरुप, परिस्थितयों के साथ प्रतिक्रिया और अंतत: जीवन के विभिन्न मील के पत्थरों को पार करने की प्रक्रिया को समझने के लिए उनकी कहानियां से गुजरना है, अपितु वर्तमान वक्त की सड़कों पर बिखरे विसंगतियों व विडम्बनाओं के काँटों से दो-चार होना भी है. देवांशु का आत्मसंघर्ष उन्हें भीतर से जिन्दा रखा है और सामाजिक संघर्ष के मध्य वे और भी निखरकर आए हैं.”

• संपर्क-
• 90098 84014

०००

विज्ञापन (Advertisement)

ब्रेकिंग न्यूज़

breaking Chhattisgarh

घोटाले को लेकर CBI के हाथ लगे अहम सबूत, अधिकारी समेत उद्योगपति को किया गया गिरफ्तार

breaking Chhattisgarh

इस देश में पाकिस्तानी भिखारियों की बाढ़; फटकार के बाद पाकिस्तान ने भिखारियों को रोकने लिए उठाया कदम

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर मंडराया खतरा! क्यों राइस मिलरों ने कस्टम मिलिंग न करने की दी चेतावनी?

breaking Chhattisgarh

छत्‍तीसगढ़ में बजट सत्र के पहले नगरीय निकाय-पंचायत चुनाव कराने की तैयारी, दिसंबर में हो सकती है घोषणा

breaking Chhattisgarh

वधुओं के खाते में सरकार भेजेगी 35000 रुपये, जानें किस योजना में हुआ है बदलाव

breaking Chhattisgarh

अमेरिका में गौतम अडानी का अरेस्‍ट वारंट जारी,धोखाधड़ी और 21 अरब रिश्वत देने का आरोप

breaking Chhattisgarh

भाईयों से 5वीं के छात्र की मोबाइल को लेकर नोक-झोक, कर लिया सुसाइड

breaking Chhattisgarh

छत्‍तीसगढ़ में तेजी से लुढ़का पारा, बढ़ने लगी ठंड, सरगुजा में शीतलहर का अलर्ट, 9 डिग्री पहुंचा तापमान

breaking Chhattisgarh

सुप्रीम कोर्ट के वारंट का झांसा दे कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट से ठगी, 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख लूटे

breaking Chhattisgarh

चींटी की चटनी के दीवाने विष्णुदेव किसे कहा खिलाने! बस्तर के हाट बाजारों में है इसकी भारी डिमांड

breaking Chhattisgarh

IIT Bhilai में अश्लीलता परोसने वाले Comedian Yash Rathi के खिलाफ दर्ज हुई FIR

breaking Chhattisgarh

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री नायडू से सीएम साय ने की मुलाकात, क्षेत्रीय हवाई अड्‌डों के विकास पर हुई चर्चा

breaking international

कनाडा ने भारत की यात्रा कर रहे लोगों की “विशेष जांच” करने का ऐलान ,क्या है उद्देश्य ?

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में भी टैक्स फ्री हुई फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’, सीएम ने की घोषणा

breaking Chhattisgarh

6 दिन में कमाए 502 करोड़ रुपये, अभी और होगी कमाई, जानिए छत्तीसगढ़ में किसानों की कैसे हुई बल्ले-बल्ले

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर पर फिर रचा इतिहास, कांकेर जिले को मिलेगा ‘बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड’, मुख्यमंत्री साय ने दी बधाई

breaking Chhattisgarh

स्टैंडअप कॉमेडियन यश राठी के खिलाफ FIR दर्ज, IIT के वार्षिक उत्‍सव में की थी अश्लील और आपत्तिजनक बातें

breaking Chhattisgarh

‘मां कहां गईं हैं…’, इस बात पर बढ़ा झगड़ा, बेटे ने बेरहमी से कर दी पिता की हत्या

breaking Chhattisgarh

CPSC Exam 2021: घोटाले को लेकर CBI के हाथ लगे अहम सबूत, अधिकारी समेत उद्योगपति को किया गया गिरफ्तार

breaking Chhattisgarh

सीएम साय ने नक्सलियों के सफाए का किया ऐलान, बोले- जान बचाना चाहते हैं तो करें ये काम

