■राजनांदगांव आसपास ■मुख्यमंत्री के निर्णय के बाद भी 40 हज़ार पद पर पदोन्नति अवरुद्ध : शिक्षकों में है विभाग के लिए भारी रोष.
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा,प्रदेश उपाध्यक्ष व संभाग प्रभारी विनोद गुप्ता, जिलाध्यक्ष गोपी वर्मा ने कहा है कि शिक्षा विभाग की सबसे बड़ी पदोन्नति हेतु विभाग द्वारा ठोस तैयारी नही की व 46 हजार पदोन्नति हेतु संचालक द्वारा आज पर्यंत किसी भी प्रकार का पदोन्नति हेतु नियम निर्देश नही बनाया गया, जिसके कारण जेडी व डीईओ ने अपने हिसाब से नियम का व्याख्या कर मनमर्जी से वरिष्ठता सूची बनाई जिसके चलते पदोन्नति की प्रक्रिया में रुकावटे आयी,जिसके कारण माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशा पर पानी फिर गया।
संजय शर्मा ने कहा कि गत 22 नवम्बर 2021 को वन टाईम रिलेक्सेशन की घोषणा कर 5 वर्ष की अवधि को घटाकर 3 वर्ष करते हुए सहायक शिक्षकों में पदोन्नति की आशा का संचार किया था लेकिन आज लगभग 6 माह बीत जाने पर भी अधिकारियों की सुस्ती ने सहायक शिक्षकों की पदोन्नति पर ग्रहण लगा दिया है। मुख्यमंत्री द्वारा केबिनेट में लिए गए निर्णय का अब तक समुचित क्रियान्वयन विभाग द्वारा नही कराया जा सका है।
जिलाध्यक्ष गोपी वर्मा ने बताया कि अलग अलग नियम के चलते कुछ असंतुष्ट शिक्षकों ने कोर्ट में केस दाखिल कर पदोन्नति रोकने याचिका लगाई थी जिस पर माननीय न्यायालय ने पदोन्नति प्रक्रिया पर स्टे लगाकर शासन से जवाब मांगा था, समय पर शासन के अधिकारियों द्वारा कोर्ट में जवाब नहीं देने के चलते पदोन्नति बाधित रहा है, अब पुनः तीसरी बार माननीय न्यायालय ने पदोन्नति पर स्टे को आगे बढाते हुए सुनवाई की तारीख 10 मई तय की है।
शैलेन्द्र यदु बाबूलाल लाड़े राकेश तिवारी चन्द्रिका यादव बृजेश वर्मा जीवन वर्मा हंसकुमार मेश्राम देवेन्द्र साहू मनोज वर्मा संदीप साहू सुकालू वर्मा रतिराम कन्नौजे राजेश साहू फ्लेश साहू राजेश राजपूत भागवत पदौती रूपेन्द्र नंदे पंचशीला सहारे राजकुमारी जैन ने कहा कि शिक्षा विभाग के कामकाज का तरीका बेहद अव्यवहारिक है जिसके कारण हजारो शिक्षको को अब तक पदोन्नति से वंचित होना पज़ रहा है,साथ ही प्राचार्य व व्याख्याता के पद पर पहले पदोन्नति की प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए।
विभाग के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है। उच्च न्यायालय में लगे रोक को समय सीमा में समुचित जवाब देकर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी हटवाएं, इस हेतु छ.ग.टी.एसोसिएशन ने 2 बार विभाग को पत्र भी लिखा है।विभाग द्वारा की जा रही लेट लतिफी से संघ ने आक्रोश ब्यक्त किया है.
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