- Home
- Chhattisgarh
- संस्कृति की संस्था ‘बहुमत’ और सामाजिक संस्था ‘श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन’ का आयोजन : 12 रचनाकारों को श्री चतुर्भुज मेमोरियल कृति सम्मान : लोक संस्कृति-लोक जीवन एवं भारतीय समाज पर व्याख्यान : इस अवसर पर डॉ. संजय अलंग ने कहा- ‘हमारे सामाजिक जीवन में लोक संस्कृति की जड़ें बहुत गहरी है’
संस्कृति की संस्था ‘बहुमत’ और सामाजिक संस्था ‘श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन’ का आयोजन : 12 रचनाकारों को श्री चतुर्भुज मेमोरियल कृति सम्मान : लोक संस्कृति-लोक जीवन एवं भारतीय समाज पर व्याख्यान : इस अवसर पर डॉ. संजय अलंग ने कहा- ‘हमारे सामाजिक जीवन में लोक संस्कृति की जड़ें बहुत गहरी है’
👉 • मुख्यअतिथि डॉ. संजय अलंग का सम्मान करते हुए ‘श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन’ के संस्थापक डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव और फाउंडेशन की उपाध्यक्ष सीमा श्रीवास्तव
[ ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [भिलाई निवास के इंडियन कॉफी हाउस सभागार से प्रकाशचंद्र मण्डल : 10 दिसम्बर, 2024 ]
संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से कला साहित्य और संस्कृति की संस्था बहुमत तथा सामाजिक संस्था श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में लोक संस्कृति पर केंद्रित संगोष्ठी तथा कृति सम्मान का गरिमामय आयोजन संपन्न हुआ | संगोष्ठी के मुख्य अतिथि कवि, लेखक, इतिहासकार डॉ संजय अलंग थे | समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. अलंग ने कहा कि भारतीय समाज में लोक-संस्कृति की जड़ें अत्यंत गहरी हैं।देश के अलग अलग राज्यों में उनके स्वरूप भिन्न-भिन्न हो सकते हैं किन्तु व्यापक अर्थ में वे सभी भारतीय जनजीवन की गौरवशाली परम्परा का प्रतिनिधित्व करते हैं।डा संजय अलंग ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति बहुलतावादी है। इसके अनेकं.स्वरुप हैं।अनेक दिशाएं हैं।कहा जा सकता है कि यह लोक-संस्कृति ही है जो हमारे जनजीवन की समरसता का केंद्र बिंदु है।
समारोह में डुमन लाल ध्रुव ने जनजातीय लोकजीवन, डॉ. सुनीता वर्मा ने चित्रकला और हमारा लोकजीवन, गोविंद पटेल ने तालाब और हमारा जनजीवन तथा विजय मिश्रा अमित ने छत्तीसगढ़ के लोकनाट्य विषय पर संगोष्ठी में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया | संगोष्ठी सत्र में पद्मश्री अजय मंडवी विशेष रूप से उपस्थित थे |
दो सत्रों में संपन्न इस आयोजन में पत्रकार-संपादक ई वी मुरली, समाजसेवी राजीव चौबे, श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के संस्थापक डॉक्टर अरुण कुमार श्रीवास्तव, बहुमत के अध्यक्ष मुमताज, फाउंडेशन की उपाध्यक्ष सीमा श्रीवास्तव अध्यक्ष मंडल के तौर पर उपस्थित रहे |
