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- कॉफी विथ साहित्यिक विचार- विमर्श आड्डा – 58 : ‘बंगीय साहित्य संस्था’ के तत्वावधान में आयोजित आड्डा-58 में उपस्थित हुए- स्मृति दत्ता, समरेंद्र विश्वास, दुलाल समाद्दार, प्रकाशचंद्र मण्डल, प्रदीप भट्टाचार्य, बृजेश मलिक, आलोक कुमार चंदा, पं. वासुदेव भट्टाचार्य, निर्मलेंद्रु डे, वीरेंद्रनाथ सरकार, रविंद्रनाथ देबनाथ और सुबीर रॉय
कॉफी विथ साहित्यिक विचार- विमर्श आड्डा – 58 : ‘बंगीय साहित्य संस्था’ के तत्वावधान में आयोजित आड्डा-58 में उपस्थित हुए- स्मृति दत्ता, समरेंद्र विश्वास, दुलाल समाद्दार, प्रकाशचंद्र मण्डल, प्रदीप भट्टाचार्य, बृजेश मलिक, आलोक कुमार चंदा, पं. वासुदेव भट्टाचार्य, निर्मलेंद्रु डे, वीरेंद्रनाथ सरकार, रविंद्रनाथ देबनाथ और सुबीर रॉय
👉 { बाएँ से } वीरेंद्रनाथ सरकार, निर्मेलेंदु डे, आलोक कुमार चंदा, प्रदीप भट्टाचार्य, प्रकाशचंद्र मण्डल, स्मृति दत्ता, रविंद्रनाथ देबनाथ, दुलाल समाद्दार, बृजेश मलिक, पं. वासुदेव भट्टाचार्य और सुबीर रॉय
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [इंडियन कॉफी हाउस, भिलाई निवास से 19 अक्टूबर]
बांग्ला साहित्यिक संस्था ‘बंगीय साहित्य संस्था’ विगत 60 वर्षों से इस्पात नगरी भिलाई में संचालित है. इस संस्था की नींव स्व. शिबब्रत देवानजी ने सन् 1962 में की थी. इस संस्था का उद्देश्य यही है कि प्रवासी बांग्ला के लोग साहित्यिक, सांस्कृतिक व बांग्ला संस्कृति को जिंदा रख सके. वर्तमान में इस संस्था की अध्यक्षा बांग्ला की चर्चित कवियित्री श्रीमती बानी चक्रवर्ती हैं.
👉 {बाएँ से} आलोक कुमार चंदा, प्रदीप भट्टाचार्य और प्रकाशचंद्र मण्डल
👉 {बाएँ से} रविंद्रनाथ देबनाथ, दुलाल समाद्दार, बृजेश मलिक, पं. वासुदेव भट्टाचार्य और सुबीर रॉय
आज सम्पन्न हुए ‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार-विमर्श आड्डा-58’ में संस्था की उप सभापति, बांग्ला की सुप्रसिद्ध लेखिका श्रीमती स्मृति दत्ता की अध्यक्षता में बैठक हुई.
इस अवसर पर आड्डा-58 में उपस्थित थे-
बांग्ला के सुप्रसिद्ध लेखक व कवि समरेंद्र बिश्वास, बांग्ला लिटिल मेंगज़ीन ‘मध्यबलय’ के संपादक व कवि दुलाल समाद्दार, संस्था के उपसचिव व बांग्ला- हिंदी के कवि, नाट्यकार प्रकाशचंद्र मण्डल, ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक, कवि प्रदीप भट्टाचार्य, ‘हिंदू मिलन मंदिर’ के पुरोहित व हिंदुत्ववादी कवि पं. वासुदेव भट्टाचार्य, राष्ट्रवादी कवि बृजेश मलिक, कवि निर्मेलन्दु डे, कवि वीरेंद्रनाथ सरकार और सामाजिक चिंतक आलोक कुमार चंदा, रविंद्रनाथ देबनाथ, सुबीर रॉय.
बांग्ला- हिंदी में काव्यपाठ-
स्मृति दत्ता ने ‘तुमी मृद मंद…/’नदी’/’शुरूपा-कुरुपा…/पं.वासुदेव भट्टाचार्य ने ‘खमा’ यानी माफ़ी/’खुकी रे जन्म दिन’/’ आत्याधुनिक बंदी’/बृजेश मलिक ने ‘माँ बाबा आर भालोबासा’/’पाखण्डी धर्मगुरु’/प्रकाशचंद्र मण्डल ने ‘शारदीय गान’/’बेटी’/’कुछ बात कविता हो गई’/आलोक कुमार चंदा ने ‘आमीय प्रभा’ संग्रह से मधुमिता रॉय की कविता ‘बांसी’/प्रकाशचंद्र मण्डल की कविता ‘होय तो एक दिन…’ का पाठ किया.
👉 कविता पाठ करती हुई ‘बंगीय साहित्य संस्था’ की उप सभापति स्मृति दत्ता
समरेंद्र बिश्वास ने लघुकथा ‘ पदत्याग’/बैशाखी दास की कृति ‘ आखेप’/ निर्मेंलेंदु डे ने लघु कथा ‘उबेर ड्राइवर’/ वीरेंद्रनाथ सरकार ने लघुकथा ‘उल्लंघन राजा’/हिंदी कविता ‘जिंदगी एक धोखा है’/ दुलाल समाद्दार ने ‘ऐ…जे…आगुन’/ ‘संसार’/और प्रदीप भट्टाचार्य ने मुक्तक ‘प्रश्न ऐसा नहींं…’का पाठ किया.
👉 {बाएँ से} प्रदीप भट्टाचार्य, सुबीर रॉय, आलोक कुमार चंदा, रविंद्रनाथ देबनाथ, स्मृति दत्ता, समरेंद्र बिश्वास, निर्मेलेंदु डे, बृजेश मलिक, पं. वासुदेव भट्टाचार्य, वीरेंद्रनाथ सरकार और प्रकाशचंद्र मण्डल
‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार-विमर्श आड्डा-58’ का संचालन प्रकाशचंद्र मण्डल और आभार व्यक्त सुबीर रॉय ने किया.
[ रपट, प्रदीप भट्टाचार्य और फोटो सौजन्य दुलाल समाद्दार ]
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