■सम्मान : आचार्य डॉ. महेशचंद्र शर्मा ग्वालियर मध्यप्रदेश में सम्मानित,’अखिल भारतीय भवभूति समारोह’.
■इस्पात नगरी भिलाई के साहित्याचार्य डॉ. महेशचंद्र शर्मा ने अखिल भारतीय भवभूति समारोह ग्वालियर मध्यप्रदेश में शोधसत्र का वाचन किया.
■कालिदास संस्कृत अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद उज्जैन, जीवाजी विश्वविद्यालय, महाकवि भवभूति शोध एवं शिक्षा समिति के सहयोग से आयोजन.
♀ भिलाई
इस्पात नगरी के साहित्याचार्य डा. महेशचन्द्र शर्मा ने अखिल भारतीय भवभूति समारोह ग्वालियर में सक्रिय उपस्थिति दर्ज़ कराते हुये शोधपत्र का वाचन किया।कालिदास संस्कृत अकादमी म.प्र.संस्कृति परिषद् उज्जैन द्वारा जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर एवं महाकवि भवभूति शोध एवं शिक्षा समिति ग्वालियर के सहयोग से उक्त कार्यक्रम आयोजित था। रोचक और ज्ञानवर्धक सांस्कृतिक और अकादमिक कार्यक्रमों की सभी ने सराहना की। आचार्य डा. महेशचन्द्र शर्मा ने शोधालेख पठन के प्रथम सत्र की अध्यक्षता की। उन्होंने ” महाकवि भवभूति के मालतीमाधव में कुछ अभिनव प्रयोग ” शीर्षक शोधालेख भी प्रस्तुत किया। उल्लेखनीय है कि डा. शर्मा इसके पूर्व भी देश-विदेश की अनेक सफल शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक यात्रा करचुके हैं। उनके500 से अधिक लेख,आलेख,समीक्षालेख,ललितलेख और शोधालेख भी राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी दस पुस्तकें भी ससम्मान प्रकाशित हुई हैं। ग्वालियर के इस समारोह में भी उनकी पुस्तकों ” गागर में सागर ” एवं “साहित्य और समाज” की प्रशंसा भी दूर-दूर से विद्वानों ने की। कुलपति डा.मुरलीमनोहर पाठक,नयीदिल्ली,डा.भागवतशरण शुक्ल,वाराणसी,डा.रामेश्वर प्रसाद गुप्त,दतिया,डा.बाबू लाल मीना, भरतपुर,संस्कृत के प्रसिद्ध हास्यकवि डा.प्रशस्यमित्र शास्त्री,रायबरेली,डा.चन्द्रभूषण झा, नयी दिल्ली,डा.आशासिंह रावत,ग्वालियर,डा.बालकृष्ण शर्मा,ग्वालियर एवं जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति प्रोफेसर अविनाश तिवारी के साथ बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति से संस्कृत के पठन-पाठन और शोध की गरिमा को बढ़ाया। संस्कृत के विशेष अध्ययन, अध्यापन ,अनुसन्धान और लेखन हेतु आचार्य डा. महेशचन्द्र शर्मा का शाल-श्रीफल और पुष्प माला से सम्मान भी आयोजकों ने किया। डा.शर्मा छत्तीसगढ़ से एकमात्र विशेष उपस्थित विद्वान् थे। सांसद विवेक नारायण शेजवलकर समारोह के मुख्य अतिथि थे । इस भव्य समारोह के सफल आयोजन, संयोजन और समन्वय हेतु कालिदा अकादमी म.प्र. संस्कृति परिषद् उज्जैन के प्रभारी निदेशक डा. सन्तोष पण्ड्या की सबने मुक्तकण्ठ से सराहना की। जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर एवं स्थानीय भवभूति समिति ने उनका सहयोग किया।संस्कृत कवि सम्मेलन एवं संस्कृत भाषा में मंचित प्रमोद पाराशर निर्देशित “मालतीमाधवम्” नाटक देखकर दर्शक भावविभोर होगये।
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