कविता

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : रियाज खान गौहर

poetry

कविता आसपास : रंजना द्विवेदी

poetry

रचना आसपास : पूनम पाठक ‘बदायूं’

poetry

ग़ज़ल आसपास : सुशील यादव

poetry

गाँधी जयंती पर विशेष : जन कवि कोदूराम ‘दलित’ के काव्य मा गाँधी बबा : आलेख, अरुण कुमार निगम

poetry

रचना आसपास : ओमवीर करन

poetry

कवि और कविता : डॉ. सतीश ‘बब्बा’

poetry

ग़ज़ल आसपास : नूरुस्सबाह खान ‘सबा’

poetry

स्मृति शेष : स्व. ओमप्रकाश शर्मा : काव्यात्मक दो विशेष कविता – गोविंद पाल और पल्लव चटर्जी

poetry

हरेली विशेष कविता : डॉ. दीक्षा चौबे

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

poetry

कविता आसपास : अनीता करडेकर

poetry

‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक व कवि प्रदीप भट्टाचार्य के हिंदी प्रगतिशील कविता ‘दम्भ’ का बांग्ला रूपांतर देश की लोकप्रिय बांग्ला पत्रिका ‘मध्यबलय’ के अंक-56 में प्रकाशित : हिंदी से बांग्ला अनुवाद कवि गोविंद पाल ने किया : ‘मध्यबलय’ के संपादक हैं बांग्ला-हिंदी के साहित्यकार दुलाल समाद्दार

poetry

कविता आसपास : पल्लव चटर्जी

poetry

कविता आसपास : विद्या गुप्ता

poetry

कविता आसपास : रंजना द्विवेदी

poetry

कविता आसपास : श्रीमती रंजना द्विवेदी

poetry

कविता आसपास : तेज नारायण राय

poetry

कविता आसपास : आशीष गुप्ता ‘आशू’

poetry

कविता आसपास : पल्लव चटर्जी

कहानी

story

लघुकथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

कहिनी : मया के बंधना – डॉ. दीक्षा चौबे

story

🤣 होली विशेष :प्रो.अश्विनी केशरवानी

story

चर्चित उपन्यासत्रयी उर्मिला शुक्ल ने रचा इतिहास…

story

रचना आसपास : उर्मिला शुक्ल

story

रचना आसपास : दीप्ति श्रीवास्तव

story

कहानी : संतोष झांझी

story

कहानी : ‘ पानी के लिए ‘ – उर्मिला शुक्ल

story

व्यंग्य : ‘ घूमता ब्रम्हांड ‘ – श्रीमती दीप्ति श्रीवास्तव [भिलाई छत्तीसगढ़]

story

दुर्गाप्रसाद पारकर की कविता संग्रह ‘ सिधवा झन समझव ‘ : समीक्षा – डॉ. सत्यभामा आडिल

story

लघुकथा : रौनक जमाल [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

लघुकथा : डॉ. दीक्षा चौबे [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

🌸 14 नवम्बर बाल दिवस पर विशेष : प्रभा के बालदिवस : प्रिया देवांगन ‘ प्रियू ‘

story

💞 कहानी : अंशुमन रॉय

story

■लघुकथा : ए सी श्रीवास्तव.

story

■लघुकथा : तारक नाथ चौधुरी.

story

■बाल कहानी : टीकेश्वर सिन्हा ‘गब्दीवाला’.

story

■होली आगमन पर दो लघु कथाएं : महेश राजा.

story

■छत्तीसगढ़ी कहानी : चंद्रहास साहू.

story

■कहानी : प्रेमलता यदु.

लेख

Article

तीन लघुकथा : रश्मि अमितेष पुरोहित

Article

व्यंग्य : देश की बदनामी चालू आहे ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

लघुकथा : डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय [केंद्रीय विद्यालय वेंकटगिरि, आंध्रप्रदेश]

Article

जोशीमठ की त्रासदी : राजेंद्र शर्मा

Article

18 दिसंबर को जयंती के अवसर पर गुरू घासीदास और सतनाम परम्परा

Article

जयंती : सतनाम पंथ के संस्थापक संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास जी

Article

व्यंग्य : नो हार, ओन्ली जीत ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

🟥 अब तेरा क्या होगा रे बुलडोजर ❗ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा.

