सूर्यकांत तिवारी का बयान कांग्रेस पार्टी के विधायकों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगाता है- जितेन्द्र वर्मा
दुर्ग। जिला भाजपा अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने कोल माफिया सूर्यकांत तिवारी के उस बयान को झूठ का पुलिंदा बताया जिसमे उन्होंने कहा है कि अफसरों ने कहा कि मैडम सौम्या का नाम लो तुम्हें छत्तीसगढ़ का एकनाथ शिंदे बना देंगे। इस बयान के द्वारा सूर्यकांत तिवारी अपनी ही कांग्रेस पार्टी के विधायकों को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं यदि सूर्यकांत तिवारी के झूठे बयान को मान भी लिया जाए तो उससे यही संदेश जाता है कि कांग्रेस पार्टी के 75 प्रतिशत विधायक बिकाऊ है और बिकने के लिए तैयार हैं जबकि वास्तव ऐसा कुछ भी नहीं है। सूर्यकांत तिवारी के इस बयान पर तो कांग्रेस पार्टी के विधायकों को सामूहिक रूप से सामने आकर खंडन करना चाहिए क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा अपमान कांग्रेस पार्टी के विधायकों का ही हुआ है, सूर्यकांत तिवारी ने उन्हें बिकाऊ बताने का प्रयास किया है।
श्री वर्मा ने सूर्यकांत तिवारी के उस बयान को अविश्वसनीय बताया है जिसमे सूर्यकांत तिवारी ने कहा कि 30 जून को उनके यहाँ आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा पूछताछ के दौरान अफसरों ने दबाव बनाया कि वो प्रदेश के 40 से 45 विधायकों की सूची बनाए विपक्ष के विधायकों के सहयोग से प्रदेश की सरकार बदल दी जाएगी, सूर्यकांत तिवारी को प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा क्योंकि यदि वास्तव में सूर्यकांत तिवारी जैसे रंग बदलने वाले आदमी के कहने पर कांग्रेस के 40 से 45 विधायक एकजुट हो सकते हैं तो यह भूपेश बघेल के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
सूर्यकांत तिवारी का यह कहना पूरी तरह से झूठ है कि अफसरों ने मुझ पर दबाव बनाया कि मैं किसी प्रकार से अपने व्यवसाय में मुख्यमंत्री सचिवालय की उपसचिव सौम्या चौरसिया का नाम जोड़ दूँ क्योंकि आयकर विभाग द्वारा पहले ही सारे साक्ष्य जुटा लिए जाते हैं उसके बाद ही छापा मारने की कार्यवाही की जाती है। आयकर विभाग द्वारा अंधेरे में तीर चलाने वाला कृत्य नहीं किया जाता यदि आयकर विभाग के पास किसी अधिकारी के खिलाफ कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं है तो एकमात्र सूर्यकांत तिवारी जैसे व्यक्ति के कहने से ही उस अधिकारी के खिलाफ मामला नहीं बन सकता।
जितेंद्र वर्मा ने कहा कि सूर्यकांत तिवारी का बयान बेहद हास्यास्पद भी है, भारतीय जनता पार्टी कभी खरोद फरोख्त की राजनीति नही करती है। यदि स्वयं कांग्रेस की अंदरूनी कलह के कारण से किसी राज्य विशेष में कोई राजनीतिक संकट खड़ा होता है तो उसके लिए भाजपा को दोष देना गलत है। खरीद फरोख्त की राजनीति तो स्व. अजीत जोगी के मुख्यमंन्त्रित्व काल में शुरू हुई जब एक साथ अजीत जोगी ने भाजपा के 13 विधायकों को मंत्री पद का लालच और मोटी रकम के एवज में बीजेपी से कांग्रेस में लाया था, इसी घटना का चुनाव आयोग ने गम्भीरता से संज्ञान लेते हुए यह नियम लागू किया कि दलबदल करने वाले विधायको एवं सांसदों की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। उस समय सूर्यकांत तिवारी अजीत जोगी के बेहद करीबी थे। भारतीय जनता पार्टी खरीद फरोख्त की राजनीति की बजाय अपने सिद्धांतों पर अमल करने वाली विश्व की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी है। भारतीय जनता पार्टी जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी एवं पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारधारा पर अमल करने वाली पार्टी है जिसमें व्यक्ति विशेष नही संगठन सर्वोपरि होता है। श्री वर्मा ने सूर्यकांत तिवारी के उस बयान को बचकाना बताया है जिसमे उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान कई बार आयकर अफसरों ने पीटा, क्योंकि आयकर विभाग के अधिकारी सिर्फ पूछताछ करते हैं मारपीट नही और यदि वास्तव में उनके साथ आयकर अधिकारियों ने मारपीट की थी तो उन्होंने इसके विरुद्ध विधिक कार्यवाही के लिए कदम क्यों नहीं उठाया? श्री वर्मा ने सूर्यकांत तिवारी के उस बयान को कपोल कल्पित बताया है जिसमे सूर्यकांत तिवारी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की साजिश रच रही है। जितेंद्र वर्मा ने सूर्यकांत तिवारी को सुझाव दिया कि सूर्यकांत तिवारी से जो अपार धन बरामद हुआ है, उसका स्रोत बता कर काले धन पर टैक्स अदायगी करने की बजाय अपने आपको मीडिया के माध्यम से निर्दोष बताने का प्रयास ना करें। अगर सूर्यकांत तिवारी के खिलाफ आयकर विभाग की कार्यवाही निरर्थक है तो उन्हें कुछ नहीं होगा और अगर आयकर विभाग के पास सूर्यकांत तिवारी के विरुद्ध ठोस साक्ष्य और अभिलेख है तो सूर्यकांत तिवारी को कोई नहीं बचा सकता।
श्री वर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जनता जनार्दन के आशीर्वाद से केंद्र में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई है आगामी विधानसभा में पूर्ण बहुमत से छत्तीसगढ़ में सरकार बनाएगी वो दिन दूर नही है जब कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार होगा।