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- आज भिलाई निवास के इंडियन कॉफी हाउस में हिंदी की सुप्रसिद्ध कथाकारा डॉ. नलिनी श्रीवास्तव के निबंध संग्रह ‘सांस्कृतिक संचेतना’ का विमोचन और कृति पर विमर्श समारोह : यह आयोजन ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ और ‘वैभव प्रकाशन’ के तत्वावधान में होगा
आज भिलाई निवास के इंडियन कॉफी हाउस में हिंदी की सुप्रसिद्ध कथाकारा डॉ. नलिनी श्रीवास्तव के निबंध संग्रह ‘सांस्कृतिक संचेतना’ का विमोचन और कृति पर विमर्श समारोह : यह आयोजन ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ और ‘वैभव प्रकाशन’ के तत्वावधान में होगा
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [भिलाई]
छत्तीसगढ़-मित्र और वैभव प्रकाशन की ओर से हिंदी की सुप्रसिद्ध कथाकार एवं लेखिका डॉ. नलिनी श्रीवास्तव के निबंध-संग्रह सांस्कृतिक संचेतना का विमोचन और विमोचित कृति पर विमर्श समारोह आयोजित है। 18 जनवरी शनिवार को दोपहर 2.00 बजे से इंडियन कॉफी हाउस हॉल, भिलाई निवास, सिविक सेंटर में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि रवि श्रीवास्तव वरिष्ठ साहित्यकार होंगे। अध्यक्षता गुलबीर सिंह भाटिया वरिष्ठ साहित्यकार करेंगे। विशिष्ट वक्ता डॉ. परदेशीराम वर्मा वरिष्ठ साहित्यकार और डॉ, महेशचंद्र शर्मा वरिष्ठ लेखक होंगे। संचालन डॉ. सुधीर शर्मा आभार प्रदर्शन प्रदीप भट्टाचार्य करेंगे।
उल्लेखनीय है कि सांस्कृतिक संचेतना नामक इस निबंध संग्रह में छत्तीसगढ़ की संस्कृति, तीज तिहार, छत्तीसगढ़ की विभूतियों आदि पर निबंध संकलित हैं।
डॉ. नलिनी श्रीवास्तव ख्यातिलब्ध रचनाकार पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की पौत्री हैं.
डॉ. नलिनी श्रीवास्तव ने बख्शी समग्र सहित दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखी हैं और प्रकाशित हो चुकी हैं. उनकी वाणी प्रकाशन नई दिल्ली से 2002 में संस्मर णात्मक निबंध संग्रह ‘बख्शी जी- मेरे दादा जी’ और 2007 में छत्तीसगढ़ का प्रथम ग्रंथावली, बख्शी ग्रंथावली का संपादन किया है.
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ मासिक पत्रिका में डॉ. नलिनी श्रीवास्तव की कहानी नवम्बर-2017 से प्रतिमाह ‘नई सदी’ स्तम्भ में मौलिक कहानियाँ प्रकाशित हो रही है.
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