संगोष्ठी के दूसरे सत्र में 12 रचनाकारों को श्री चतुर्भुज मेमोरियल कृति सम्मान से सम्मानित किया गया। ख्यातिलब्ध कथाकार लोकबाबू को उनके चर्चित उपन्यास – बस्तर बस्तर के लिए, दुर्गा प्रसाद पारकर को छत्तीसगढ़ी उपन्यास – केवट कुंदरा के लिए, देवेंद्र गोस्वामी को कविता संग्रह – मैं और शब्द के लिए, डुमन लाल ध्रुव को उनकी सद्य प्रकाशित पुस्तक – छत्तीसगढ़ के लोक आभूषण के लिए, राजेंद्र सोनबोइर को संपादित पुस्तक – कालजयी लोकनाट्यों के निर्देशक रामहृदय तिवारी के लिए, मयंक चतुर्वेदी को गजल संग्रह – तन्हा के लिए, मोहम्मद जाकिर हुसैन को वोल्गा से शिवनाथ तक पुस्तक के लिए, श्वेता उपाध्याय को कविता संग्रह – कविता सी लड़की निबंध सा लड़का के लिए, डॉ. रौनक जमाल को उर्दू कथा संग्रह – चालीस आदमी के लिए, कमलेश चंद्राकर को बाल कविता संग्रह – स्कूल के दिन आए फिर के लिए, डॉ. संजय दानी को उपन्यास – लव जिहाद के लिए, विजय मिश्रा अमित को हास्य व्यंग्य संग्रह – कल्लू कुकुर के पावर के लिए शाल श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया | इस अवसर पर अपने संबोधन में संपादक श्री ई वी मुरली ने कहा कि रचनाकारों की पुस्तकों के लिए उनका सम्मान एक अच्छी परंपरा है | श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि हमारी दोनों संस्थाओं के द्वारा श्री चतुर्भुज मेमोरियल कृति सम्मान राज्य के प्रतिष्ठित रचनाकारों को प्रदान किया गया है | हमें विश्वास है कि इस सम्मान से हमारे अन्य लेखकों को भी प्रोत्साहन मिलेगा | बहुमत के अध्यक्ष मुमताज ने कहा कि पुस्तकों के परिप्रेक्ष्य में लेखन का सम्मान एक स्वस्थ परंपरा है |हम इस परम्परा को भविष्य में भी कायम रखेंगे।
दोनों सत्रों का आयोजकीय व्यक्तव्य विनोद मिश्र और समापन व्यक्तव्य सीमा श्रीवास्तव ने दिया.
समारोह का संयोजन ‘श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन’ की सचिव जसबीर कौर ने किया.
संचालन ‘बहुमत’ की सचिव श्वेता उपाध्याय तथा सुमन कन्नौजे ने संयुक्त रूप से किया.
इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित हुए-
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक प्रदीप भट्टाचार्य, ‘कला परंपरा’ के संपादक डॉ. डीपी देशमुख, कैलाश जैन बरमेचा, प्रकाशचंद्र मण्डल, रामबरन कोरी ‘कशिश’, नवेद रजा दुर्गवी, ओमवीर करन, विजय वर्तमान, परविंदर सिंह, रामकुमार वर्मा, संगीता मिश्रा, शंकरचरण पांडे, रीना देशमुख, शेखर शर्मा, अनिता पटनायक, अनीता करडे कर, मणिमय मुखर्जी, मेनका वर्मा, बृजलता चौबे, हरिसेन, बृजेश सिंह ओमशंकर मिश्र, आकाश वैष्णव, डॉ. शालिनी वर्मा, संजय कुमार मिश्र, अविनाश सिपाहा और अनेक लेखक, पत्रकार, प्रबुद्धजन एवं संस्कृतकर्मी.
▪️ आयोजन की कुछ प्रमुख झलकियाँ-
👉 •संपादक ई वी मुरली का ‘श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन’ के अरुण कुमार श्रीवास्तव और सीमा श्रीवास्तव द्वारा अतिथि सम्मान करते हुए…
👉 •डॉ. सुनीता वर्मा का पुष्प गुच्छ देकर सम्मान करते हुए संपादक प्रदीप भट्टाचार्य…
👉 •’बस्तर-बस्तर’ के लेखक लोकबाबू को सम्मानित करते हुए
👉 • लेखिका व कवयित्री श्वेता उपाध्याय को कृति सम्मान से सम्मानित
👉 • पत्रकार व लेखक मो. जाकिर हुसैन का सम्मान
👉 • लेखक व अंतरराष्ट्रीय शायर डॉ. रौनक जमाल का सम्मान
👉 • मयंक चतुर्वेदी को कृति सम्मान
👉 • विजय मिश्रा ‘अमित’ का सम्मान
• कमलेश चंद्राकर का सम्मान
👉 • डुमनमन लाल धुर्व का सम्मान
👉 • डॉ. संजय दानी को दिया गया कृति सम्मान
👉 • पत्रकार राजेंद्र सोनबोइर को कृति सम्मान से सम्मानित करते हुए
👉 • दुर्गाप्रसाद पारकर का सम्मान
[ •’छत्तीसगढ़ आसपास’ के लिए रिपोर्टिंग प्रकाशचंद्र मण्डल ]
०००००