Article

🟥 प्ररंपरा या कुटेव ❓ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा

Article

▪️ न्यायपालिका के अपशकुनी के साथी : वैसे ही चलना दूभर था अंधियारे में…इनने और घुमाव ला दिया गलियारे में – आलेख बादल सरोज.

Article

▪️ मशहूर शायर गीतकार साहिर लुधियानवी : ‘ जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है, जंग क्या मसअलों का हल देगी ‘ : वो सुबह कभी तो आएगी – गणेश कछवाहा.

Article

▪️ व्यंग्य : दीवाली के कूंचे से यूँ लक्ष्मी जी निकलीं ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

25 सितंबर पितृ मोक्ष अमावस्या के उपलक्ष्य में… पितृ श्राद्ध – श्राद्ध का प्रतीक

Article

🟢 आजादी के अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. अशोक आकाश.

Article

🟣 अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. बलदाऊ राम साहू [दुर्ग]

Article

🟣 समसामयिक चिंतन : डॉ. अरविंद प्रेमचंद जैन [भोपाल].

Article

⏩ 12 अगस्त- भोजली पर्व पर विशेष

Article

■पर्यावरण दिवस पर चिंतन : संजय मिश्रा [ शिवनाथ बचाओ आंदोलन के संयोजक एवं जनसुनवाई फाउंडेशन के छत्तीसगढ़ प्रमुख ]

Article

■पर्यावरण दिवस पर विशेष लघुकथा : महेश राजा.

Article

■व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा.

राजनीति न्यूज़

breaking Politics

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उदयपुर हत्याकांड को लेकर दिया बड़ा बयान

Politics

■छत्तीसगढ़ :

Politics

भारतीय जनता पार्टी,भिलाई-दुर्ग के वरिष्ठ कार्यकर्ता संजय जे.दानी,लल्लन मिश्रा, सुरेखा खटी,अमरजीत सिंह ‘चहल’,विजय शुक्ला, कुमुद द्विवेदी महेंद्र यादव,सूरज शर्मा,प्रभा साहू,संजय खर्चे,किशोर बहाड़े, प्रदीप बोबडे,पुरषोत्तम चौकसे,राहुल भोसले,रितेश सिंह,रश्मि अगतकर, सोनाली,भारती उइके,प्रीति अग्रवाल,सीमा कन्नौजे,तृप्ति कन्नौजे,महेश सिंह, राकेश शुक्ला, अशोक स्वाईन ओर नागेश्वर राव ‘बाबू’ ने सयुंक्त बयान में भिलाई के विधायक देवेन्द्र यादव से जवाब-तलब किया.

breaking Politics

भिलाई कांड, न्यायाधीश अवकाश पर, जाने कब होगी सुनवाई

Politics

धमतरी आसपास

Politics

स्मृति शेष- बाबू जी, मोतीलाल वोरा

Politics

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हलचल

breaking Politics

राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा- मर्यादित भाषा में रखें अपनी बात

Politics

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने डाॅ. नरेन्द्र देव वर्मा पर केन्द्रित ‘ग्रामोदय’ पत्रिका और ‘बहुमत’ पत्रिका के 101वें अंक का किया विमोचन

Politics

मरवाही उपचुनाव

Politics

प्रमोद सिंह राजपूत कुम्हारी ब्लॉक के अध्यक्ष बने

Politics

ओवैसी की पार्टी ने बदला सीमांचल का समीकरण! 11 सीटों पर NDA आगे

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, ग्वालियर में प्रेस वार्ता

breaking Politics

अमित और ऋचा जोगी का नामांकन खारिज होने पर बोले मंतूराम पवार- ‘जैसी करनी वैसी भरनी’

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल बिहार चुनाव के स्टार प्रचारक बिहार में कांग्रेस 70 सीटों में चुनाव लड़ रही है

breaking National Politics

सियासत- हाथरस सामूहिक दुष्कर्म

breaking Politics

हाथरस गैंगरेप के घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा, पढ़िए पूरी खबर

breaking Politics

पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना के बाद, पीसीसी चीफ ने जांच समिति का किया गठन