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राष्ट्रीय विद्योत्तमा भास्कर साहित्य सम्मान : छत्तीसगढ़ भिलाई के साहित्यकार व कवि गोविंद पाल को इस वर्ष का ‘विद्योत्तमा फाउंडेशन नासिक’ द्वारा उनकी चर्चित कृति ‘महज़ ये वायरस नहीं’ के लिए ‘राष्ट्रीय विद्योत्तमा भास्कर साहित्य सम्मान’ से सम्मानित किया गया
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [नासिक से प्रेषित न्यूज़ गोविंद पाल द्वारा ]
नासिक 5 जनवरी 2025 : को विद्योत्तमा फाउंडेशन नाशिक महाराष्ट्र द्वारा आयोजित राष्ट्रीय साहित्य सम्मान के अंतर्गत भिलाई छत्तीसगढ़ के जाने माने सुप्रसिद्ध कवि व साहित्यकार एवं मुक्तकंठ साहित्य समिति के अध्यक्ष गोविंद पाल के पुस्तक महज़ ये वायरस नहीं जैसे श्रेष्ठ काव्य संग्रह लेखन के लिए गोविंद पाल को राष्ट्रीय विद्योत्तमा भास्कर साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान जाने माने सुप्रसिद्ध लेखक राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित व साहित्य अकादमी से सम्मानित जिनको हिन्दी, उर्दू, तमिल, कोंकण भाषा के सिद्धहस्त लेखक व अनुवादक रह चुके स्व. अलोक भट्टाचार्य के स्मृति में यह सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान गोविंद पाल को स्वयं स्व. अलोक भट्टाचार्य जी के विधवा पत्नी एवं उनकी बहन ने गोविंद पाल को शाल ओढ़ाकर, मोमेंटो भेंट कर प्रशस्ति पत्र एवं 5001 रुपये सम्मान राशि देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोखले ए सोसाइटी के जोनल सेक्रेटरी डॉ. प्रोफेसर राम कुलकर्णी, कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराष्ट्र हिन्दी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष शीतला प्रसाद दुबे, विशिष्ट अतिथि के रूप में सी एम डी गरगोटी मिनरल संग्रहालय नाशिक के के. सी. पाण्डेय एवं क्षेत्रीय भविष्य निधि के आयुक्त नाशिक के अनिल कुमार प्रीतम उपस्थित रहे।
संचालन डॉ. सी पी मिश्र ने किया.
‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के अध्यक्ष गोविंद पाल को इस सम्मान से सम्मानित किए जाने पर ‘मुक्तकंठ’ के पदाधिकारी व सदस्यों ने बधाई दी है-
मुख्य संरक्षक कैलाश बरमेचा जैन, संरक्षक दुलाल समाद्दार, बृजेश मल्लिक, पल्लव चटर्जी, महासचिव नरेंद्र कुमार सिक्केवाल, सचिव सीए भूषण चिपड़े, उपाध्यक्ष आलोक कुमार चंदा, कोषाध्यक्ष प्रकाशचंद्र मण्डल, डॉ. जयप्रकाश शर्मा, मनोज कुमार शुक्ला, ओमवीर करन, उज्ज्वल प्रसन्नो, नूरस्सबा खान ‘सबा’, डॉ. सुचित्रा शर्मा, शंकर रॉय, श्रीमती सोमाली शर्मा और ‘ मुक्तकंठ’ के संपादक प्रदीप भट्टाचार्य.
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