■भिलाई : स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर ‘साहित्य परिषद’ का गठन.
■भिलाई स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय आमदी नगर हुडको भिलाई में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर साहित्य परिषद का गठन किया गया कोविड-19 के बढ़ते दुष्प्रभाव के कारण परिषद का गठन ऑनलाइन माध्यम से महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला के मुख्यआतिथ्य में किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के सीओओ डॉ दीपक शर्मा ने किया।
कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए डॉ सुनीता वर्मा विभागाध्यक्ष हिंदी ने बताया विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर साहित्य परिषद का गठन किया जा रहा है आशा है परिषद के माध्यम से विद्यार्थियों में साहित्य के प्रति रुचि उत्पन्न होगी आज विद्यार्थी फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप में फॉरवर्ड मैसेज भेजते हैं स्वयं की भाव अभिव्यक्ति शून्य होते जा रही है परिषद के माध्यम से विद्यार्थी महाविद्यालय पत्रिका उद्गम में अपनी रचनाएं प्रकाशित करवा सकते हैं साथ ही अन्य विद्यार्थियों को भी रचनाएं प्रकाशित करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं परिषद गठन का उद्देश्य तभी पूरा होगा जब विद्यार्थी अपने भावों की अभिव्यक्ति कर उसे विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित करवाएंगे व साहित्यकार के रूप में अपने को प्रतिष्ठित कर पाएंगे ।
महाविद्यालय के सीओओ डॉ दीपक शर्मा सर ने परिषद के सदस्यों को बधाई दी वह कहा इससे विद्यार्थियों में रचनात्मक और कल्पनात्मक शक्ति का विकास होगा। साहित्य हमें अपने नहीं अपितु दूसरे के हित में विचार करने के लिए प्रेरित करती है साथ ही साहित्य से उस युग के इतिहास का भी पता चलता है और संस्कृति व साहित्य का ज्ञान होता है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ श्रीमतीं हंसा शुक्ला ने विद्यार्थियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई एवं अपने उद्बोधन में कहा आज विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर परिषद का गठन किया जाना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि जब कोई तिथि विशेष में कोई कार्यक्रम संपन्न होता है तो उसका महत्व दोगुना हो जाता है हिंदी की पहचान भारत की राष्ट्रभाषा के रूप में है। आज अंर्तराष्ट्रीय व राष्ट्रीय पटल पर अंग्रेजी बोलना जरूरी है पर अपने दिल के उद्गार को हम व्यक्त करना चाहते हैं तो वह हमारी अपनी मातृभाषा हो सकती है अपनी भाषा में भाव को व्यक्त करने में जो खुशी होती है वह किसी अन्य भाषा में व्यक्त करने से नहीं होती है। अगर हम अपने देश से बाहर जाते हैं और विदेश में कोई हिंदी बोलता है तो भाषा के माध्यम से जो अपनापन झलकता है वह बहुत अनमोल है।
स.प्रा. संयुक्ता पाढ़ी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी ने साहित्य परिषद एक ऐसा खुला मंच है जहां सभी को अपने विचार अभिव्यक्ति का अवसर मिलता है चाहे वह माध्यम गीत, गजल, कहानी, लेखन कविता क्यों न हो रचनात्मकता दिखाने का इससे अच्छा अवसर और कोई नहीं हो सकता।
इस अवसर पर बीए द्वितीय वर्ष के छात्र पृथ्वी सिंह राजपूत ने अपनी स्वरचित कविता मातृभूमि सुनायी तथा भूमिका साहू एमएससी तृतीय सेमेस्टर गणित ने हिन्दी भाषा हमारी पहचान कविता का पाठ किया जिसकी पंक्तियॉ मेरा यह पैगाम तुम भूल न जाना हिन्दी भाशा हमारी पहचान है मे श्रोता भाव विभोर हो गये।
नवगठित साहित्य परिषद के पदाधिकारी इस प्रकार है अध्यक्ष- समृद्धि तिवारी बीएससी अंतिम वर्ष, उपाध्यक्ष- कीर्ति गुप्ता बीएससी द्वितीय वर्ष, सचिव- पृथ्वी सिंह राजपूत बीए द्वितीय वर्ष ,सह-सचिव भूमिका साहू एमएससी गणित तृतीय सेमेस्टर ,कोषाध्यक्ष- अनिमेष अधिकारी बीबीए पंचम सेमेस्टर सदस्य अंजली बीए प्रथम सेमेस्टर, आस्था महादीक, बीकॉम द्वितीय वर्ष ,पलक तिवारी बीएससी द्वितीय वर्ष ,सोनिया जायसवाल बीएससी द्वितीय वर्ष, भावेशशाह बीकॉम द्वितीय वर्ष, नेहा राय बीकॉम प्रथम वर्ष, स्नेहा नायिक बीबीए सेमेस्टर प्रथम सेमेस्ट, मयंक मिश्रा बीसीएप्रथम वर्ष। कार्यक्रम में मंचसंचालन श्रीमती संयुक्ता पाढ़ी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी व धन्यवाद साहित्य परिषद के अध्यक्ष समृद्धि तिवारी बीएससी अंतिम वर्ष नेकिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में स.प्रा. सुपर्णा भगत स.प्रा. जानकी जंघेल, स.प्रा. दीक्षा साहू ने विशेष योगदान दिया।
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