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साहित्यिक आयोजन : ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के तत्वावधान में मरहूम शायर शेख निजाम राही के व्यक्तित्व को रेखाकिंत मासिक बुलेटिन ‘मुक्तकंठ’ का लोकार्पण एवं काव्य गोष्ठी और सम्मान
👉 {मंचासीन अतिथि} बाएँ से- गोविंद पाल, नरेंद्र कुमार सिक्के वाल, रश्मि अग्रवाल, आदित्य सोमवंशी और कैलाश बरमेचा जैन.
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [भिलाई निवास कॉफी हाउस के मल्टीपर पस हॉल से रपट प्रदीप भट्टाचार्य : 22 दिसम्बर 2024]
•कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं-
‘बेटी बचाओ मंच’ दुर्ग की अध्यक्ष व ‘डिस्ट्रिक्ट लीनेस क्लब’ की उपाध्यक्षा समाजसेवी रश्मि अग्रवाल.
▪️ अन्य विशिष्ट अतिथि थे-
•आईडीएफसी फस्ट बैंक दुर्ग के प्रबंधक आदित्य सोमवंशी.
•समाजसेवी कैलाश बरमेचा जैन.
•अंतर्राष्ट्रीय शायर डॉ. रौनक जमाल.
•पुलिस अधीक्षक सीआईडी व ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के महासचिव, कवि नरेंद्र कुमार सिक्केवाल. और
अध्यक्षता ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के अध्यक्ष व साहित्यकार गोविंद पाल ने किया.
प्रारंभ में अतिथियों ने माँ सरस्वती पूजा अर्चना की और धूप दीप प्रज्ज्वलित किया गया. सरस्वती वंदना हुआ. पश्चात समस्त अतिथियों का स्वागत सत्कार समिति के प्रमुख सदस्यों ने किया. स्वागत सत्कार की नई परंपरा की शुरुआत की गई. रश्मि अग्रवाल और आदित्य सोमवंशी का स्वागत रेडकॉर्पेट में पुष्प गुच्छ अर्पित कर किया गया.
स्वागत उद्बोधन देते हुए गोविंद पाल ने कहा कि-
‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ की स्थापना सन् 1997 में हुई थी. समिति लगातार साहित्यिक आयोजन के माध्यम से भिलाई, छत्तीसगढ़ राज्य के अलावा देश के अन्य राज्यों में अपनी पहचान बना रही है. समिति द्वारा प्रतिमाह एक साहित्यिक बुलेटिन ‘मुक्तकंठ’ का प्रकाशन किया जा रहा है. ‘मुक्तकंठ’ की प्रति PDF के माध्यम से सभी जगह भेजी जा रही है. बुलेटिन में सदस्यों की रचनाओं के साथ-साथ वरिष्ठ साहित्यकारों की रचनाओं को प्रमुखता से प्रकाशित की जाती है. नए रचनाकारों के लिए यह बुलेटिन मार्गनिर्देशन भी करती है. विगत माह से ‘मुक्तकंठ’ ने ‘ऑनलाइन काव्य पाठ’ भी प्रारंभ किया है. इस प्लेटफाॅर्म के माध्यम से प्रति शनिवार को रात्रि 8.15 से 9.15 तक राष्ट्रीय कवि सम्मेलन हो रहा है. दो कवि इस ऑनलाइन में शिरकत करते हैं. एक कवि ‘मुक्तकंठ’ के सदस्य और एक राष्ट्रीय कवि. पिछले 2 एपिसोड में ‘मुक्तकंठ’ के ओमवीर करन और प्रकाशचंद्र मण्डल ने अपनी बेहतरीन कविता पाठ की प्रस्तुति दी थी. ‘मुक्तकंठ’ और भी ऐसे साहित्यिक आयोजन सदस्यों के लिए समय-समय पर आयोजित करेगा. काव्य संग्रह प्रकाशन में ‘मुक्तकंठ’ सहयोग करेगा.
