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चोलामंडलम कंपनी का मामला
फाइनेंसर पीड़ित संघ के प्रमुख लोगों ने की पुलिस मुख्यालय में मुलाकात
फाइनेंस वाहन जब्तियों के मामलों में पुलिस कर्मियों के कंपनियों से सहयोग पर सख्त कार्यवाही होने की संभावना – सतीश कुमार त्रिपाठी
छत्तीसगढ़ । जिला-दुर्ग । अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता सतीश त्रिपाठी ने कुछ फाइनेंस कंपनियों के पीड़ित पक्षकारों सहित आज पुलिस मुख्यालय रायपुर में डीजीपी अवस्थी से मुलाकात का समय लिया था।साथ ही अन्य कई वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारियों से भी बैठक निश्चित हुई थी। विधानसभा सत्र के कारण डीजीपी अवस्थी से मुलाकात आगे बढ़ गई जबकि अन्य कई पुलिस प्रमुखों से फाइनेंसर पीड़ित संघ के लोगों ने मुलाकात की। पुलिस मुख्यालय में विशेष डायरेक्टर जनरल आर के बीच और अन्य अधिकारियों से मुलाकात और बात हुई। सतीश त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने पुलिस मुख्यालय में इस बात की पूर्व में भी सूचना दी थी कि पूरे प्रदेश में एनबीएफसी के माध्यम से चोलामंडलम जैसी कंपनियां भयंकर आर्थिक शोषण और अत्याचार कर रही हैं। बीते कुछ वर्षों का अगर रिकॉर्ड निकाला जाए तो 1000 करोड़ रुपए से ऊपर का फ्रॉड इस कंपनी के द्वारा छत्तीसगढ़ में ही गाड़ियों के फाइनेंस के नाम पर किया गया है। इन मामलों में वाहन की जब्ती के संबंध में फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारी संबंधित थानों के पुलिस कर्मचारियों के सहयोग से गाड़ियों की जब्ती करवा रहे हैं। फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारी फर्जी और झूठे कोर्ट के आदेश दिखाकर पुलिस विभाग को गुमराह कर रहे हैं। सामान्य पुलिसकर्मी इन बातों को नहीं समझ रहा है और डीजीपी अवस्थी के जून माह 2020 के आदेश की अवहेलना की जा रही है। स्वयं डीजीपी महोदय ने समस्त पुलिस अधिकारियों और थानों के प्रमुख लोगों को इस बात के स्पष्ट आदेश दिए थे कि कोई भी कर्मचारी वाहन जप्त करने के मामलों में कंपनियों का सहयोगी नहीं दिखना चाहिए। ऐसी स्थिति पर संबंधित थानेदार और उनके कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाएगी। लेकिन दुर्ग जिले में इस मामले में अपराधिक गतिविधियां लगातार कायम है। हाल ही में 17 फरवरी को सेक्टर 5 निवासी आर पी पाठक का वाहन जामुल थाने के 2 पुलिस कर्मचारियों की मौजूदगी में चोलामंडलम कंपनी के अधिकारियों द्वारा चोरी से उठवा लिया गया। इस बात की शिकायत कोतवाली थाना में पीड़ित ने की है कि उसके वाहन के कलपुर्जे भी एक दिन पहले चोरी से निकाल लिए गए थे। पुलिस मुख्यालय मैं अधिकारियों ने इस बात को गंभीरता से लिया है। इस संबंध में एक सप्ताह बाद पुनः डीजीपी से मुलाकात करने की बात कही गई है। विशेष डायरेक्टर जनरल श्री आर के विज ने पूरे मामले में खेद व्यक्त करते हुए कहा कि अपराधिक मामलों में तत्काल एफ आई आर दर्ज करवाना पीड़ितों का अधिकार है। यदि थानेदार इस मामले में कोताही बरतेंगे तो यह मामला गंभीर हो जाता है। किसी भी स्थिति में प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों के साथ मिलकर वाहन खिंचवाने के काम में पुलिस की संलिप्तता गलत है। श्री विज ने इस संबंध में आगे की कार्यवाही हेतु त्रिपाठी से शिकायत प्रस्तुत करने कहा है।
वही छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ समाजसेवी और नेता वीरेंद्र पांडे ने इस संबंध मैं रायपुर में आंदोलन किए जाने की बात कही है। मार्च महीने में एक बड़ा आंदोलन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होगा। इस संबंध में कंपनियों के अपराधिक आचरण और पुलिस कर्मचारियों की मिलीभगत पर उन्होंने खेद व्यक्त किया है। आज पुलिस मुख्यालय में अधिवक्ता सतीश कुमार त्रिपाठी के साथ दीपक चनपुरिया, आर पी पाठक, थनेंद्र साहू, जामुल से रामचरण साहू आदि लोगों ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की।
[ ●न्यूज़ डेस्क,’छत्तीसगढ़ आसपास’. ●प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह,रायपुर,छत्तीसगढ़. ]
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