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शपथ ग्रहण समारोह में बड़ी भूल, नवनिर्वाचित महापौर को लेनी पड़ी दोबारा शपथ, विपक्ष ने कसा तंज

3 months ago
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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर नगर वासियों के लिए शुक्रवार का दिन सियासी रूप से खास रहा, निकाय चुनाव परिणाम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद निगम के शपथ ग्रहण समारोह  कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान नव निर्वाचित महापौर पूजा विधानी से ऐसी गलती हो गई, जिसके कारण उन्हें दोबारा शपथ लेना पड़ा. इस शपथ ग्रहण समारोह में बड़ी गलती के बाद नवनिर्वाचित महापौर पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं. वहीं, जिले के सियासी गलियारों में ये चर्चा जोर पकड़ रही है. खास बात ये कि इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री समेत डिप्टी सीएम भी मंच पर मौजूद थे.

कार्यक्रम में मौजूद लोगों की आंखें चौड़ी हो गईं

पूजा विधानी ने मंच में जैसे ही शपथ लिया, पब्लिक की शोर ने उनका ध्यान आकर्षण किया. महापौर ने अपने शपथ में “सांप्रदायिकता बनाए रखने” की प्रतिबद्धता जता दी !  गलती का एहसास होते ही कार्यक्रम में मौजूद लोगों की आंखें चौड़ी हो गईं, और अधिकारी ने एक-दूसरे की तरफ ऐसे देखने लगे, जिसके बाद फौरन ही महापौर को एहसास हुआ कि उनसे गलती हो गई है. बिना देर किए फिर से शपथ ली और इस बार “सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने” की बात कही, जिससे  लोगों ने चैन की सांस ली.

इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा- प्रियंका शुक्ला

आम आदमी पार्टी के नेत्री प्रियंका शुक्ला ने एल पद्मजा विधानी और पूजा विधानी के शपथ ग्रहण को लेकर तंज कसते हुए कहा कि नवनिर्वाचित महापौर संविधान को साक्षी मानकर सम्प्रदायिकता बढ़ाने की शपथ लें रही हैं, इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा! हालांकि ये उनकी गलती थी जिसे सुधारा गया और दोबारा शपथ लेना पड़ा.  लेकिन इतने बड़े पद तक पहुंचने के लिए इन बातों की समझ होने चाहिए.

‘महापौर जी को तो सांप्रदायिकता का मतलब भी नहीं पता’

वहीं, कांग्रेस नेता प्रमोद नायक ने  शपथ ग्रहण समारोह में हुए चूक पर चुटकी लेते हुए कहा कि बीजेपी ने जिस प्रत्याशी को महापौर के लिए मैदान में उतारा था, अब जीत के बाद वो नाम भी बदल दिए गए एल पद्मजा विधानी के जगह पर पूजा विधानी शपथ लें रही हैं. बीजेपी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किस नाम से उन्हें टिकट दिया गया था. महापौर जी को तो सांप्रदायिकता का मतलब भी नहीं पता…

केंद्रीय राज्य मंत्री और डिप्टी सीएम रहे मौजूद 

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय तो नहीं आए, लेकिन केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, डिप्टी सीएम अरुण साव, विधायक अमर अग्रवाल समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे, जो इस ऐतिहासिक घटना के गवाह बने. सोशल मीडिया पर यह चर्चा गर्म हो गई है. बहरहाल, समारोह संपन्न हुआ, पार्षदों ने भी शपथ ली, और जनता ने राहत की सांस ली कि नगर निगम का संचालन अब ‘सही शब्दों’ के साथ शुरू होगा.

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