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- ‘बंगीय साहित्य संस्था’ की 346 वीं साहित्य सभा बांग्ला की सुप्रसिद्ध कवयित्री सोमाली शर्मा के निवास में सम्पन्न : उपस्थित हुए – स्मृति दत्त,सोमाली शर्मा, दुलाल समाद्दार, प्रकाशचंद्र मण्डल,पल्लव चटर्जी,मीता दास, बृजेश मल्लिक, वीरेंद्रनाथ सरकार,गोविंद पाल, माया बनर्जी, पं. बासुदेव भट्टाचार्य शास्त्री, सुजाता सेन, सुबीर रॉय, रविंद्रनाथ देबनाथ, गोपाल शर्मा : बांग्ला साहित्य पर चर्चा और काव्य पाठ







‘बंगीय साहित्य संस्था’ की 346 वीं साहित्य सभा बांग्ला की सुप्रसिद्ध कवयित्री सोमाली शर्मा के निवास में सम्पन्न : उपस्थित हुए – स्मृति दत्त,सोमाली शर्मा, दुलाल समाद्दार, प्रकाशचंद्र मण्डल,पल्लव चटर्जी,मीता दास, बृजेश मल्लिक, वीरेंद्रनाथ सरकार,गोविंद पाल, माया बनर्जी, पं. बासुदेव भट्टाचार्य शास्त्री, सुजाता सेन, सुबीर रॉय, रविंद्रनाथ देबनाथ, गोपाल शर्मा : बांग्ला साहित्य पर चर्चा और काव्य पाठ
{बाएँ से} मीता दास, माया बनर्जी, सुजाता सेन, सोमाली शर्मा, स्मृति दत्त, रविंद्रनाथ देबनाथ, गोपाल शर्मा, दुलाल समाद्दार, बृजेश मल्लिक, वीरेंद्रनाथ सरकार और सुबीर रॉय
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [17 फरवरी, 2025 : 346 वीं साहित्य सभा की रपट प्रदीप भट्टाचार्य, प्रस्तुति प्रकाश चंद्र मण्डल]
विगत 60 वर्षों से इस्पात नगरी भिलाई में अप्रवासी बंग साहित्यिक बंधुओं द्वारा गठित ‘बंगीय साहित्य संस्था’ प्रारंभिक समय से बांग्ला कला, साहित्य,संस्कृति और सांस्कृतिक के लिए अनवरत कार्य कर रही है. ‘बंगीय साहित्य संस्था’ के तत्वावधान में प्रति सप्ताह ‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार- विमर्श आड्डा, ‘मासिक साहित्य सभा’ और ‘वार्षिक साहित्यिक समागम’ का आयोजन किया जा रहा है. ‘बंगीय साहित्य संस्था’ की अध्यक्षा हैं, देश की सुप्रसिद्ध बांग्ला कवयित्री श्रीमती बानी चक्रवर्ती, शुभेंदु बागची सचिव एवं उप सचिव हैं प्रकाशचंद्र मण्डल.संस्था द्वारा एक साहित्यिक पत्रिका ‘मध्यबलय’ का विगत कई वर्षों से निरंतर प्रकाशित किया जा रहा है. ‘मध्यबलय’ को बांग्लादेश और भारत के महत्वपूर्ण साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पत्रिका के उत्कृष्ट प्रकाशन के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है. ‘मध्यबलय’ के संपादक हैं,बांग्ला के चर्चित कवि दुलाल समाद्दार और प्रकाशक हैं, मिहिर समाद्दार.
इस माह 17 फरवरी,2025 को 346 वीं साहित्य सभा का आयोजन श्रीमती सोमाली शर्मा के निवास में सम्पन्न हुआ. सभा की अध्यक्षता ‘बंगीय साहित्य संस्था’ की उप सभापति एवं बांग्ला की लब्धप्रतिष्ठित वयोवृद्ध लेखिका श्रीमती स्मृति दत्त ने किया. सभा का प्रारंभ माँ सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया.
कविता पाठ एवं गीत संगीत : पं. बासुदेव भट्टाचार्य शास्त्री ने ‘डाल चालेर युगलबंदी’/बृजेश मल्लिक ने ‘कुकुर बिडाल छाना’/श्रीमती सुजाता सेन ने ‘हाथ खानी धोरे राखो मोर…{नज़रूल गीत}/वीरेंद्रनाथ सरकार ने ‘एकटी चिठिर अपेकक्षाय…’/दुलाल समाद्दार ने ‘बोन धुर बाड़ी’ और दूसरी कविता ‘संलाप’/श्रीमती माया बनर्जी ने ‘कि नामे डेके बोलबो तोमाके… {रविंद्र संगीत} आमार प्राण जाहा चायय… /मीता दास ने ‘आमादेर खोमा कोरे दियो…/गोविंद पाल ने ‘निपुण खेला’ और ‘लोभेर जीभ’/श्रीमती सुजाता सेन ने सुनील गंगोपाध्याय लिखीत कविता ‘केउ कोथा राखे नी…/प्रकाशचंद्र मण्डल ने ‘मेरु दंड समा जे आमी बांचते चाई ना’ और ‘प्रेमिक कबि’/स्मृति दत्त ने स्व. प्रतुल मुखोपाध्याय को विनम्र श्रद्धांजलि निवेदन और दूसरी कविता ‘डाकतारी’/सोमाली शर्मा ने ‘निलय निरब हृदय’ और ‘प्रेमेर नैबिद्द डाली’/गोपाल शर्मा ने रविंद्रनाथ ठाकुर रचित रचना ‘पुरातन भृत्य…और अंत में प्रकाशचंद्र मण्डल ने बाउल गीत ‘मानुष होईया जन्मो लोभिलाम… का पाठ किया.
साहित्य सभा के कुछ सचित्र झलकियाँ-
आज के साहित्य सभा की मेजबानी श्यामल शर्मा और गोपाल शर्मा, संचालन प्रकाशचंद्र मण्डल एवं आभार व्यक्त व सभापतित्व उद्बोधन स्मृति दत्त ने किया.
[ • रिपोर्ट, प्रदीप भट्टाचार्य ]
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