👉 ‘मुक्तकंठ’ के 12वें अंक का लोकार्पण करते हुए अतिथि
प्रदीप भट्टाचार्य के संपादन में संपादित ‘मुक्तकंठ’ बुलेटिन के 12 वें {दिसम्बर, 2024} अंक का लोकार्पण अतिथियों ने किया. यह अंक समिति के पूर्व संरक्षक ,वरिष्ठ शायर मरहूम शेख निज़ाम राही के व्यक्तित्व व कृतित्व को रेखांकित किया गया है. इस अंक में विशेष आलेख नवेद रजा दुर्गवी ने लिखा. नवेद रजा दुर्गवी ने “खिराजे अकीदत पेश करते हुए ‘शेख निजामुद्दीन’ निज़ाम राही साहब का जिंदगी का सफरनामा {जीवन परिचय}” लेख में बेहतरीन तरीके से एक पृष्ठ पर संपूर्ण बात को बयां की है. लिखावट गम जदा होगी, कलम भी अश्क बारी कर/कहेगी के अजब आलम का, अब ये इश्क जारी कर/खबर जब मौत की आई, कहो ‘नावेद’ कैसी थे/’निजामुद्दीन’ का जीवन सुनाओ कल्ब भारी कर. इसके अलावा गोविंद पाल ने अपने अध्यक्षीय एवं नरेंद्र कुमार सिक्केवाल ने महासचिव की कलम से में भी निज़ाम राही पर कुछ अनसुने बातों को लिखा है. मुझको मजहब के तराजू में न तौला जाए/मैंने इंसान ही रहने की कसम खाई है/मुझको हिंदू या मुसलमान न समझा जाए. जीवन की गूढ़ता को ‘राही’ जी समझ चुके थे, तभी तो वे लिख गए थे- दुनिया के रैन बसेरे में पता नहीं/कितने दिन रहना है/जीत लो सबके दिलों को बस/यही जीवन का गहना है.
‘मुक्तकंठ’ के इस अंक में ठाकुर दशरथ सिंह भुवाल, मो. इस्माइल आजाद, डॉ. शिरोमणि माथुर, उमेश दीक्षित, नवेद रजा दुर्गवी, रामबरन कोरी ‘कशिश’, ओमवीर करन, अजहर फ़ारुकी ‘ अजहर’, संतोष झाँझी, डॉ. नीलकंठ देवांगन, नरेंद्र कुमार सिक्केवाल और नूरस्सबा खान ‘सबा’ ने काव्य के माध्यम से काव्यांजलि दी है. साथ में विशेष रपट, जो 24 नवम्बर, 2024 को रामबरन कोरी ‘कशिश’ के निवास में ‘राही’ जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई थी. इस कार्यक्रम में शेख निज़ाम ‘राही’ परिवार के सदस्य भी उपस्थित हुए.
रश्मि अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में ‘मुक्तकंठ’ की प्रशंसा करते हुए कही कि-
👉 रश्मि अग्रवाल
कैलाश बरमेचा जैन और समिति के पदाधिकारियों ने मुझे ऐसे कार्यक्रम में आमंत्रित किया है. यहां आकर मुझे खुशी हुई. तमाम कवि-कवयित्री की रचना सुनकर मैं अंतर्मन से प्रभावित हुई. विशेषकर कवि बृजेश मल्लिक की कविता ‘बेटी बचाओ…’ उत्कृष्ट लगी.
आदित्य सोमवंशी ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि-
रचनाकार समाज को नई दिशा देने का काम करता है इसलिए साहित्यकार पूज्यनीय होते हैं. मैं रहा एक बैंक अधिकारी. आप रचनाकारों की दुनिया मनुष्यता बनाने का काम करती है. आप सर्वश्रेष्ठ हैं.
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में उपस्थित कवियों द्वारा काव्य पाठ किया गया. ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के मुख्य संरक्षक कैलाश बरमेचा जैन ने व योवृद्ध कवयित्री ‘डॉ. शिरोमणि माथुर रजत सम्मान’ में उत्कृष्ट कविता पाठ के लिए गजराज दास महंत को सम्मानित किया. पिछले माह सम्पन्न हुए लोकार्पण कार्यक्रम में यह सम्मान ओमवीर करन को दिया गया था. कैलाश बरमेचा जैन ने सम्मान के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बोले कि ‘सम्मान’ से रचनाकार अपनी रचना को और तराशयेँगे. लेखनी से हम एक बेहतर समाज की ओर अग्रसर होंगे.
