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छत्तीसगढ़ में जमीनों के रेट में आने वाला है उछाल, जाने कितने प्रतिशत तक बढ़ेगी
कोरोना काल में मंदी के चलते जमीनों की कीमतें कम होने के बाद अब नए वित्तीय वर्ष में फिर जमीन महंगी होने के संकेत मिल रहे हैं। मूल्यांकन समिति ने रायपुर समेत सभी जिलों में जमीनों के लिए सरकारी भाव की रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें नई कॉलोनियों के सर्वे के बाद सबसे ज्यादा कीमतें बढ़ाने की तैयारी है। अनुमान के अनुसार, रायपुर में जमीनों की दर सबसे महंगी होने वाली हैं। लॉकडाउन के असर के बीच शहरी इलाकों में जमीन के सरकारी बाजार मूल्य में 15 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की संभावना है।
नये जगहों में जमीन के दाम पहले से 25 से 30 फीसदी तक बढ़ाने के लिए प्रस्ताव आईजी पंजीयन कार्यालय को भेज दिया गया है। इस प्रस्ताव पर शासन द्वारा मुहर लगाना बाकी है।
जिला मूल्यांकन समिति की रिपोर्ट के बारे में करीबी सूत्र का यह भी कहना है, राज्य शासन के आदेश के बाद सबसे ज्यादा नई कॉलोनियों में जमीन की डिमांड देखते हुए यहीं कीमतें सबसे ज्यादा बढ़ सकती हैं।
दरअसल, रायपुर के पुराने जगहों में कारोबार स्थिर होने और लॉकडाउन की वजह से मंदी होने के कारण यहां कीमतों में सामान्य बदलाव ही हो सकता है। कुछ एक हिस्सों में मूल्यांकन समिति ने रेट में बदलाव किए हैं, जबकि सबसे ज्यादा नई कॉलोनियों में ही फोकस किया गया है।
मूल्यांकन समिति द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव से पता चला है कि रजिस्ट्री शुल्क के लिए निर्धारित शुल्क में एक प्रतिशत तक की कटौती हो सकती है। रजिस्ट्री शुल्क में अभी जहां 4 प्रतिशत की राशि निर्धारित है, उसे अब 3 प्रतिशत तक किया जा सकता है।
जिला मूल्यांकन समिति की ओर से जारी किए गए प्रस्ताव में रजिस्ट्री शुल्क को लेकर भी नए प्रावधान किए गए हैं, इस पर राज्य शासन की ओर से सहमति बाकी है। घाटे में रीयल एस्टेट व्यापार हुआ चौपट पिछले दो साल में रीयल एस्टेट कारोबार में तगड़ा घाटा होने की वजह से व्यापार चौपट हो गया है।
नोटबंदी और इसके बाद काेरोना के चलते मंदी ज्यादा है। रीयल एस्टेट कारोबार में कई प्राइवेट कॉलोनियां ऐसी हैं, जहां जमीनों की कीमतें 100 से 150 रुपये वर्गफीट कम किए जाने के बावजूद ग्राहकों की तंगी है। मूल्यांकन समिति की नई रिपोर्ट से कारोबारियों को उम्मीद है कि इस बार मूल्य बिल्कुल स्थिर रखा जाएगा।
जिलों से पहुंची रिपोर्ट लगभग सभी जिलों से मूल्यांकन समिति ने रिपोर्ट सौंप दी है। जमीन की कीमतों को लेकर अभी कुछ कह पाना मुश्किल है। शासन स्तर पर निर्णय लिए जाने के बाद कीमतों का निर्धारण किया जा सकेगा।