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लघुभारत के 14 भाषाओं के कवियों का बहुभाषीय काव्य पाठ : ‘छत्तीसगढ़ प्रगतिशील लेखक संघ’ भिलाई-दुर्ग के तत्वावधान में ‘अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ’ के 90वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में ‘बहुभाषीय काव्य पाठ का सफल आयोजन किया गया
मंचासीन अतिथि- राजम के. सुधाकरण, एस. साजन सुधाकरण, लोकबाबू, डॉ. जीवन यदु, रवि श्रीवास्तव, परमेश्वर वैष्णव
आमंत्रित कवि-
हिंदी भाषा से रवि श्रीवास्तव, संकल्प यदु, मलयालम से के.ए. नारायण, के. सुधाकरण, तेलगु से रुद्र मूर्ति, व्ही. अप्पाराव, तमिल से वेंकट सुब्रमण्यम, मराठी से शरद कोकास, पंजाबी से गुलबीर सिंह भाटिया, संतोष झांझी, उड़िया से स्नेहलता पाणिग्रही, सुजाता पटनायक, गुजराती से पल्लवी त्रिवेदी, सिंधी से रवि आनन्दानी, बंगाली से बानी चक्रवर्ती, समरेंद्र विश्वास, मधु भट्टाचार्य, उर्दू से शायर मुमताज, डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’, अब्दुल सलाम कौसर, लतीफ खान, छत्तीसगढ़ से डॉ. जीवन यदु, बलराम चंद्राकर और भोजपुरी से शमशीर शिवानी.
बहुभाषीय काव्य पाठ का यह आयोजन अपने उद्देश्य में राष्ट्रीय स्तर का आयोजन है, कवियों ने दिया भाषीय एकता का संदेश- डॉ. जीवन यदु
हमारा देश संस्कृतियों का समुद्र है, यहाँ नाना प्रकार की विविधताओं के बीच एकता का सूत्र इसे सदियों से बांधे रखा है- लोकबाबू
यह आयोजन राष्ट्रीय ‘प्रलेसं’ के 90 वर्ष होने के उपलक्ष्य में मना रहे हैं, हम स्थापना के आगामी शताब्दी वर्ष भी मनाएंगे- रवि श्रीवास्तव
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [ रिपोर्ट, डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’]
भिलाई : विगत दिवस सुप्रसिद्ध शिक्षा संस्थान मैत्री विद्या निकेतन रिसाली भिलाई में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कथाकार लोकबाबू ने की । मुख्य अतिथि डॉ. जीवन यदु वरिष्ठ जन कवि थे । विशिष्ठ अतिथि रवि श्रीवास्तव वरिष्ठ व्यंग्यकार व राजम के,. सुधाकरण वरिष्ठ साहित्यकार तथा एस.साजन सुधाकरण प्रमुख मैत्री विद्या निकेतन थे । इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए लोकबाबू ने कहा कि हमारा देश संस्कृतियों का समुन्द्र है ,यहां नाना प्रकार की विविधताओं के बीच एकता का सूत्र इसे सदियों से बांधे रखा लेकिन आज इस एकता पर साम्प्रदायिक ताकतें हावी होती जा रही हैं प्रगतिशील लेखक संघ भाषा और लेखन से जुड़ा संगठन है अपनी स्थापना के 90 वर्ष के उपलक्ष्य में स्थानीय इकाई भिलाई-दुर्ग ने
बहु भाषीय काव्य पाठ आयोजित कर आपसी रिश्तों को जोड़ने का कार्य किया है ।
मुख्य अतिथि डॉ. जीवन यदु ने कहा बहुभाषीय काव्य पाठ का यह आयोजन अपने उद्देश्य में राष्ट्रीय स्तर का आयोजन है न केवल लेखन अपितु भाषायी एकता स्थापित करने में प्रगतिशील लेखक संगठन सदैव अग्रणी रहा है ।
विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ सहित्यकार रवि श्रीवास्तव ने कहा आज का आयोजन राष्ट्रीय प्रलेसं के 90 वर्ष होने के उपलक्ष्य में मना रहे हैं हम इतना हौसला रखते हैं कि स्थापना के आगामी शताब्दी वर्ष भी मनाएंगे ।
विशिष्ठ अतिथि राजम के. सुधाकरण ने कहा सभी भाषाओं के साहित्यकारों को जोड़ने के लिए बहुभाषीय काव्य पाठ का यह आयोजन हमारे मैत्री विद्या निकेतन में सम्पन्न हुआ हमारे लिए यह गर्व की बात है हम आगे भी प्रलेसं को सहयोग करते रहेंगे
