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- ■पखांजुर आसपास खबर : •बस्तर संभाग के ग्रामीण इलाकों में विकास नहीं पहुंच रहा है.
■पखांजुर आसपास खबर : •बस्तर संभाग के ग्रामीण इलाकों में विकास नहीं पहुंच रहा है.
■ग्रामीणों ने श्रम दान कर लकड़ी के पुल का निर्माण किया.
■आज़ादी के 70 दशक बाद भी पुल नहीं.
■15 साल भाजपा और 3 साल कांग्रेस.
छत्तीसगढ़ । पखांजुर ।
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बस्तर संभाग के ग्रामीण इलाकों में विकास नहीं पहुंच सका है. कई बार जनप्रतिनिधि और प्रशासन भी इन इलाकों में राहत और विकास के कार्य नहीं कर पाते हैं. लेकिन ऐसे वक्त में ग्रामीण अपनी सूझबूझ का उदाहरण देने से पीछे नहीं हटते हैं. कहते हैं जहां चाह, वहां राह इस वाक्य को कांकेर के ग्रामीणों ने सच कर दिखाया है. नाले में पुलिया निर्माण की मांग करते-करते थक चुके ग्रामीणों ने श्रम दान कर खुद ही लकड़ी का पुल तैयार कर लिया है. ताकि उन्हें बारिश के दिनों में आगावमन के दौरान परेशानी का सामना न करना पड़े।
ग्रामीणों ने बनाया पुलउप विकासखंड पखांजूर से 12 किलोमीटर दूरी पर आंजाड़ी में स्थित नाले में आजादी के 70 दशक बाद भी पुल नहीं बना है. अंजाड़ी नाले को पार कर 40 गांव के ग्रामीण अपनी दैनिक जरूरतों का सामान लेने पखांजूर मुख्यालय जाते हैं. बारिश के दौरान अंजाड़ी नाले में पानी भरने से ग्रामीण कई-कई दिनों तक पखांजूर मुख्यालय नहीं पहुंच पाते थे. ग्रामीण लगातार इस नाले पर पुल निर्माण की मांग कर रहे थे।लेकिन उनकी मांग किसी ने नहीं सुनी।ग्रामीणों ने बनाया पुलएक हफ्ते में तैयार हुआ पुलअंजाड़ी गांव के ग्रामीण राजेश नुरेटी ने बताया कि श्रमदान से ग्रामीणों ने सप्ताह भर में लकड़ी का पुल बनाया है. इस पुल के बनने से बारिश में आवागमन बाधित नहीं होगा, ज्यादा बारिश होने की स्थिति में ग्रामीण नाले के ऊपर बने इस पुल को पार नहीं करते हैं, बल्लियों और लकड़ी के सहारे पुल का निर्माण किया गया है। ग्रामीणग्रामीणों का कहना है कि नदी में पानी भर जाने से बीमार व्यक्ति को सही समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा पाते थे, बारिश के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. नदी में पानी भर जाने से अंजाड़ी गांव के पाठशाला में शिक्षक भी नहीं आ पाते हैं, जिसके चलते बच्चों का भविष्य अंधकार में नजर आता है, सरकार की ओर से दिया जाने वाला राशन भी पीडीएस से गांव लाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ग्रामीणों ने बताया कि, कई बार शासन-प्रशासन को अवगत कराया गया है,लेकिन उनकी मांगों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा था। छत्तीसगढ़ निर्माण के 20 साल होने के बाद भी अब तक पुल नहीं बन सका है. 3 साल कांग्रेस फिर, 15 साल बीजेपी की सरकार के बाद दोबार भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार सत्ता में है. लेकिन विकास के बड़े-बड़े दावे अंजाड़ी की समस्या के आगे बौने नजर आते हैं। मुख्यालय से संपर्कनाले में पुल नहीं होने से लोगों का संपर्क पखांजूर मुख्यालय से कट जाता था, जिससे ग्रामीणों को रोजर्मरा के सामानों की खरीदी करने में भी परेशानी होती थी. परेशानियों को देखते हुए ग्रामीणों ने अंजाड़ी नाले में श्रम दान से लड़की का पुल बना लिया. अब ग्रामीणों को शासन-प्रशासन से एक पक्के पुल के निर्माण की उम्मीद रखते हैं।
[ प्रसंजीत सरकार, ब्यूरो प्रमुख, ‘छत्तीसगढ़ आसपास’. प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह,रायपुर,छत्तीसगढ़. ]
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