👉 हास्य कवि गजराज दास महंत को ‘डॉ. शिरोमणि माथुर रजत सम्मान’ से सम्मानित करते हुए अतिथि {बाएँ से} गोविंद पाल, कैलाश बरमेचा जैन, मंजू कैलाश जैन, गजराज दास महंत और रश्मि अग्रवाल
• लोकार्पण, काव्य पाठ में उपस्थित रचनाकार/पत्रकार/समाज के प्रबुद्धजन शामिल हुए-
👉 प्रथम पंक्ति में {बाएँ से} दुलाल समाद्दार, बृजेश मल्लिक, प्रदीप भट्टाचार्य, डॉ. रौनक जमाल और आदित्य सोमवंशी
👉 प्रथम पंक्ति में {बाएँ से} प्रकाशचंद्र मण्डल, दुलाल समाद्दार, आलोक कुमार चंदा, बृजेश मल्लिक, प्रदीप भट्टाचार्य, रामबरन कोरी ‘कशिश’, नूरस्सबा खान ‘सबा’ और मंजू कैलाश जैन
👉 प्रथम पंक्ति में {बाएँ से} दुलाल समाद्दार, बृजेश मल्लिक, प्रदीप भट्टाचार्य, नूरस्सबा खान ‘सबा’ और डॉ. रौनक जमाल
शायर मुमताज, गजराज दास महंत, दुलाल समाद्दार, प्रकाशचंद्र मण्डल, प्रदीप भट्टाचार्य, डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’, नवेद रजा दुर्गवी, मो. इस्माइल आजाद, बृजेश मल्लिक, शीशलता शालू, सोनिया सोनी, नभनीर हंस, उज्जवल प्रसन्नो, ओमवीर करन, नूरस्सबा खान ‘सबा’, रामबरन कोरी ‘कशिश’, रियाज खान गौहर, डॉ. नीलकंठ देवांगन, सुरेश कुमार बंछोर, ओंकार दास, चंद्र कुमार बर्मन, मनोज कुमार शुक्ला, पं. बासुदेव भट्टाचार्य, मोहम्मद हुसैन, हेमंत जगम, जलस ताम्रकर, यशवंत सूर्यवंशी ‘यश’, रविंद्रनाथ देबनाथ, परितोष बनिक, श्रीमती मीता बनिक, सुधाकर सिंह, शिवानी अग्रवाल, अंशु शर्मा, मंजू कैलाश जैन, संजय सोनी, आलोक कुमार चंदा और अनेक ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के समस्त सदस्यगण. मंचासीन डॉ. रौनक जमाल, गोविंद पाल और भूषण चिपड़े ने भी अपनी एक-एक प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ किया.
• कार्यक्रम की कुछ प्रमुख झलकियाँ-
👉 • ‘मुक्तकंठ’ के संपादक प्रदीप भट्टाचार्य द्वारा कैलाश बरमेचा जैन का पुष्प गुच्छ देकर अभिवादन करते हुए…
{बाएँ में हैं आदित्य सोमवंशी}
👉 • कैलाश बरमेचा जैन को प्रकाशचंद्र मण्डल अपनी कृति ‘शब्दों की खोज में’ और दुलाल समाद्दार ‘कमीज़ के अंदर आदमी’ भेंट करते हुए…
👉 • कवि गजराज दास महंत को छत्तीसगढ़ रत्न डॉ. शिरोमणि माथुर रजत सम्मान’ से सम्मानित किया गया…
👉 • आदित्य सोमवंशी को समिति ने सम्मानित किया.
👉 • रश्मि अग्रवाल को समिति ने सम्मानित किया.
👉 • रश्मि अग्रवाल का ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के सदस्यों ने कॉर्पोरेट अभिनंदन से अभिवादन किया…
👉 • कुशल संचालन करते हुए CA भूषण चिपड़े
👉 • कविता पाठ करते हुए बृजेश मल्लिक
👉 • कविता पाठ करते हुए प्रदीप भट्टाचार्य
👉 • काव्य पाठ करते हुए गजराज दास महंत
👉 • हज़ल की प्रस्तुति देते हुए रामबरन कोरी ‘कशिश’
संपूर्ण कार्यक्रम का कुशल संचालन ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के सचिव सीए भूषण चिपड़े और आभार व्यक्त समिति के कोषाध्यक्ष प्रकाशचंद्र मण्डल ने किया.
[ • रिपोर्टिंग लेख प्रदीप भट्टाचार्य और फोटो क्लिक डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’ ]
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