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- ‘बंगीय साहित्य संस्था’ के तत्वावधान में प्रति सप्ताह आयोजित ‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार-विमर्श आड्डा-63’ में शामिल हुए- स्मृति दत्ता, दुलाल समाद्दार, प्रकाशचंद्र मण्डल, वीरेंद्रनाथ सरकार और प्रदीप भट्टाचार्य
‘बंगीय साहित्य संस्था’ के तत्वावधान में प्रति सप्ताह आयोजित ‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार-विमर्श आड्डा-63’ में शामिल हुए- स्मृति दत्ता, दुलाल समाद्दार, प्रकाशचंद्र मण्डल, वीरेंद्रनाथ सरकार और प्रदीप भट्टाचार्य
👉 {बाएँ से} वीरेंद्रनाथ सरकार, प्रदीप भट्टाचार्य, प्रकाशचंद्र मण्डल, दुलाल समाद्दार और स्मृति दत्ता
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [भिलाई निवास के इंडियन कॉफी हाउस : 30 नवम्बर]
‘बंगीय साहित्य संस्था’ की स्थापना 60 वर्ष पहले हुई थी. इसका मुख्य उद्देश्य था कि भिलाई में बांग्ला संस्कृति, बांग्ला भाषा व साहित्यिक विचार-विमर्श को बनाये रखा जाए. इसी उद्देश्य को लेकर यह संस्था विगत 60 वर्षों से निरंतर साहित्यिक गतिविधियों के साथ वर्ष भर कई आयोजन करते आ रही है. संस्था द्वारा बांग्ला भाषा में एक लिटिल पत्रिका ‘मध्यबलय’ का भी नियमित प्रकाशन किया जा रहा है, जिसके संपादक हैं दुलाल समाद्दार और ‘बंगीय साहित्य संस्था’ की अध्यक्ष हैं बांग्ला की सुप्रसिद्ध लेखिका व कवयित्री श्रीमती बानी चक्रवर्ती और महासचिव हैं शुभेंदु बागची.
कॉफी विथ साहित्यिक विचार-विमर्श आड्डा-63 में शामिल हुए-
‘बंगीय साहित्य संस्था’ की उप सभापति व बांग्ला की सुप्रसिद्ध लेखिका स्मृति दत्ता. बांग्ला के विचारशील कवि दुलाल समाद्दार, संस्था के उप सचिव व बांग्ला के चर्चित कवि प्रकाशचंद्र मण्डल, बांग्ला के गंभीर कवि व लेखक वीरेंद्रनाथ सरकार और प्रगतिशील कवि प्रदीप भट्टाचार्य.
रचनाकारों ने अपनी-अपनी प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ किया-
👉 • स्मृति दत्ता
‘एक टी एन टी कबिता’ और एक लघु कथा ‘भय पेयो ना..’
👉 • दुलाल समाद्दार
‘पाथोर’ {पत्थर} और टेबल कवर.
👉 • प्रकाशचंद्र मण्डल
‘स्वप्न में…’ और ‘भयानक प्रभात’.
👉 • वीरेंद्रनाथ सरकार
‘चोखेर जल’ याने दो बूंद आँख में पानी.. /’मोन र… / और ‘किताब’.
• प्रदीप भट्टाचार्य
प्रगतिशील कविता ‘खूबसूरती का राज’
आज के ‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार-विमर्श आड्डा-63’ की अध्यक्षता श्रीमती स्मृति दत्ता, संचालन प्रकाशचंद्र मण्डल और आभार व्यक्त वीरेंद्र नाथ सरकार ने किया.
[ • रपट, प्रदीप भट्टाचार्य : फोटो क्लिक, दुलाल समाद्दार ]
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