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- मेल-मुलाकात, कृति भेंट : भारत सेवाश्रम संघ द्वारा संचालित ‘हिंदु मिलन मंदिर’ के पुरोहित एवं बांग्ला लेखक व कवि पं. बासुदेव भट्टाचार्य ने अपनी आध्यात्मिक कृति ‘बांगलार ब्रत कथार सार- संग्रह’ और ‘श्री श्री लक्ष्मी व्रत कथा’ ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक प्रदीप भट्टाचार्य व प्रधान संपादक श्रीमती शेफाली भट्टाचार्य को भेंट की
मेल-मुलाकात, कृति भेंट : भारत सेवाश्रम संघ द्वारा संचालित ‘हिंदु मिलन मंदिर’ के पुरोहित एवं बांग्ला लेखक व कवि पं. बासुदेव भट्टाचार्य ने अपनी आध्यात्मिक कृति ‘बांगलार ब्रत कथार सार- संग्रह’ और ‘श्री श्री लक्ष्मी व्रत कथा’ ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक प्रदीप भट्टाचार्य व प्रधान संपादक श्रीमती शेफाली भट्टाचार्य को भेंट की
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [भिलाई]
☝ • चित्र-1 {बाएँ से} शैली भट्टाचार्य लश्कर, शेफाली भट्टाचार्य, पं. बासुदेव भट्टाचार्य और प्रदीप भट्टाचार्य
☝ • चित्र-2 {बाएँ से} शेफाली भट्टाचार्य, पं. बासुदेव भट्टाचार्य और प्रदीप भट्टाचार्य
बांग्ला लेखक कवि पं. बासुदेव भट्टाचार्य विगत दिनों ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के प्रधान संपादक श्रीमती शेफाली भट्टाचार्य और संपादक प्रदीप भट्टाचार्य के निवास में आयोजित श्री सत्यनारायण कथा [नारायण पूजा अनुष्ठान] में विधि विधान से पूजा करने आए और पूजा सम्पन्न करवाया. इस अवसर पर पं. बासुदेव भट्टाचार्य ने अपनी दो आध्यात्मिक कृति ‘ बांगलार ब्रत कथार सार-संग्रह’ [हिंदी में प्रकाशित देवी-देवताओं की आरती] और ‘श्री श्री लक्ष्मी व्रत कथा’ [हिंदी में प्रकाशित गुरु वंदना आरती] भेंट की.
• बांगलार ब्रत कथार सार- संग्रह
इस संग्रह कृति में सत्यनारायण ब्रत, बिपत्तारिणी ब्रत, सुबचनी ब्रत, लक्ष्मी ब्रत, शिवरात्रि ब्रत, मंगलचंडी ब्रत, अक्षय तृतीया ब्रत, सावित्री चतुर्दशी ब्रत, नागपंचमी ब्रत, चापुड़ाषष्ठी ब्रत, जन्माष्टमी ब्रत, जीताष्टमी ब्रत, इतुपूजा ब्रत, मूलाषष्टि ब्रत, शीतलषष्ठी ब्रत, अशोकषष्टि ब्रत, नील पूजा ब्रत, अमावस्या ब्रत, राधाष्टमी ब्रत, दुर्गाषष्टि ब्रत, शनि महाराज ब्रत, संतोषी ब्रत, लोकनाथ बाबा र ब्रत और कृष्ण र अष्टोत्तर शतनाम ब्रत दिया गया है.
80 पृष्ठों की इस पुस्तक का संपादन पं. बासुदेव भट्टाचार्य ने किया है. पुस्तक के प्रकाशक हैं शंकर्षेण पंडा, सहयोगी पं. पवन कर शर्मा एवं पं. मृन्मय चक्रवर्ती और सत्वाधिकारी केशव भट्टाचार्य हैं. पुस्तक में प्रस्तावना ‘भारत सेवाश्रम संघ’ प्रचार विभाग के अध्यक्ष स्वामी सर्वेशानंद ने लिखा है. कृति का प्रकाशन 2011 में किया गया है.
• श्री श्री लक्ष्मी व्रत कथा
25 पृष्ठ की इस कृति के प्रकाशक व संपादक पं. बासुदेव भट्टाचार्य, सत्वाधिकारी शिवम भट्टाचार्य हैं. प्रकाशन तिथि का उल्लेख अंग्रेजी में नहीं दिया गया है. बांग्ला सन् का उल्लेख 1414 एवं 1429 मुद्रित है. कृति में 🕉 श्री श्री गुरु-वंदना, श्री श्री लक्ष्मी देवी र ब्रत कथा ओ पाँचाली/आरती, स्रोत पाठ, आबाहन, पुष्पांजलि, प्रणाम, व्रतकथा आरम्भ, श्री लक्ष्मी जी आरती और श्री सूक्तम् के अलावा पूजा करने की विधि विधान सामग्री दी गई है.
दोनों कृति हर घर-घर में रखना चाहिए.
प्राप्ति स्थान-
• भिलाई हिंदू मिलन मंदिर
[ मैत्रीकुंज रोड, प्रगति नगर, रिसाली, जिला- दुर्ग, छत्तीसगढ़ ]
• पं. बासुदेव भट्टाचार्य
• 92299 91290
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