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  • छत्तीसगढ़ के तीन चर्चित बांग्ला कवि दुलाल समाद्दार, प्रकाशचंद्र मण्डल और पल्लव चटर्जी के कृति ‘निर्वाचित कविता’, ‘कखोन जे कोन कथा कविता होए जॉय’ एवं ‘अक्षर आलापन’ का विमोचन कोलकाता में आयोजित ‘बांग्ला विश्व पुस्तक मेला’ में हुआ

छत्तीसगढ़ के तीन चर्चित बांग्ला कवि दुलाल समाद्दार, प्रकाशचंद्र मण्डल और पल्लव चटर्जी के कृति ‘निर्वाचित कविता’, ‘कखोन जे कोन कथा कविता होए जॉय’ एवं ‘अक्षर आलापन’ का विमोचन कोलकाता में आयोजित ‘बांग्ला विश्व पुस्तक मेला’ में हुआ

2 months ago
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‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [साहित्यिक न्यूज़]

विगत दिनों बांग्ला में प्रकाशित विश्व पुस्तक मेला कोलकाता के सॉल्टलेक पश्चिम बंगाल में सम्पन्न हुआ. इस अवसर पर इस्पात नगरी भिलाई में निवासरत बांग्ला के सुप्रसिद्ध कवि एवं बांग्ला साहित्यिक पत्रिका ‘मध्यबलय’ के संपादक दुलाल समाद्दार के कविता संग्रह ‘निर्वाचित कविता’, बांग्ला के प्रवीण कवि व नाट्यकार प्रकाशचंद्र मण्डल के कृति ‘कखोन जे कोन कथा कविता होए जॉय’ और ‘अक्षर आलापन’ कृति के रचनाकार पल्लव चटर्जी के संग्रहों का विमोचन हुआ.

आंतरजातिक पुस्तक मेला में देश-विदेश में रह रहे हजारों लेखकों एवं कवियों के पुस्तकों का विशाल संग्रह अलग-अलग स्टॉलों में सुसज्जित थे. 15 दिनों तक चले इस पुस्तक मेला में अनेकों कवियों के कृतियों का विमोचन भी हुआ. हर्ष का विषय यह रहा कि प्रवासी बांग्ला भाषी कवि दुलाल समाद्दार, प्रकाशचंद्र मण्डल और पल्लव चटर्जी जो की विगत छ:दशकों से छत्तीसगढ़ भिलाई में निवासरत हैं, उनकी भी कृतियों का विमोचन विशिष्ट साहित्यकारों के करकमलों द्वारा किया गया.

इस अवसर पर प्रख्यात साहित्यकार डॉ. तपोधीर भट्टाचार्य, तन्मय वीर, कथाकार सुकुमार रूज, ‘दुर्वासा’ पत्रिका के संपादक विश्वजीत बागची, कथाकारा श्रीमती बिथी ब्राह्म, डॉ. सेन गुप्ता, प्रदीप बसु, ‘बिहार बंगाली समिति’ के अध्यक्ष विद्युत पाल, डॉ. दीपक कुमार सेन, डॉ. नजरुल इस्लाम, बादल सरकार, माणिक माँझी, विभास दास, प्रणवेश दास, विमल मैती और भिलाई के लब्धप्रतिष्ठित बांग्ला कवि समरेंद्र विश्वास उपस्थित थे.

👉 • कवि दुलाल समाद्दार के कृति ‘निर्वाचित कविता’ का विमोचन करते हुए अतिथि

👉 • कवि प्रकाशचंद्र मण्डल के कृति ‘कखोन जे कोन कथा कविता होए जॉय’ का विमोचन करते हुए अतिथि

👉 • कवि पल्लव चटर्जी के कृति ‘अक्षर आलापन’ का विमोचन करते हुए अतिथि

दुलाल समाद्दार, प्रकाशचंद्र मण्डल और पल्लव चटर्जी के इस उपलब्धि पर छत्तीसगढ़ भिलाई के अनेकों रचनाधर्मी रचनाकारों ने बधाई दी है.

छत्तीसगढ़ राज्य के भिलाई में विगत 60 वर्षों से संचालित बांग्ला साहित्यिक संस्था ‘बंगीय साहित्य संस्था’ ने भी विशेष शुभकामना एवं बधाई दी है.

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