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- ■शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज के चैयरमेन आईपी मिश्रा के इकलौते बेटे अभिषेक मिश्रा हत्याकांड पर कोर्ट का फ़ैसला: •विकास जैन और अजीत सिंह को अंतिम सांस तक कारावास.
■शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज के चैयरमेन आईपी मिश्रा के इकलौते बेटे अभिषेक मिश्रा हत्याकांड पर कोर्ट का फ़ैसला: •विकास जैन और अजीत सिंह को अंतिम सांस तक कारावास.
छत्तीसगढ़-भिलाई : भिलाई के प्रतिष्ठित परिवार के बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड पर कोर्ट का अंतिम फैसला आ चुका है। कोर्ट ने यह फैसला ऑनलाइन मोड पर सुनाया है। जिसमें इस हत्याकांड में शामिल किम्सी जैन को कोर्ट ने यह कहकर बरी कर दिया कि किम्सी के खिलाफ परिस्थितियां प्रमाणित नहीं हो रही है। वहीं आरोपी विकास जैन और अजीत सिंह को जीवन की अंतिम सांस तक कारावास की सजा दी गई है। दोनों आरोपियों पर अर्थदंड भी लगाया गया है। बता दें कि फिल्मी स्टाइल में वारदात को अंजाम दिया गया ।
छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुए बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड को फिल्मी अंदाज में अंजाम दिया गया था। साल 2015 में 9 नवंबर की शाम पूरे देश में ख्याति प्राप्त शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज के चेयरमैन आईपी मिश्रा के इकलौते बेटे अभिषेक मिश्रा लापता हो गए थे। बेहद ही हाईप्रोफाइल इस मामले में पूरे प्रदेश में खलबली मचा दी थी
पुलिस ने भी इसे सुलझाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। करीब 1 करोड़ मोबाइल फोन की डिटेल खंगाली गई और सैकड़ों लोगों से पूछताछ हुई, जिसके बाद पुलिस की निगाह भिलाई में रहने वाले सेक्टर 10 निवासी विकास जैन के ऊपर आकर टिक गई।
इस वारदात में कहीं न कहीं लव, सेक्स और धोखा का एंगल जुड़ता है। दरअसल किम्सी जैन नाम की महिला अभिषेक के इंजीनियरिंग कॉलेज में कुछ साल पहले नौकरी करती थी। इसी दौरान अभिषेक और किम्सी करीब आ गए, लेकिन इस बीच किम्सी की शादी विकास जैन से हो गई और उसने शंकराचार्य कॉलेज का जॉब छोड़ दिया, लेकिन अभिषेक इसके बाद भी किम्सी पर संबंध रखने के लिए दबाव बना रहा था।
इससे किम्सी परेशान हो गई थी। उसने ये बात अपने पति विकास को बताई। ये जानकर विकास का खून खौल उठा। इसके बाद किम्सी, पति विकास और किम्सी के ससुर अजीत ने हत्याकांड की साजिश रची। किम्सी ने अभिषेक को फोन करके अपने भिलाई के स्मृति नगर स्थित घर पर बुलाया। जहां विकास जैन और ससुर अजीत ने उसके सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया।
मौके पर ही अभिषेक की मौत हो गई। फिर लाश वहीं जमीन में दफनाकर चलते बनते हैं। आरोपियों ने बेहद ही शातिराना अंदाज में लाश को गाड़कर उसके ऊपर सब्जियां उगा दी थीं। पुलिस ने लाश के पास हाथ का कड़ा, अंगूठी और लॉकेट देखकर अभिषेक मिश्रा की लाश होने की पुष्टि की थी। लाश का डीएनए टेस्ट भी कराया गया था।
शंकराचार्य ग्रुप ऑफ कॉलेज के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा के मर्डर की गुत्थी 9 नवंबर से 44 दिनों के बाद दिसंबर 2015 को खुली। इसके बाद किम्सी जैन, उसके पति विकास जैन और ससुर अजीत को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद लगातार इस मामले की जांच की गई और जांच पूरी होने के बाद इसे दुर्ग न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। करीब 5 साल तक यह मामला दुर्ग जिला न्यायालय में चल रहा था। पूरी जांच और गवाही होने के बाद अब दुर्ग जिला कोर्ट 9 अप्रैल को फैसला सुनाया है।
जज ने किम्सी को लेकर कहा कि परिस्थितिजन्य प्रकरण है और किम्सी के खिलाफ परिस्थितियां प्रमाणित नहीं हुई हैं। आरोपी विकास जैन और अजीत सिंह को जीवन की अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई है। दोनों आरोपियों पर अर्थदंड भी लगाया गया है। बाद में जांच में केस परत दर परत खुलती चली गई. इस मर्डर में विकास जैन, उसकी पत्नी और अभिषेक की पूर्व प्रेमिका किम्सी जैन और विकास का चाचा अजीत शामिल थे तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था!
[ क्राइम समाचार डेस्क,’छत्तीसगढ़ आसपास’. ●प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह, रायपुर, छत्तीसगढ़. ]
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