■’रंग संग नाट्य संगठन’ गठित.
♀ रंगमंच गतिविधियों का विस्तार के लिए गठित ‘रंग संग नाट्य संगठन’.
♀ भिलाई इस्पात संयंत्र रंगमंच को बढ़ावा देगी.
■भिलाई
विगत दिवस भिलाई दुर्ग के रंगमंच निर्देशकों की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में विश्व रंगमंच दिवस 27 मार्च 2022 एवं हिंदी रंगमंच दिवस 3 अप्रैल 2022 को होने वाली नाट्य गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा हुई। इस अवसर पर भिलाई दुर्ग में रंगमंच गतिविधियों को व्यापक करने व आम आदमी से सीधा संवाद स्थापित करने हेतु सभी रंगमंच संस्थाओं का एक सम्मिलित समूह बनाया गया जिसे “रंग संग नाट्य संगठन भिलाई दुर्ग” नाम दिया गया।
जिले में होने वाली हर रंगमंच गतिविधि में सभी नाट्य समूह एकजुट होकर आगे कार्य करेंगे।
बैठक में कोरस के निर्देशक हरजिंदर सिंह मोटिया, क्षितिज रंग शिविर के गोपाल शर्मा, इप्टा के चारु श्रीवास्तव व भारत भूषण परगनिहा,मुट्ठी से गुलाम हैदर और नेहा साहू, स्वयंसिद्धा से डॉ.सोनाली चक्रवर्ती,सूत्रधार थिएटर अकादमी और बालरंग द चिल्ड्रन थिएटर से विभाष उपाध्याय आदि उपस्थित थे।रंगसंग द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र के संबंधित विभाग से सौजन्य भेंट की गई। प्रभंजय चतुर्वेदी ने प्रबंधन की ऒर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इस्पात संयंत्र द्वारा हर शनिवार को आयोजित होने वाले महक कार्यक्रम में शनिवार 2 अप्रैल को संस्था मुट्ठी द्वारा नाटक-” शताब्दी का एक दिन”,इप्टा द्वारा जनगीत गायन और कच्ची धूप (स्वयंसिद्धा) द्वारा डॉ सोनाली चक्रवर्ती द्वारा लिखित व निर्देशित नुक्कड़ नाटक “ये लड़कियां पैदा क्यों हो जाती है?”
का मंचन किया जाएगा।
रंग संग समिति में अंचल की संस्थाएं स्वयंसिद्धा, मुट्ठी, इप्टा, कोरस, क्षितिज रंग शिविर, सूत्रधार थिएटर ,बाल रंग चिल्ड्रन थिएटर, सत्य नाट्य मंच, बंग नाट्य परिषद, प्रवास आंध्रा नाट्य मंडली, मस्त , लिटिल इफोर्ट कालांजलि आदि शामिल है।
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