इस अवसर पर मैत्री विद्या निकेतन प्रमुख एस.साजन सुधाकरन ने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण आयोजन होते रहना चाहिए, राष्ट्रीय एकता के लिए हम सबका जुड़ाव जरूरी है ।
इस प्रतिष्ठित आयोजन का संचालन करते हुए छत्तीसगढ़ प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव परमेश्वर वैष्णव ने कहा कि हमारा प्रगतिशील लेखक संघ सभी भारतीय भाषाओं का वैचारिक संगठन है । भाषाएं उत्तर से दक्षिण पूरब से पश्चिम दिशाओं से देश को जोड़ती हैं भाषायी एकता और सृजन मूल्यों के परिमार्जन लिए बहुभाषीय काव्य पाठ का यह आयोजन महती आयोजन है ।बची रहे मनुष्यता हमारे बहुभाषीय काव्य की यही है विशेषता
आभार व्यक्त करते हुए प्रलेसं भिलाई दुर्ग सचिव विमल शंकर झा ने कहा देश में जो भाषा विवाद चल रहा है इस परिप्रेक्ष में यह बहुभाषीय काव्य पाठ का आयोजन भाषायी एकता के लिए अनुकरणीय संदेश है ।
इस आयोजन में हिंदी भाषा से रवि श्रीवास्तव,संकल्प यदु,मलयालम से के. ए. नारायणन,के.सुधाकरण ,तेलगु से रुद्रमूर्ति, व्ही. अप्पा राव,तमिल से वेंकट सुब्रमण्यम,मराठी से शरद कोकास,पंजाबी से गुलवीर सिंह भाटिया,सन्तोष झांझी,उड़िया से स्नेहलता पाणिग्रही, सुजाता पटनायक,गुजराती से पल्लवी त्रिवेदी,सिंधी से रवि आनन्दानी,बंगाली से समरेंद्र विश्वास ,वाणी चक्रवर्ती,मधु भट्टाचार्य,उर्दू से मुमताज, डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी सब्र, अब्दुल सलाम कौसर,लतीफ खान , छत्तीसगढ़ी से डॉ. जीवन यदु ,बलराम चंद्राकर, भोजपुरी से शमशीर शिवानी ने अपनी अपनी मूल भाषाओं में कविता का पाठ किया । हिंदी अनुवाद का पाठ राजम के. सुधाकरण, एस.साजन सुधाकरण, विमल शंकर झा ,परमेश्वर वैष्णव,मणिमय मुखर्जी, राजेश श्रीवास्तव, विजय वर्तमान,विनोद सोनी,वीरेंद्र पटनायक,प्रकाश मंडल,आश्वला यदु ने किया ।
इस प्रतिष्ठित आयोजन में राजेन्द्र चांडक, डी. के. मारू ,छगन लाल सोनी ,ऋषि गजपाल,सुशील यादव,प्रदीप भट्टाचार्य ,अशोक पंडा,सतीश कुमार चौहान,कल्याण सिंह साहू ,सुरेंद्र बंछोर,सुरेंद्र पटनायक,यज्ञ सेनी पटनायक ,राजू कुमार शाह,डॉ. पी.पाणिग्रही,प्राप्ति पाणिग्रही,शानू मोहनन,नीलम जायसवाल, यशोदा जायसवाल,रश्मि पुरोहित,अमितेश पुरोहित,एस. दलवी,सुलेखा दलवी,त्रयम्बक राव साटकर,कली राम यादव,वही.एन.प्रसाद राव ने विभिन्न भारतीय भाषाओं के कवियों का पुष्पगुच्छ से सम्मान किया ।
इस आयोजन में साहित्यकार व सुधिजन भारी तादात में सम्मिलित हुए।
आयोजन की कुछ प्रमुख सचित्र झलकियाँ-
• संचालन ‘छत्तीसगढ़ प्रगतिशील लेखक संघ’ के राज्य महासचिव परमेश्वर वैष्णव ने किया.
• सभागार में उपस्थित साहित्यकार
• सभागार में उपस्थित प्रतिभागी रचनाकार
• पंजाबी कवि गुलबीर सिंह भाटिया
• तमिल कवि वेंकट सुब्रमण्यम
• उड़िया कवयित्री सुजाता पटनायक
• पंजाबी कवयित्री संतोष झांझी
• तेलगु कवि रुद्रमूर्ति और हिंदी अनुवाद का पाठ किया प्रकाशचंद्र मण्डल
• तेलगु कवि व्ही अप्पाराव
• मराठी कवि शरद कोकास
• तेलगु कवि व्ही. अप्पाराव का स्वागत करते हुए ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक प्रदीप भट्टाचार्य
• तमिल कवि वेंकट सुब्रमण्यम का अभिवादन करते हुए व्हीएन प्रसाद राव
• कवि संकल्प यदु का अभिनंदन किया , ‘प्रलेसं’ भिलाई-दुर्ग के सचिव विमल शंकर झा ‘ विमल’
• सुजाता के. सुधाकरण का अभिवादन करती हुई संतोष झांझी
• राजन के. सुधाकरण का स्वागत करते हुए डी के साहू
• रवि श्रीवास्तव का स्वागत करते हुए प्रो. डी एन शर्मा
कार्यक्रम का संचालन परमेश्वर वैष्णव और आभार व्यक्त विमल शंकर झा ‘विमल’ ने किया.
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