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छत्तीसगढ़ : खैरागढ़ : राजपूत समाज की बेटियों ने किया ‘माता-पिता’ का अंतिम संस्कार
■उत्कृष्ट उदाहरण.
■राजपूत समाज़ की बेटियों ने किया, ‘माता-पिता’ का अंतिम संस्कार.
■चार बेटियों में शिवानी सिंह परिहार ‘श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना’ की प्रदेश उपाध्यक्ष है
■शिनानी की अन्य तीन बहनें- पार्षद, पत्रकार औऱ शिक्षा विभाग से जुड़ी हैं.
छत्तीसगढ़ । खैरागढ़ । भारत सदियों से स्त्री प्रधान देश रहा है स्त्री को देवी मानकर पूजता रहा है, तिलोत्तमा, मैत्रेई, गार्गी, विदुला, संघमित्रा आदि नारियों ने मर्यादा एवं गरिमा बनाए रखते हुए इतने प्रशंसनीय कार्य किए कि हम आज भी इन्हें शत् शत् नमन करते हैं। मध्यकालीन युग में जब मुस्लिम शासक आये तब से स्त्रियों की दशा खराब होने लगी उन्हें भोग की वस्तु समझा जाने लगा , उन्हें पर्दे में रखा जाने लगा शिक्षा व सम्मान से वंचित किया जाने लगा। धीरे-धीरे स्त्रियों की दशा और दयनीय हो गई व लोग बेटी होने पर डरने लगे । अराजकता , कुरीतियों व भय के माहौल को देखते हुए समाज बेटियों के पैदा होने पर भयभीत होने लगा। किन्तु समाज के कुछ वर्ग एवं लोगों ने इन बातों को दरकिनार करते हुए अपनी बेटियों को ससम्मान पाल पोस कर बड़ा किया और इस काबिल बनाया कि न केवल वे अपना अच्छा जीवन जिएं बल्कि अपने समाज के लिए भी एक मिसाल बने, बस इसी बात का उत्कृष्ट उदाहरण पैश किया राजपूत समाज की बिटिया “शिवानी सिंह परिहार ” ने खैरागढ़ के गंजी पारा में रहने वाली शिवानी अपने मां पिता की चार बेटियां में सबसे बड़ी बेटी रहीं हैं उन्होंने न केवल अपने मां पिता को संभाला बल्कि अपनी छोटी बहनों के प्रति भी जिम्मेदारियों का निर्वहन भली-भांति किया। शिवानी जी श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना की प्रदेश उपाध्यक्ष होने के साथ साथ बहुत सी सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहतीं हैं। शिवानी जी के पिताजी का देहांत एक एक्सीडेंट में हुआ शिवानी जी के जीवन का यह बहुत बड़ा दर्द था उन्होंने यह दर्द सहते हुए स्वयं अपने पिता को मुखाग्नि दी एक बेटी के लिए यह बहुत कठिन क्षण था किन्तु शिवानी जी ने हदय पर पत्थर रखते हुए अपना कर्तव्य का पालन किया। अभी तीन महीने बीते ही थे पिता की मृत्यु का घाव अभी भरा भी नहीं था कि उनकी माताजी। स्वर्ग सिधार गई शिवानी जी ने हिम्मत नही हारी फिर अपनी भावनाओं को नियंत्रित किया और एक रानी बेटी की तरह जन्म देने वाली मां को अन्तिम विदाई दी। अत्यंत दुखी व संवेदनशील घड़ी में यह कोमल मन वाली बेटी ने अपने बेटी होने के कर्तव्य को अविचलित होकर पूर्ण किया। शिवानी जी की बहनें पार्षद, जर्नलिस्ट, शिक्षा विभाग से जुड़ी है।हम सब सर्व प्रथम ऐसे मां पिता को शत् शत् नमन करते हैं जिन्होंने अपनी पुत्रियों को इतने अच्छे से परवरिश दी हिम्मत , मेहनत, स्वाभिमान व संस्कार में रहते हुए जीना सिखाया तथा समाज अगर ऐसे ही समस्त बेटियों को ससम्मान पालेगा तो वह दिन दूर नहीं जब हमें बेटियों की चिंता करनी होगी वे स्वयं सक्षम होंगी अपने जीवन के हर फैसले को लेने में। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की समस्त टीम शिवानी जी व उनके परिवार को सलामी देता है साथ ही शिवानी जी के उज्जवल भविष्य की कामना करता है कि वे” यथा नाम तथा गुण ” चरितार्थ करती करतीं आईं हैं भविष्य में समस्त बेटियों उनसे प्रेरणा लें।
टीम _
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान 🙏
[ ●बसंत सचदेव, ब्यूरो प्रमुख, ‘छत्तीसगढ़ आसपास’. ●प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह, रायपुर, छत्तीसगढ़. ]
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