• Chhattisgarh
  • लोक कला एवं साहित्य संस्था ‘सिरजन’ के तत्वावधान में ‘सुरता पारकर’ का आयोजन : इस वर्ष का रामप्यारा स्मृति सम्मान श्रीमती डगेश्वरी पारकर को दिया गया और श्रीमती निर्मला सिन्हा की काव्य कृति ‘निर्मला की कलम से’ एवं शिवपाल ताम्रकर की कृति आत्मकथा ‘सूना घर संसार’ का विमोचन

लोक कला एवं साहित्य संस्था ‘सिरजन’ के तत्वावधान में ‘सुरता पारकर’ का आयोजन : इस वर्ष का रामप्यारा स्मृति सम्मान श्रीमती डगेश्वरी पारकर को दिया गया और श्रीमती निर्मला सिन्हा की काव्य कृति ‘निर्मला की कलम से’ एवं शिवपाल ताम्रकर की कृति आत्मकथा ‘सूना घर संसार’ का विमोचन

3 weeks ago
131

‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [निर्मल ज्ञान मन्दिर कबीर आश्रम भिलाई से डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’ की रिपोर्ट]

भिलाई [19 अप्रैल, 2025] : ‘सिरजन’ के तत्वावधान में आयोजित ‘सुरता पारकर’, कृति विमोचन और सम्मान समारोह के अतिथि दुर्ग लोकसभा के सांसद विजय बघेल, कथाकार डॉ. परदेशीराम वर्मा, ‘कला परंपरा’ के संपादक डॉ. डीपी देशमुख, समग्र शिक्षा राज्य परियोजना रायपुर के सहायक संचालक डॉ. मुक्ति बैस, निर्मल ज्ञान मन्दिर कबीर आश्रम के ट्रस्टी अध्यक्ष आत्माराम साहू और ‘सिरजन’ के प्रांताध्यक्ष डॉ. दीनदयाल साहू की उपस्थिति में वरिष्ठ साहित्यकार व समाजसेवी रहे ‘रामप्यारा पारकर’ की स्मृति में आयोजन का 9वां वर्ष मनाया गया.

रामप्यारा पारकर महिला उत्थान के लिए सतत् प्रयासरत रहे, इसलिए उनकी कल्पना के अनुरूप ‘रामप्यारा स्मृति सम्मान’ प्रतिवर्ष समाजसेवी और साहित्य कला से जुड़ी किसी एक महिला प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाता है. इस वर्ष यह सम्मान श्रीमती डगेश्वरी पारकर को प्रदान किया गया. डगेश्वरी पारकर निरंतर साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं.

कार्यक्रम में श्रीमती निर्मला सिन्हा की कृति ‘निर्मला की कलम से’ और शिवपाल ताम्रकर की कृति ‘सूना घर संसार’ का विमोचन भी किया गया.

‘सुरता पारकर’ आयोजन में विजय बघेल ने रामप्यारा पारकर के द्वारा किए गए समाज सेवा के योगदान को विस्तार से जन समक्ष रखा। इसके साथ ही शासकीय हाई स्कूल बेलौदी का नामकरण रामप्यारा पारकर के नाम पर रखने संबंधित प्रक्रिया को जल्द पूर्ण का आश्वासन दिए। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ परदेशी राम वर्मा ने विमोचित कृतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कला परम्परा के संपादक डॉ डी पी देशमुख ने रामप्यारा पारकर किस कारण उन्हें आज स्मरण कर रहे हैं इस पर अपनी बात रखी। समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय की सहायक संचालक डॉ मुक्ति बैस ने अपने पुरखों की स्मृति को बनाए रखना क्यों आवश्यक है इस पर विस्तार से अपनी बात रखी।

कार्यक्रम का संचालन जागृति सारवा और डॉ. राघवेंद्र राज एवं आभार व्यक्त बीपी पारकर ने किया.

इस अवसर पर शहर के गणमान्य नागरिक, साहित्यकार,समाजसेवी, पत्रकार एवं ‘सिरजन’ के सदस्य व पदाधिकारी, कबीर आश्रम के सदस्यों के अलावा विभिन्न साहित्यिक संगठनों के सदस्य उपस्थित थे.

• रिपोर्ट, डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’
• ब्यूरो प्रमुख, ‘छत्तीसगढ़ आसपास’

▪️▪️▪️

विज्ञापन (Advertisement)

ब्रेकिंग न्यूज़

कविता

कहानी

लेख

राजनीति न्यूज़