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‘बंगीय साहित्य संस्था’ : ‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार-विमर्श आड्डा-68’ में शामिल हुए – स्मृति दत्त, दुलाल समाद्दार, प्रकाशचंद्र मण्डल, पल्लव चटर्जी, प्रदीप भट्टाचार्य, वीरेंद्रनाथ सरकार, बृजेश मल्लिक, पं. बासुदेव भट्टाचार्य शास्त्री, आलोक कुमार चंदा और रविंद्रनाथ देबनाथ : पं बासुदेव भट्टाचार्य की कृति ‘संध्या वंदना एवं सरस्वती पूजा’ और प्रकाशचंद्र मण्डल द्वारा नव वर्ष उपहार सदस्यों को भेंट फिर काव्य पाठ
👉 {बाएँ से } पल्लव चटर्जी, बृजेश मल्लिक, आलोक कुमार चंदा, प्रदीप भट्टाचार्य, प्रकाशचंद्र मण्डल, स्मृति दत्त, वीरेंद्रनाथ सरकार, दुलाल समाद्दार, रविंद्रनाथ देबनाथ और पं. बासुदेव भट्टाचार्य शास्त्री
इस सप्ताह ‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार-विमर्श आड्डा-68’ में शामिल हुए-
▪️ आज आड्डा में विशेष रूप से शामिल हुए, हमारे शुभचिंतक सुकुमार गांगुली : सुकुमार जी ने इस तरह बांग्ला भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ‘बंगीय साहित्य संस्था’ की ह्रदय से तारीफ की और सभी सदस्यों को नव वर्ष की शुभकामनाएं एवं बधाई दी. {बाएँ से तीसरे में है सुकुमार गांगुली}
* ‘बंगीय साहित्य संस्था’ की उप सभापति व बांग्ला की वयोवृद्ध लेखिका श्रीमती स्मृति दत्त.
* ‘मध्यबलय’ के संपादक व बांग्ला के विचारवान कवि दुलाल समाद्दार.
* ‘बंगीय साहित्य संस्था’ के उप सचिव व बांग्ला-हिंदी के चर्चित कवि, नाट्यकार प्रकाशचंद्र मण्डल.
* बांग्ला के गंभीर कवि पल्लव चटर्जी.
* ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक व प्रगतिशील कवि प्रदीप भट्टाचार्य.
* बांग्ला-हिंदी के स्थापित कवि वीरेंद्रनाथ सरकार.
* राष्ट्रवादी कवि बृजेश मल्लिक.
* हिंदुत्ववादी कवि पं. बासुदेव भट्टाचार्य शास्त्री.
* समाजसेवी आलोक कुमार चंदा.
* सामाजिक चिंतक रविंद्रनाथ देबनाथ.
▪️ नववर्ष-2025 के प्रथम ‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार-विमर्श आड्डा’ के उपलक्ष्य पर प्रकाशचंद्र मण्डल ने सभी उपस्थित सदस्यों को उपहार भेंट करते हुए नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई दी.
▪️ पं. बासुदेव भट्टाचार्य शास्त्री ने अपनी कृति ‘संध्या वंदना एवं सरस्वती पूजा’ की प्रति प्रदीप भट्टाचार्य को अवलोकन भेंट की.
▪️ काव्य पाठ : उपस्थित बंगीय सदस्यों ने विभिन्न विषयों पर बांग्ला-हिंदी में अपनी-अपनी प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ किया-
▪️ कवि पल्लव चटर्जी कविता पाठ करते हुए…
▪️ आलोक कुमार चंदा कविता पाठ करते हुए…
स्मृति दत्त ने बीते वर्ष-2024 पर ‘मन की भावना’ और ‘पुतुल- पुतुल’
वीरेंद्रनाथ सरकार ने नव वर्ष पर एक कविता और कुछ मुक्तक- खुशी और गम/असली चेहरा/इंसान/आईना और जिंदगी
प्रकाशचंद्र मण्डल ‘आज कबि ना नाट्यकार’/’एक दिन कविता को मनुष्य के पास आना होगा’
प्रदीप भट्टाचार्य ने 2 मुक्तक ‘तृप्ति जीवन का सुनो’ और ‘
दृष्टि में सृष्टि रहे’
बृजेश मल्लिक ‘मध्यबलय-58’ में प्रकाशित दुलाल समाद्दार की एक कविता ‘तोमार प्रतिदिन जन्मदिन’
पल्लव चटर्जी ने 2 गंभीर कविता, विशेष ‘बांग्ला देश’
पं. बासुदेव भट्टाचार्य शास्त्री नारी के लिए चर्चा/शहर में गए क्या लाभ मिला
दुलाल समाद्दार एक मन के मंदिर में
आलोक कुमार चंदा ने दिनेश चौहान की 2 कविता का पाठ किया. साहित्य संचय और मेरे अल्फ़ाज़.
▪️ ‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार-विमर्श आड्डा-68’ की अध्यक्षता स्मृति दत्त, संचालन प्रकाशचंद्र मण्डल और आभार व्यक्त दुलाल समाद्दार ने किया.
[ • रपट, प्रदीप भट्टाचार्य और फोटो क्लिक पल्लव चटर्जी ]
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